जीडीए की सबसे बड़ी टॉउनशिप में शामिल वसुंधरा अपार्टमेंट के रेजीडेंट सीलन लीकेज और खराब ड्रेनेज के चलते परेशान हैं. सात साल पहले विकसित हुई इस टॉउनशिप में हुए घटिया निर्माण की वजह से लोगों को दोबारा पैसा लगाकर रिपेयरिंग का काम करवाना पड़ रहा है.


गोरखपुर (ब्यूरो)। 528 फ्लैट्स की इस कॉलोनी में रहने वाले करीब 3000 लोगों को रोजाना चोक पाइपों से ओवरफ्लो होने वाले पानी के चलते भयंकर गंदगी का एहसास होता है। वहीं, इसके पार्किंग में लटकते तारों का जंजाल कभी भी बड़ा हादसा करा सकता है। कॉलोनाइजर्स कई बार इन समस्याओं को लेकर जीडीए के अफसरों से गुहार लगा चुके हैं, लेकिन अबतक उन्हें कोई सॉल्यूशन नहीं मिल पाया है। वसुंधरा के रहने वाले धर्मेंद्र सिंह ने बताया कि एक बार शिकायत का संज्ञान लेकर कमिश्नर ने तीन सदस्यों की जांच कमेटी भी बनाई थी। कमेटी ने जांच के बाद कई बिंदुओं की पुष्टि करते हुए यहां सुधार की शिफारिस की थी, लेकिन आजतक यहां कोई काम नहीं हो पाया है। ऑवरफ्लो होता रहता है गंदा पानी वसुंधरा के लगभग सभी ब्लाक्स की नालियां चोक हो चुकी हैं। यहां नाली का पानी ओवरफ्लो होकर गलियों में


बहने लगता है। इससे एक ओर जहां लोग गली में खड़े होने से हिचकते हैं तो वहीं दूसरी ओर शाम होते ही यहां मच्छरों का प्रकोप कुछ ऐसा फैलता है कि एक मिनट भी खुले में खड़े रहना मुश्किल हो जाता है।दीवारों से लेकर छत तक में सीलन

वसुंधरा के अपार्टमेंट्स में लगे ड्रेनेज पाइप में सडऩ के चलते लीकेज शुरू हो गई है। बालकनी के बगल में लगे इन पाइपों से लगातार पानी चूता है। इसके चलते बालकनी में खड़ा होना मुश्किल हो जाता है। वहीं, दूसरी ओर लगातार पानी, चूने के चलते दीवारों से लेकर छत तक सीलन लग गई है। अपार्टमेंट में रहने वाले अजय पांडेय बताते हैं कि अगर यही हाल रहा तो किसी दिन यहां छत की प्लास्टर टूट कर गिर भी जाए तो आश्चर्य की बात नहीं होगी।यूटिलिटी रूम पर अवैध कब्जाअपार्टमेंट की पार्किंग में बने यूटिलिटी रूम को पहले जीडीए ने कॉलोनाइजर्स को एलाट करने की योजना भी बनाई थी। इसमें 10 से 12 रूम एलाट भी किर दिए गए। लेकिन इसके बाद प्राधिकरण ने बाकी के बचे रूम को एलाट करने में सुस्ती बरतना शुरू कर दिया। इसी का परिणाम है कि आज ज्यादातर यूटिलिटी रूम पर लोगों ने अवैध कब्जा कर लिया है। इस समय के हालात ये हैं कि जीडीए को अपनी ही प्रापर्टी पर मुहर लगाकर बताना पड़ रहा है।खराब पड़ी है मोटर

वसुंधरा सोसाइटी के अंदर लगे 6 में से 3 मोटर खराब पड़े हैं। इन मोटर्स के भरोसे वसुंधरा के 528 फ्लैट्स में रहने वाले लोगों के साथ ही अमरावती अपार्टमेंट के 100 से ज्यादा फ्लैट्स में रहने वाले लोगों को वॉटर सप्लाई दी जाती है। अगर जल्द ही ये मोटर नहीं बने और प्रचंड गर्मी के मौसम में बाकी के बचे मोटर खराब हुए तो पानी को लेकर हाहाकार मचना तय है। बयां किया दर्द कॉलोनी में घटिया निर्माण को लेकर कई बार जीडीए में शिकायत की गई लेकिन कोई सॉल्यूशन नहीं मिला। शिकायतों को लेकर एक बार कमिश्नर ने कमेटी भी बनाई थी, बावजूद इसके फिर एकबार मामला ठंडे बस्ते में चला गया।धर्मेंद्र सिंह, वसुंधरा अपार्टमेंटयहां तो लगभग सभी अपार्टमेंट्स का पाइप चोक हो चुका है। हालत यह है कि बालकनी में खड़ा रहना मुश्किल हो गया है। ड्रेनेज के गंदा पानी निकलकर ऊपर छिटकने लगता है।अजय पांडेय, वसुंधरा अपार्टमेंटयहां सीलन और लीकेज की समस्या सबसे बड़ी है। इसको लेकर कई बार जीडीए के अफसरों से शिकायत की गई लेकिन कोई असर नहीं है। अब तो उम्मीद ही खत्म हो गई है।डॉ। अखिलेश पांडेय, वसुंधरा अपार्टमेंट
सोसाइटी में लगे 3 मोटर खराब हो चुके हैं। वसुंधरा के साथ ही अमरावती में रहने वाले लोग भी इन्हीं मोटरों से पानी की आपूर्ति पाते हैं। अगर प्रचंड गर्मी के इस मौसम में ये मोटर खराब हुए तो पानी की मुसीबत झेलनी पड़ेगी।विपिन कुमार मल्ल, वसुंधरा अपार्टमेंटवसुंधरा की समस्याओं का जल्द से जल्द निस्तारण कराया जाएगा। लापरवाही बरतने वालों पर कार्रवाई की जाएगी। किसी सूरत में कालोनाइजर्स को परेशानी नहीं होने पाएगी।अनिल ढींगरा, कमिश्नर

Posted By: Inextlive