लाइलाज समझी जाने वाली बीमारी सेरेब्रल पाल्सी से जूझ रहे चार वर्षीय रुद्रांश का परिवार काफी परेशान था. उन्होंने प्राइवेट फिजियोथेपी सेंटर पर इलाज करवाया लेकिन सफलता नहीं मिली. क्योंकि बच्चें को चलने खाना खाने और उसे निगलने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा था. परिवार के लोग तमाम जगहों पर इलाज करवाया लेकिन फायदा नहीं हुआ. इसके बाद किसी ने सलाह दी कि जिला अस्पताल के फिजियोथेरेपी सेंटर में डॉक्टर से परामर्श लें.

गोरखपुर : परिवार के लोग डॉक्टर के पास पहुंचे। डॉ। रविंद्र ओझा की सलाह पर बच्चे का फिजियोथेरेपी ट्रीटमेंंट शुरू हुआ। एक महीने की फिजियोथेरेपी से रुद्रांश चलने फिरने, उठने बैठने लायक हो गए। वहीं, सात वर्षीय आदर्श की भी जिला अस्पताल में फिजियोथेरेपी हुई। 20 दिन की रेगुलर फिजियोथेरेपी से 70 परसेंट शारीरिक गतिविधियों में सुधार होने लगा। यह दो ही मामले नहीं हैं। इस बीमारी से अधिकांश बच्चे ग्रसित है। जिसे लेकर परिवार के लोग परेशान है। लेकिन जिला अस्पताल के फिजियोथेरेपी सेंटर पर इसका भी इलाज उपलब्ध है।

फिजियोथेरेपी का असर


जिला अस्पताल में सेरेब्रल पाल्सी के शिकार बच्चे प्रतिदिन 8 से 10 मरीज आते हैं। फिजियोथिरेपिस्ट डॉ। रविंद्र ओझा ने बताया कि सेरेब्रल पाल्सी असल में न्यूरोलॉजिकल स्थितियों का एक समूह है, जो बच्चों में मोटर स्किल्स, शरीर के संचालन और मांसपेशियों को प्रभावित करता है। इस स्थिति की वजह से देखने, सुनने और सीखने की क्षमता में बाधा आने लगती है। सेरेब्रल पाल्सी की स्थिति हर 1000 बच्चों में दो से तीन बच्चों को प्रभावित कर सकती है।

ब्रेन को नुकशान


उन्होंने बताया कि इसका मुख्य कारण है जन्म के पहले या जन्म के दौरान नवजात या भ्रूण के दिमाग को या फिर पांच वर्ष की उम्र के पहले बच्चे के दिमाग को किसी कारण से क्षति पहुंचती है। यह क्षति संक्रमण के कारण भी हो सकता है। या फिर मां के स्वास्थ्य का अच्छा न होना, जेनेटिक डिसाँर्डर, म्यूटेशन, स्ट्रोक, डिलीवरी का सही तरीके से न हो पाना आदि भी इसके पीछे हो सकते हैं। समय से पहले जन्म लेने वाले बच्चे यानी प्रीमैच्योर बेबीज, जिनका वजह 3.3 पौंड से भी कम होता है, उनमें इस स्थिति की आशंका बढ़ सकती है। इसके अलावा नवजात अवस्था में दिमाग पर लगी कोई चोट, लैड पॉइजनिंग, बैक्टीरियल मैनिंजाइटिस या दिमाग को ठीक से खून न मिलने पर भी यह अवस्था सामने आ सकती है। इस स्थिति के कई प्रकार हो सकते हैं और उनके हिसाब से ही इसके इलाज की रुपरेखा तय की जाती है।

सात माह का पेशेंट


उन्होंने बताया कि हमारे पास एक सात माह का सीपी सेरेब्रल पाल्सी बच्चा आ रहा है। इस उम्र में मांसपेशियों को बड़ी आसानी से सही रुप में ढाला जा सकता है। इस बच्चे का क्रॉलिंग करवाने, हाथों का संचालन करवाने, शरीर को मोड़कर घोड़ा बनाने या रंग-बिरंगे खिलौने, पेन आदि पकड़ा कर उनकी मोटर स्किल का विकास करवाने जैसी एक्सरसाइज करवाई जाती हैं। जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, मांसपेशियों पर उतनी ही मेहनत ज्यादा करनी पड़ती है। यह हमेशा ध्यान रखें कि जल्दी थेरेपी शुरु करने से जितना पॉवर शुरुआत से बच्चे के पास होती है, उतनी ही प्रतिशत रिकवरी हो सकती है।

क्यों मनाते हैं


6 अक्टूबर को पूरी दुनिया में 'विश्व सेरेब्रल पाल्सी दिवसÓ के रूप में मनाया जाता है। सेरेब्रल पाल्सी को अधिकतर सीपी के नाम से पहचाना जाता है। ये मांसपेशियों से जुड़ी एक तरह की बीमारी है, जो पीडि़त व्यक्ति के शारीरिक संतुलन को प्रभावित करने के साथ-साथ मस्तिष्क के विकास में बाधा उत्पन्न करती है। सेरेब्रल पाल्सी को विकलांगता की श्रेणी में रखा गया है, क्योंकि ये रोग पीडि़त को दिमाग और शरीर से विकलांग बनाकर देखने, सुनने, बोलने और सीखने की क्षमता को खत्म कर देता है।

जागरूकता की कमी


एक्सपर्ट्स की मानें तो ये बीमारी हर साल कई नवजात शिशुओं में देखने को मिल जाती है, लेकिन इस बीमारी के प्रति लोगों में जागरूकता की बड़ी कमी है, इसलिए 6 अक्टूबर को हर साल 'वल्र्ड सेरेब्रल पाल्सी डेÓ के रूप में मनाया जाता है ताकि दुनियाभर में इस रोग के प्रति लोगों को जागरूक और शिक्षित किया जा सके।

सेरेब्रल पाल्सी क्या?


सेरेब्रल पाल्सी एक गंभीर बीमारी है जिससे हर साल पूरे विश्व में लगभग 70 लाख से भी ज्यादा लोग पीडि़त होते हैं। सेरेब्रल पाल्सी के पीडि़तों में अलग-अलग तरह के लक्षण और परेशानियां नजर आती हैं, इसके चलते इसे मॉनिटर करना काफी कठिन होता है।

क्या हैं लक्षण


सेरेब्रल पाल्सी यानी सीपी के लक्षण हर एक बच्चे में अलग पाए जा सकते हैं। नवजात शिशु में सेरेब्रल पाल्सी के लक्षण कुछ इस प्रकार होते हैं जैसे कम रोना, धीरे-धीरे सांस लेना, अन्य बच्चों के मुकाबले बातचीत करने और खिलाने पर कोई खास प्रतिक्रिया ना देना यानि बच्चे का एक्टिव ना होना। 1 साल से 3 साल के बच्चों में सामान्य तौर पर सेरेब्रल पाल्सी के लक्षण होते हैं, बच्चे के शरीर का विकास देर से होना, दूसरे बच्चों के मुकाबले देर से बोलना शुरू करना, खाना खाते और पीते समय उसे निगलने में परेशानी का सामना करना हो सकते हैं।

दिवस का महत्व


सेरेब्रल पाल्सी एक बेहद गंभीर बीमारी है, जिसके प्रति लोग बहुत ज्यादा जागरूक नहीं है। इसीलिए हर साल 6 अक्टूबर को सेरेब्रल पाल्सी के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए एक विशेष योजना बनाई गई है, जिसमें पीडि़त व्यक्ति को सेरेब्रल पाल्सी के लक्षणों और इलाज के विषय में जानकारी देने और पीडि़त व्यक्ति को आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरित किया जाता है।

फिजियोथैरेपी बहुत महत्वपूर्ण होती है। इस स्थिति में मुख्य रुप से मोटर स्किल्स को दुरुस्त करने, मांसपेशियों की मजबूती बढ़ाने और बैलेंस बरकरार रखने के लिए फिजियोथैरेपी की जाती है। इसका लक्ष्य होता है बच्चे को चीजें पकडऩे, चलने-फिरने, बैठने-उठने आदि तथा शारीरिक संतुलन बनाने में मदद करना।
डॉ। रविंद्र ओझा, फिजियोथिरेपिस्ट, जिला अस्पताल

Posted By: Inextlive