Gorakhpur News: डीडीयूजीयू में होगा सीडीसी का गठन, ईसी की मंजूरी
गोरखपुर (ब्यूरो)। सीडीसी की स्थापना के प्रस्ताव को वीसी प्रो। पूनम टंडन की अध्यक्षता में विश्वविद्यालय की कार्यपरिषद ने मंजूरी दे दी है।स्थापना की सिफारिश वीसी प्रो। पूनम टंडन ने कहा कि संबद्धता देने वाले विश्वविद्यालय के लिए एक कॉलेज डेवलपमेंट काउंसिल (सीडीसी) की स्थापना की सिफारिश की गई है। सीडीसी विश्वविद्यालय अनुदान आयोग और विश्वविद्यालय के नियमों के अनुसार काम करेगा, उच्च शिक्षा पर राष्ट्रीय नीतियों के अनुरूप कॉलेजों में गुणवत्ता और उत्कृष्टता सुनिश्चित करेगा। यह एक महत्वपूर्ण नीति-निर्माता निकाय के रूप में कार्य करेगा, जो रणनीतिक रूप से योजना बनाएगा और विश्वविद्यालय से संबद्ध कॉलेजों के एकीकृत विकास की देखरेख करेगा। इसके साथ ही सीडीसी एक अकादमिक मार्गदर्शक के रूप में भी काम करेगा और विश्वविद्यालय, विभागों, अकादमिक संकायों और कॉलेजों में शिक्षकों के बीच समन्वय सुनिश्चित करेगी।यह होंगे महाविद्यालय विकास परिषद के मुख्य कार्य
महाविद्यालय विकास परिषद के प्रमुख कार्यों में नवीन महाविद्यालयों की स्थापना व समग्र विकास, संबद्ध महाविद्यालयों का सर्वेक्षण कर प्रोफाइल अपडेट करना, यूजीसी व अन्य संबंधित निकायों से बहुमूल्य जानकारियों का आदान प्रदान करना शामिल है। इसके अलावा, सीडीसी महाविद्यालय के साथ निकट संपर्क बनाए रखेगा और उनके उचित विकास, शिक्षक चयन, छात्र सुविधाओं व परीक्षा में सुधार, पाठ्यक्रम पुनर्गठन और शैक्षिक प्रासंगिकता जैसे अन्य पहल शामिल हैं।
आज से समाजशास्त्र विभाग में शुरू होगा रिफ्रेशर कोर्सदीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय गोरखपुर के मालवीय मिशन टीचर ट्रेनिंग सेंटर एवं समाजशास्त्र विभाग के संयुक्त सहयोग में चौदह दिवसीय पुनश्चर्या पाठ्यक्रम (रिफ्र शर कोर्स) का आयोजन किया जा रहा है, जिसका उद्घाटन सत्र 3 फरवरी की सुबह 11.30 बजे किया जाएगा। उद्घघाटनन सत्र की मुख्य अतिथि इंडियन सोशियोलॉजिकल सोसाइटी की अध्यक्ष प्रो। मैत्रेयी चौधरी और अध्यक्षता वीसी प्रो। पूनम टंडन करेंगी। रिफ्रेशर कोर्स की समन्वयक प्रो। संगीता पांडेय ने बताया कि यह कार्यक्रम चौदह दिनों का होगा। कोर्स का विषय 'सोशियोलॉजी इन रीसेंट टाइम्स- इश्यूज, चैलेंजेज एंड प्रॉस्पेक्ट्सÓ है और विभाग का यह 19वां रिफ्रेशर कोर्स है। इसमें देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों के 60 से अधिक शिक्षक प्रतिभाग कर रहे हैं।