वाराणसी फोरलेन पर स्थित बाघागाढ़ा के पास बसंतपुर गारबेज ट्रांसफर स्टेशन में खड़े पांच-पांच टन क्षमता के 12 कैप्सूल को बुधवार की देर रात नगर निगम के जिम्मेदारों ने खाली करा दिया. इसके बाद यहां कचरे से भरे बड़े डम्पर व ट्रक भी खाली किए गए.

गोरखपुर: देर रात शुरू हुआ सिलसिला गुरूवार को दिन भर जारी रहा। हालांकि यहां भी कचरा गिराए जाने पर बाघागाढ़ा, पिपरी, नौसढ़ समेत आसपास के गांव के लोगों के साथ एनएचएआई के अधिकारियों ने एतराज जताया। उनका कहना है कि राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण ने राप्तीनगर के कैचमेंट एरिया में कचरा गिराना प्रतिबंधित कर रखा है लेकिन नगर निगम ने बाघागाढ़ा फोरलेन के इस क्षेत्र को अघोषित लैंडफिल साइट बना रखा है।

फिलहाल निगम ने देर रात से सुबह तक बुधवार के कचरे से भरी गाडिय़ां को खाली करा लिया। उसके बाद निगम के विभिन्न स्टोर में कचरा लिए खड़े वाहनों को बसंतपुर गारबेज ट्रांसफर स्टेशन बुलाया गया। जहां कचरा की तौल कर उन्हें दोबारा चार से पांच ट्रक की क्षमता वाले सभी 12 कैप्सूल में लोड कराया गया। तौल के बाद खाली डोर टू डोर कचरा वाली गाडिय़ां महानगर के विभिन्न वार्डो में कचरा कलेक्शन के लिए निकल पड़ी। उधर खाली हुई बड़ी गाडिय़ों में महानगर के सार्वजनिक स्थलों, सड़कों एवं रात्रिकालीन सफाई वाले क्षेत्रों का कचरा लोड किया गया। कचरा से भरी गाडिय़ां जीटीएस बसंतपुर में खाली होने के बाद देर से वार्डो में पहुंची। तमाम वार्डो में डोर टू डोर वाली गाडिय़ां सिर्फ एक चक्कर ही लगा सकी।

मलौनी बांध विरोध


दरअसल, ग्रामीणों के विरोध के कारण बुधवार को मलौनी कटनिया बांध पर महानगर का कचरा नहीं गिर सका। गुरुवार को भी यहां निगम को सफलता नहीं मिली। 26 जुलाई के आदेश में एनजीटी ने राप्ती के बांध और नदी के कैचमेंट एरिया में कचरा निस्तारण पर प्रतिबंध है। कटनिया में जहां निगम कचरा गिरता है, वहां उसकी 0.127 हेक्टेयर जमीन है जिसकी आड़ लेकर निगम यहां काफी बड़े क्षेत्र में कचरा गिरा नदी के कैचमेंट में दबा देता है। लेकिन बदबू, धूल और गंदगी से बड़ी आबादी प्रभावित होती है। कुछ ग्रामीण यहां सब्जियों की खेती भी करते हैं, उनका आरोप है कि कचरा डालने से उनकी फसल भी प्रभावित हो रही। नगर आयुक्त गौरव सिंह सोगरवाल का कहना है कि जल्द ही कुछ लैंड फिल साइटें तलाश ली जाएंगी।

कचरा गिराने की सामान्य साइट भी नहीं


गोरखपुर के सहजनवा में 40 एकड़ के इंटीग्रेटेड गारबेज सिटी प्रोजेक्ट में नगर निगम 10 एकड़ की सेनेटरी लैंड फिल साइट बनाएगा। मुख्य अभियंता संजय चौहान कहते हैं कि इस परियोजन की डीपीआर के मुताबिक 27 करोड़ रुपये खर्च होंगे लेकिन यह धनराशि किस मद से मिलेगी अभी तय नहीं है। फिलहाल वर्तमान में गोरखपुर नगर निगम के पास फ्र श वेस्ट निस्तारण के लिए कोई सामान्य लैंड फिल साइट भी नहीं है। ग्रामीणों के विरोध और राप्ती के जलभराव से जोतभार से संचालित फ्र श वेस्ट बायो कल्चर ट्रामल प्लांट शिफ्ट होकर सरदारनगर के अयोध्या चक पहुंचा। पिछले 10 दिन से ग्रामीणों के विरोध से वहां भी फ्र स वेस्ट गिरना बंद हो गया। सिर्फ वहां डम्प पड़े कचरे का ट्रामल से निस्तारण हो रहा। निगम अधिकारियों ने एक अन्य फर्म को अवधपुर गांव में फ्र श वेस्ट बायो कल्चर ट्रामल प्लांट लगाने भेजा। मंगलवार को अपने प्लांट के साथ पहुंची फर्म को उल्टे पांव ग्रामीणों के विरोध से भागना पड़ा।

बीते दो दिनों से निगम की कूड़ा कलेक्शन वैन नहीं आ रही है। डस्टबिन भर जाने से भयंकर गंदगी फैल गई है। निगम के कर्मचारी भी मोहल्ले में सफाई के लिए नहीं आ रहे। कूड़ा न उठने से बहुत दिक्कत हो रही है।
विनोद शर्मा, हनुमान मंदिर

हमारे मोहल्ले में कूड़ा कलेक्शन न होने के चलते काफी गंदगी फैल रही है। बीते दो-तीन दिनों से कूड़ा कलेक्शन वैन नहीं आई है। ऐसे में घर के दरवाजे पर मक्खियां भिनभिनाने लगीं हैं।
सिद्धार्थ मिश्रा, मजार गली

कूड़ा कलेक्शन वैन घर से कूड़ा उठा लेती है तो सफाई व्यवस्था बेहद आसान रहती है। लेकिन बीते दो दिन से गाड़ी नहीं आई। ऐसे में घर का कूड़ा मजबूरी में सड़क पर रखना पड़ रहा है।
अर्चना मिश्रा, आवास विकास कॉलोनी

निगम की ओर से कूड़ा डिस्पोजल के लिए स्थाई ड़ंपिंग यार्ड की जगह जल्द ही चिन्हित कर ली जाएगी। वार्डों में गाडिय़ों का रोटेशन सही कर दिया गया है। किसी भी सूरत में नागरिकों को परेशानी नहीं होने दी जाएगी।
दुर्गेश मिश्रा, अपर नगर आयुक्त

Posted By: Inextlive