गोरखपुर नगर निगम के सभी 80 वार्डों में रोज 434 टन कचरे का उत्सर्जन होता है. इसका कलेक्शन करने के लिए निगम की ओर से रोज 385 व्हीकल्स का उपयोग किया जाता है.

गोरखपुर: इतनी अधिक मात्रा में उत्सर्जित होने वाले कचरे को निस्तारित करने के लिए निगम के पास केवल 200 टन की क्षमता का एकमात्र गारबेज ट्रांसफर स्टेशन लालडिग्गी में क्रियाशील है। ऐसे में सिटी एरिया से निकलने वाले कचरे को निस्तारित करने के लिए निगम को हर रोज जंग लडऩी पड़ती है। कचरा निस्तारण के लिए निगम की गाडिय़ा जब भी सिटी के आउटर एरिया में पहुंचती हैं तो वहां के स्थानीय निवासी इसका विरोध शुरू कर देते हैं। उधर एनजीटी ने भी नदी के किनारे व बंधे पर कचरा गिराने पर रोक लगा दी है।

तीन बार उजड़ा संयंत्र


सिटी का कचरा निस्तारित करने के लिए संयंत्र लगाने वाली फर्म को तीन बार अपना ठिकाना उजाडऩा पड़ा। वजह स्थानीय लोगों का विरोध। दरअसल, निगम की ओर से सबसे पहले एकला बंधे के पास के किनारे सिटी का कूड़ा गिराया जाता था। लेकिन स्थानीय लोगों के भारी विरोध के चलते निगम को इसे महेसरा ताल में शिफ्ट करना पड़ा। लेकिन यहां भी भयंकर विरोध हुआ तो निगम ने निस्तारण की जगह परिवर्तित करते हुए सरदार नगर के अयोध्याचक स्थित लैंडफिल में कूड़ा गिराया जाने लगा लेकिन विरोध ने यहां भी पीछा नहीं छोड़ा।

लैंडफिल साइट की तलाश


अब मजबूरी में निगम की ओर से कटनिया में कूड़ा गिराया जा रहा है। ग्रामीणों के विरोध के बाद निगम प्रशासन के सामने सिटी निकलने वाले कूड़े के निस्तारण के लिए लैंडफिल साइट तलाशने का संकट खड़ा हो गया है। फिलहाल राप्ती किनारे कटनिया बांध पर कूड़ा गिराया जा रहा है। लेकिन, राष्ट्रीय हरित अभिकरण (एनजीटी) की ओर से नदी तट एवं बंधों पर कचरा गिराने से रोक लगाई गई है। ऐसे में निगम को जल्द ही स्थायी विकल्प तलाशना होगा। नगर आयुक्त गौरव सिंह सोगरवाल का कहना है कि इस संबंध में कवायद चल रही है, जल्द ही समस्या का निस्तारण हो जाएगा।

लग गया था पानी


करीब ढाई महीने पहले वाराणसी मार्ग पर जोतभार में लैंडफिल साइट और बायो कल्चर ट्रामल प्लांट संचालित हो रहा था। निगम प्रशासन वहीं पर शहर का कूड़ा पहुंचा रहा था। लेकिन, बाढ़ के दौरान पूरे प्लांट में पानी लग गया, जिसके बाद प्लांट का संचालन कर रही फर्म ने नगर निगम के सहयोग से सरदारनगर के अयोध्याचक में लैंडफिल साइट तैयार करने के साथ ही वहां प्लांट लगाया था।

ग्रामीणों ने किया विरोध


14 जुलाई से निगम का कचरा यहीं पर गिर रहा था लेकिन ग्रामीणों ने विरोध शुरू कर दिया। सड़क खोद दी, जिससे चार दिनों से कटनियां बांध पर कूड़ा गिराया जा रहा है। वहीं नगर आयुक्त गौरव सिंह सोगरवाल का कहना है कि एक से दो दिन में समाधान निकाल लिया जाएगा। कई विकल्पों पर विचार चल रहा है।

बांटे गए 24 सौ डस्टबिन


सिटी में साफ-सफाई बनाए रखने के लिए निगम की ओर से 24 सौ सेट डस्टबिन बांटे गए हैं। जिसमें हरा डस्टबिन गीले कचरे के लिए जबकि नीला डस्टिबिन सूखे कचरे के लिए दिया गया है। वहीं, सार्वजनिक व भीड़-भाड़ वाले इलाकों में 255 हैंगिंग डस्टबिन भी लगाए गए हैं। इन डस्टबिंस से कूड़े का कलेक्शन सबसे अधिक किया जाता है।

36 सौ सफाई मित्र


निगम की ओर से सिटी में सफाई व्यवस्था बनाए रखने के लिए 36 सौ सफाई मित्रों की तैनाती की गई है। ये सफाई मित्र वार्डों के साथ ही सार्वजनिक स्थानों व भीड़-भाड़ वाले इलाकों में सफाई व्यवस्था को दुरूस्त रखते हैं।

आंकडों में सफाई व्यवस्था
सिटी के वार्डों से निकलने वाला कचरा
कुल कचरा- 434 टन
गीला कचरा- 239 टन
सूखा कचरा- 173 टन

कूड़ा नियंत्रण गाडिय़ां
आटो टिपर्स- 298
ट्रैक्टर- 31
ट्रक- 41
जेसीबी व अन्य- 15

निगम की ओर से सिटी का कूड़ा निस्तारित करने के लिए तेजी से प्रयास किया जा रहा है। सिटी की रैंकिंग में भी तेजी से सुधार हुआ है। जल्द ही डंपिंग की व्यवस्था का स्थाई समाधान दे दिया जाएगा। नए गारबेज ट्रांसफर स्टेशन को जल्द ही शुरू कर दिया जाएगा।
गौरव सिंह सोगरवाल, नगर आयुक्त

Posted By: Inextlive