मदनमोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के बाद दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय ने अपने परिसर में इंस्टीट्यूट आफ फार्मेसी स्थापित करने की तैयारी शुरू कर दी है.


गोरखपुर (ब्यूरो)। इस इंस्टीट्यूट के जरिये सत्र 2024-25 से ही फार्मेसी में डिप्लोमा व स्नातक पाठ्यक्रम शुरू करने की विश्वविद्यालय की योजना है। इन दोनों पाठ्यक्रमों के विश्वविद्यालय ने सीटों का निर्धारण भी कर लिया है। बीफार्म व डीफार्म दोनों की 60-60 सीटों पर विश्वविद्यालय प्रवेश लेगा। पाठ्यक्रम शुरू करने की औपचारिकता पूरी करने के लिए विश्वविद्यालय जल्द ही इसका प्रस्ताव स्वीकृति के लिए विद्या परिषद के समक्ष रखेगा। विद्या परिषद की बैठक 24 मई को होनी है।रूम बनाने का काम शुरू


इंस्टीट्यूट आफ फार्मेसी के संचालन के लिए विश्वविद्यालय ने परिसर में भवन चयन भी कर लिया है। इसे विश्वविद्यालय गेट के करीब मौजूद उस भवन में संचालित किया जाएगा, जिसमें पूर्वांचल विकास बोर्ड है। संचालन में कोई समस्या न आए, इसके लिए पूर्वांचल विकास बोर्ड को उसा जीरो वेस्ट सेंटर में स्थानांतरित कर दिया गया है, नगर निगम से कूड़ा निस्तारण के करार के बाद जिसकी उपयोगिता समाप्त हो गई है। इस भवन में फार्मेसी की जरूरत के मुताबिक प्रयोगशाला और अध्ययन कक्ष तैयार करने की कार्य शुरू हो गया है। टीम का हो रहा इंतजार

बीफार्म और डीफार्म के पाठ्यक्रम के संचालन के लिए विश्वविद्यालय ने फार्मेसी काउंसिल आफ इंडिया में आवेदन कर दिया। संचालन के मुताबिक संसाधन की उपलब्धता का भौतिक निरीक्षण करने के लिए काउंसिल की टीम का इंतजार है। निरीक्षण के बाद पाठ्यक्रम के संचालन की अनुमति मिलते ही विश्वविद्यालय प्रवेश प्रक्रिया शुरू कर देगा। बनाए जाएंगी 12 प्रयोगशालाएं, उपकरणों की खरीद शुरूविश्वविद्यालय फार्मेसी के पाठ्यक्रमों के संचालन के लिए 12 प्रयोगशाला बनाएगा। पहले वर्ष की पढ़ाई की शुरुआत के लिए वर्तमान में छह प्रयोगशालाओं को तैयार किया जा रहा है। इसके लिए उपकरणों की खरीद भी शुरू हो गई है। पाठ्यक्रम संबंधित किताबों को खरीदने की शुरुआत भी विश्वविद्यालय कर चुका है। फार्मेसी के संचालन के लिए विश्वविद्यालय ने अपने मद से एक करोड़ रुपये का बजट आवंटित कर दिया था।

Posted By: Inextlive