Gorakhpur News: ब्लैक स्पॉट चिन्हित, अब हादसे भी रोकें जनाब
हर साल होती बैठक हर साल कमिश्नर की अध्यक्षता में पीब्डल्यूडी, एनएचएआई, आरटीओ और ट्रैफिक विभाग की बैठक होती है। जिसमें ब्लैक स्पॉट का सर्वे कर चिन्हित किया जाता है। सुधार के नाम पर संबंधित विभाग लाखों रुपए खर्च भी करता है फिर भी स्थिति जस की तस बनी हुई है। मौका मुआयना नहीं
सूत्रों का कहना है कि जिन लोगों को ब्लैक स्पॉट चिन्हित करने की जिम्मेदारी दी गई है, वह संबंधित थानों से सबसे ज्यादा हादसे होने की जानकारी जुटा रहे हैं और उन्हें ब्लैक स्पॉट घोषित करते हैं। जबकि उन्हें उन स्थानों पर भी जाना चाहिए, जहां हादसों की संख्या भले ही कम हो, लेकिन वे आवाजाही के लिए घातक हैं। यदि ऐसा हो तो ब्लैक स्पॉट की संख्या घटेगी। अक्सर फंसती हैं गाडिय़ां
गोरखपुर-लखनऊ हाइवे पर सफर के दौरान किनारे जाना खतरे से खाली नहीं है। हाइवे किनारे जगह-जगह गड्ढे बन चुके हैं। सबसे खराब स्थिति सहजनवां के रहिमाबाद कट के पास है, क्योंकि कट के सामने का बड़ा गड्ढा है। इसमें अक्सर गाडियां फंस रही है। शिकायत के बाद भी एनएचएआई के जिम्मेदार अंजान बने हुए है, जिससे लोगों में आक्रोश भी है।
जिला सड़क सुरक्षा समिति की हर बार बैठक होती है और नये-नये प्लान के तहत पीडब्ल्यूडी और एनएचएआई और आरटीओ के जिम्मेदारों को ब्लैक स्पॉट पर सुधारात्मक कार्यवाही करने की रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए जाते हैं।
&0 अगस्त 2024 को मंडलीय सड़क सुरक्षा समिति की बैठक अपर आयुक्त की अध्यक्षता में आयुक्त सभागर में संपन्न हुई। बैठक में एनएचएआई, पीडब्ल्यूडी, आरटीओ और ट्रैफिक विभाग के अफसर मौजूद रहे। इस दौरान ब्लैक स्पॉट का भौतिक सर्वे कर मार्गो को चिन्हित कर 7 सितंबर 2024 तक अनिवार्य रूप से कार्य पूरा कराया जाए। सभी ही गोरखपुर, महराजगंज, देवरिया व कुशीनगर के अधिकारियों को भी सर्वे में शामिल किए जाने के निर्देश दिए गए। राष्ट्रीय राजमार्ग जहां पर सर्वाधित सड़क हादसे होते हैं। उनमें से एक-एक मार्ग का चयन कर उन्हें मॉडल सेफ रोड बनाए जाने के निर्देश दिए गए। साथ ही अन्य सुधारात्मक कार्यो पर भी चर्चा की गई हैं। वहीं, रिपोर्ट प्रेषित करने के निर्देश दिए गए हैं। इस अवसर पर आरटीओ प्रवर्तन संजय कुमार झा, पीडब्ल्यूडी एसई हेमराज सिंह, कमलेश सिंह, सीओ ट्रैफिक, एआरटीओ प्रशासन अरुण कुमार, पीडब्ल्यूडी एक्सईएन रवि प्रकाश सिंह,एनएचएआई मैनेजर रूचिर अग्रवाल आदि मौजूद रहे। दाना पानी ब्लैक स्पाट
गीडा सेक्टर 15 दाना पानी के पास रैंबलिंग स्ट्रिप, सांकेतिक व पीली लाइट जलती मिली, लेकिन सेक्टर 1& के पास कट खुल जाने से आए दिन जाम देखने को मिल रही है। यहां मौके पर कोई ट्रैफिक पुलिस भी दिखाई नहीं देती है। आये दिन हादसे की वजह बनी रहती है। इन स्पॉट पर आए दिन राहगीरों की जान खतरे में है साथ ही इन पर हादसे भी हो रहे हैं।
ब्लैक स्पॉट कालेसर जीरो प्वाइंट पर कोई भी रैबलिंग स्ट्रिप और ना राहगीरों को चलने के लिए चौड़ी पट्टी वाली स्ट्रिप बनी है। जबकि इस स्पॉट पर आये दिन लोग हादसे के शिकार होते हैं। हादसे में कईयों की जान तक चली जाती है। लेकिन स्पॉट का अभी तक सुधार तक नहीं हो सका है। नौसड़ ब्लैक स्पॉट
नौसड़ चौराहे पर गोरखपुर सिटी में जाते समय रैंबलिंग स्ट्रिप नहीं है। वहीं गोरखपुर से आते समय पब्लिक के क्रॉस करने के लिए बनी हुई चौड़ी पट्टी वाली हिस्ट्री भी ना के बराबर है। कहीं भी रैंबलिंग स्ट्रीप नहीं है। वहीं, सफेद पट्टी तो पूरी तरह से गायब हो गई है। जबकि यह चौराहा बनारस और लखनऊ रूट को जोड़ती है और इस पर ट्रैफिक भी सबसे अधिक होती है। निबिहवा ढाला ब्लैक स्पॉट
चौरीचौरा के निबिहवा ढाला रेलवे क्रासिंग पर बने एक ही लेन पर ओवरब्रिज पर दोनों तरप से आने जाने वालों के लिए हादसे का कुंआ बन चुका है। इस ओवरब्रिज पर दोनों तरफ से गाडिय़ों का आना जाना लगा रहता है, जिससे अक्सर एक्सीडेंट होता रहता है। धीमी गति से चलने के लिए पुल के दोनों तरफ ब्रेकर भी नहीं बनाया गया है।
चौरीचौरा एरिया के फुटहवा इनार के पास ओवरब्रिज बना है। भीड़भाड़ नहीं होने के कारण एक्सीडेंट ना के बराबर है। यहां दोनों तरफ से गाडिय़ों का आना जाना लगा रहता है। धीमी गति का ब्रेकर नहीं बनाया गया है और ना ही सांकेतिक बोर्ड लगा है। जबकि पहले ही इसे ब्लैक स्पॉट घोषित किया गया था। वर्ष हादसे घायल मौत
2021 550 &50 255
2022 965 627 410
202& 1000 650 418
2024 298 196 109 ये हैं ब्लैक स्पॉट
नौसड़
कालेसर
बोक्टा
दाना-पानी सहजनवां
भीटी रावत सहजनवां
कसरौल
कसिहार बगहाबीर मंदिर
मरचाहे कुटी रावतगंज
चौमुखी कैंपियरगंज
-निबिहवा ढाला
-फुटहवा इनार
नये ब्लैक स्पॉट चिन्हित कर सुधारात्मक कार्य के निर्देश दिए गए हैं। यदि वे इस दौरान ब्लैक स्पॉट पर कार्य पूरा नहीं करते हैं, एक्सीडेंट होता है तो इसकी जिम्मेदार संबंंधित विभाग के अफसरों की होगी।
रामवृक्ष सोनकर, आरटीओ