Gorakhpur News: एम्स की व्यवस्था: पॉलिथिन में हाथ लेकर दौड़ते रहे परिजन, स्टूडेंट को देखने तक नहीं पहुंचे सीनियर डॉक्टर
गोरखपुर: डॉक्टरों का रवैया देख परिजन काफी देर तक उनसे इलाज के लिए रिक्वेस्ट करते रहें, लेकिन कोई सुनवाई नहीं होने पर वह एंबुलेंस से बच्ची को लेकर लखनऊ रवाना हो गए।
कोचिंग जा रही हूंएक्स आर्मी मैन रणधीर सिंह कुशीनगर डिस्ट्रिक्ट के अहिरौली पुलिस स्टेशन के भलुही गांव के रहने वाले है। वह एम्स थाना क्षेत्र के नंदानगर सैनिक कुंज में फैमिली के साथ रहते हैं। उनकी 17 साल की बेटी रिमझिम आर्मी पब्लिक स्कूल की स्टूडेंट है। मंगलवार को रिमझिम का एसएससी का एग्जाम था। पिता गांव चले गए थे इसलिए वह मां के साथ बरगदवा स्थित एग्जामिनेशन सेंटर गई थी। वहां से लौटने के बाद वह कोचिंग जाने की बात कहकर घर से निकली और घर नहीं आई।
दर्ज कराई थी गुमशुदगी
शाम को गांव से लौटे ने पिता रिमझिम की तलाश शुरू की। कोचिंग में बताया गया कि वह आई ही नहीं थी। मंगलवार को पूरी रात उसकी तलाश होती रही, लेकिन वह मिली नहीं। पैरेंट्स ने एम्स थाने में गुमशुदगी के लिए एप्लीकेशन दिया था। बुधवार को उन्हें नंदानगर में रेलवे ट्रैक के पास सत्याग्रह एक्सप्रेस के सामने उसके कूदने की सूचना मिली। इस दौरान वह ट्रेन के नीचे आ गई और उसके हाथ की कलाई कटकर अलग हो गया।
करते रहे रिक्वेस्ट
राहगीरों ने बताया कि ट्रेन के नीचे लड़की को देखा तो वह भागकर मौके पर पहुंचे और उसे लेकर एम्स आ गए। यहां पता चला कि कटा हुआ हाथ रेलवे ट्रैक पर ही छूट गया है। इसके बाद कुछ लोग वापस गए और पॉलिथिन में हाथ लेकर वापस एम्स पहुंचे। उन्होंने कहा कि एम्स में प्लास्टिक सर्जन की भी तैनाती है, यदि उन्होंने तत्काल ट्रीटमेंट शुरू किया होता तो हाथ एम्स में ही जुड़ जाता, लेकिन कोई भी सीनियर डॉक्टर उसे देखने नहीं पहुंचा। मौके पर पहुंचे परिजन एम्स में काफी देर रिक्वेस्ट की लेकिन उनकी किसी ने नहीं सुनी। कई गार्ड व अन्य लोग एम्स में अच्छा ट्रीटमेंट न होने की बात कहते हुए पैरेंट्स को कही और ले जाने के कहने लगे। थक-हारकर पैरेंट्स एम्स की व्यवस्था को कोसते हुए दोपहर 2 बज रिमझिम को लेकर लखनऊ रवाना हो गए, इस दौरान पिता ने बताया कि स्कूल में कम माक्र्स आने से वह डिस्टर्ब हो गई थी, शायद इसलिए यह कदम उठाया।
डॉ। अरुण मोहंती, मीडिया प्रभारी, एम्स