संचारी व गैर संचारी रोगों पर रिसर्च करेगा एम्स.यूएसए की जॉन हॉपकिंस यूनिवर्सिटी की लेगी मदद डाटा के ऊपर स्वास्थ्य संबंधित होगा रिसर्च .एम्स गोरखपुर में जल्द ही घनी आबादी वाले इलाके में गैर संचारी रोगों के पेशेंट्स की तलाश की जाएगी.


गोरखपुर (ब्यूरो)। इसके लिए शहर से लेकर गांव तक एक निगरानी सिस्टम को डेवलप किया जाएगा। एम्स में जॉन हॉपकिंस यूनिवर्सिटी के मेंबर्स के साथ हेल्थ एंड डेमोग्राफिक सर्विलांस सिस्टम (एचडीएसएस) की शहरी और ग्रामीण एरिया में स्थापना की जाएगी। टेबलेट के माध्यम से डाटा कलेक्ट किए जाएंगे। जिनसे आगे रिसर्च में मदद मिलेगी। इनके जरिए हार्ट अटैक, कैंसर, अस्थमा आदि के साथ दूसरी बीमारियों के बारे में भी जानकारी इकट्ठी की जाएगी। इसकी कवायद तेजी से चल रही है।सिस्टम की अहम भूमिका


समुदाय के अच्छे स्वाथ्य के लिए स्वास्थ्य एवं हेल्थ एंड डेमोग्राफिक निगरानी सिस्टम की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका होगी। यह सिस्टम गैर संचारी रोगों की रोकथाम, पहचान और नियंत्रण से संबंधित प्रयासों को मजबूती प्रदान करने की दिशा में कार्य करेगा। इसमें शहरी और ग्रामीण एरिया में इलेक्ट्रिानिक (टेबलेट) माध्यम से सभी जानकारी कलेक्ट की जाएगी। डाटा के ऊपर स्वास्थ्य संबंधित रिसर्च किया जाएगा। यह कार्य सामुदायिक एवं पारिवारिक चिकित्सा विभाग के तहत चलेगा। होगा डाटा कलेक्शन का कार्य डाटा कलेक्शन का यह कार्य सरदारनगर ब्लॉक के 14 गांवों और शहरी एरिया में गिरधरगंज वार्ड में होगा। जॉन हॉपकिंस यूनिवर्सिटी के सीनियर रिसर्च ऑफिसर कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए जन भागीदारी निभाएंगे। इसमें लोगों को आगे आकर स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं की जानकारी देनी होगी।

इन बीमारियों पर होगी रिसर्च संचारी रोग -खसरा, हैजा, मलेरिया, टीबी, हेपटाइटिस गैर संचारी रोग - हार्ट अटैक, कैंसर, अस्थमा आदि।समाज के स्वास्थ्य के लिए यह महत्वपूर्ण है। निगरानी सिस्टम की अहम भूमिका है। इससे संचारी और गैर संचारी रोगों की रोकथाम, पहचान और नियंत्रण से संबंधित प्रयासों को मजबूती प्रदान होगी। - डॉ। गोपाल कृष्ण पाल, कार्यकारी निदेशक एम्स

Posted By: Inextlive