Gorakhpur News: अब एम्स बेड फुल, तब भी भर्ती हों सकेंगे मरीज
गोरखपुर: ईडी के निर्देश के बाद 10 अक्टूबर को एक भी रोगी को रेफर नहीं किया गया। सभी रोगियों का उपचार चल रहा है।
पिछले दिनों एम्स की इमरजेंसी से रात में रोगियों को रेफर किए जाने की खबर दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने प्रमुखता से प्रकाशित की थी। खबर का संज्ञान लेकर ईडी प्रो। अजय सिंह ने जांच कराई। इसमें रोगियों को बिना उचित कारण रेफर करने की पुष्टि हुई। इसके बाद इमरजेंसी के प्रभारी प्रो। सुबोध कुमार को पद से हटा दिया गया। उनकी जगह सर्जरी विभागाध्यक्ष डा। गौरव गुप्ता को प्रभारी बनाया गया। साथ ही रोगियों व स्वजन से दुर्व्यवहार करने वाले जूनियर डाक्टर को भी हटा दिया गया।अब ईडी खुद ही इमरजेंसी की व्यवस्था पर नजर रख रहे हैं। उन्होंने एम्स से रोगियों को रेफर न करने के निर्देश दिए हैं। इसके अनुपालन के लिए सभी डाक्टर व अन्य लोग जुट गए हैं। इमरजेंसी में आने वाले सभी रोगियों को तत्काल देखकर उपचार की व्यवस्था की जा रही है।
अगले हफ्ते से हमेशा उपलब्ध रहेंगे एसआर-जेआर
इमरजेंसी में सीनियर रेजिडेंट (एसआर) और जूनियर रेजिडेंट (जेआर) की उपलब्धता रहेगी। एम्स प्रशासन ने एसआर व जेआर की रोस्टर के आधार पर ड्यूटी की सूची बना ली है। इसे अगले सप्ताह से लागू किया जाएगा। इसके साथ ही वरिष्ठ डाक्टरों की भी ड्यूटी निर्धारित की जा रही है। खुद ईडी पूरी व्यवस्था पर नजर रख रहे हैं।
ईडी प्रो। अजय सिंह ने एम्स गोरखपुर के वरिष्ठ डाक्टरों के साथ हुई वर्चुअल बैठक में रोगी सेवा को प्राथमिकता बताई कहा कि हमारा लक्ष्य अपनी सेवाओं में निरंतर सुधार करना है। हमारी यह कोशिश है कि जो भी रोगी आए, समय पर कुशल देखभाल करेंगे।
रोगियों के उपचार से जुड़े डाक्टरों की कड़ी मेहनत और टीम भावना से कार्य का परिणाम दिखने लगा है। गुरुवार को एम्स की इमरजेंसी से एक भी रोगी को रेफर नहीं किया गया। हम संसाधनों को और बढ़ा रहे हैं। कोशिश है कि जो भी रोगी एम्स में आए, उसका पूरा उपचार करते हुए स्वस्थ कर ही घर भेजा जाए। प्रो। अजय सिंह, कार्यकारी निदेशक व मुख्य कार्यपालक अधिकारी, एम्स गोरखपुर