Gorakhpur News: 'राम' के कारण बज उठी 'धुन', बसों में फस्र्ट एड पर बेबस ही रहे
गोरखपुर (ब्यूरो)। खुलेआम उड़ रही धज्जियां
रोडवेज बसेस में फस्र्ट एंड बाक्स का मकसद यह है कि सफर में स्वास्थ्य संबंधी कोई परेशानी होने या चोट आदि लगने पर यात्री को तुरंत प्राथमिक उपचार मिल जाए। मामला अगर गंभीर हो तो प्राथमिक उपचार के बाद उसे सुरक्षित हॉस्पिटल तक पहुंचाया जाए। रोडवेज बसेस में फस्र्ट एंड बॉक्स की सुविधा अमूमन ड्राइवर के पीछे लगे स्टैंड या फिर ऊपर सामान रखने की जगह छोटा बॉक्स बनाकर देने का नियम है। इन बॉक्स में पेट दर्द, सिर दर्द आदि की दवा और मरहम पट्टी की व्यवस्था होती है। खासकर लंबी दूरी की बसेस में तो यह व्यवस्था आवश्यक रूप से रखने के आदेश विभाग ने दे रखे हैं, लेकिन इन आदेशों की रोडवेज बसों में खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं।
केस 1
गोरखपुर रेलवे रोडवेज बस स्टेशन पर खड़ी बस संख्या यूपी 70 जेएन 0201 में फस्ट एंड बॉक्स पूरी तरह खाली मिला। इसमें दवा नहीं थी।
केस 2
गोरखपुर बस स्टेशन परिसर में खड़ी बस यूपी 78 जेएन 2032 में फस्ट एंड बाक्स था, लेकिन उसमें सामान गायब था। ड्राइवर ने बताया कि वर्कशॉप से दवाएं नहीं मिलती हैं।
केस 3
यह तीन केस बताने के लिए काफी हैं कि किस तरह सरकारी बसों में रोडवेज डिपार्टमेंट फस्र्ट एड को लेकर गंभीर है। वो तो भगवान श्रीराम की बात थी और सरकारों के मुखिया राम मंदिर और उनसे जुड़े आयोजनों को लेकर लगातार भावपूर्ण अपील कर रहे थे, नहीं तो रोडवेज अफसर बसों में स्पीकर भी नहीं लगवाते। दैनिक जागरण आईनेक्स्ट के रियलिटी चेक में रोडवेज बसों में रामधुन तो बजती मिली, लेकिन फस्ट एड बॉक्स में प्राथमिक ट्रीटमेंट की दवाइयां नहीं थीं। अलग-अलग रोडवेज बसों में फस्र्ट एंड बॉक्स की तस्वीर चौंकाने वाली मिली। जब बॉक्स खोला गया तो किसी बॉक्स में दवाएं नहीं मिलीं। सभी पूरी तरह से खाली नजर आए।
तो नहीं मिलेगा ट्रीटमेंट
रोडवेज बस में सफर करने के दौरान यदि किसी पैसेंजर को प्राथमिक उपचार देने की जरूरत पड़ जाए तो क्या होगा? क्योंकि इन फस्र्ट एड बॉक्स में न तो कोई दर्द निवारक गोली है और न ही कोई मरहम पट्टी की व्यवस्था। ऐसे में यात्रियों को प्राथमिक उपचार मौके पर कैसे मिलेगा, यह एक बड़ा सवाल है।
बेड़े के बाक्स हैं खाली
गोरखपुर डिपो में करीब 78 बसेस का बेड़ा है। अक्सर हाइवे पर सरकारी बसेस के एक्सीडेंट करने और सफर करने वाले मुसाफिरों को इलाज की आवश्यकता पड़ती है। कहने को रोडवेज बसेस में यात्रियों या फिर ड्राइवर और कंडक्टर के लिए फस्ट एंड बॉक्स की व्यवस्था है, लेकिन यह कम ही दिखाई दे रहा है।
पैसेंजर्स की सुरक्षा का लेकर रोडवेज संजीदा है। बसों में फस्र्ट एंड बॉक्स को सेफ जगह पर लगाया गया है। यदि बॉक्स में दवाइयां नहीं हैं तो जल्द ही बसों को चेक कराकर बॉक्स को दवाइयों से लैस किया जाएगा।
लव कुमार सिंह, आरएम गोरखपुर रीजन
गोरखपुर से अयोध्या के लिए 'रामरथÓ
गोरखपुर के बेड़े में शामिल हुईं दो रामरथ बसें.परिवहन निगम ने गोरखपुर से अयोध्या राम मंदिर का दर्शन करने जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए दो रामरथ बसें दी हैं। गोरखपुर के बेड़े में इन्हें शामिल कर लिया गया है। आरएम लव कुमार सिंह ने बताया, रामरथ बसों का शुभारंभ मंगलवार से किया जाएगा। उन्होंने बताया कि श्रद्धालुओं को रामरथ बसें अलग रंग की हैं, जिससे श्रद्धालुओं को रामरथ बसों को पहचानने में सुविधा होगी। ये बसें श्रद्धालुओं को अयोध्या दर्शन कराएंगी। ये बसें 51 सीटर हैं और किराया भी साधारण बसों के बराबर ही है।
203 रुपए फेयर
आरएम ने बताया, गोरखपुर रेलवे बस स्टेशन से अयोध्या धाम बस स्टेशन तक 138 किमी। का किराया 203 रुपए होगा। बसें साढ़े तीन घंटे मेंं श्रद्धालुओं को अयोध्या का दर्शन कराएगी। ये बसें गोरखपुर बस स्टेशन से सुबह 8.30 बजे अयोध्या के लिए रवाना होगी और अयोध्या से गोरखपुर 1.30 बजे वापस आएंगी।