राजकीय संप्रेक्षण गृह में आवासित जघन्य अपराध में निरुद्ध अपचारी किशोर अब डाटा एंट्री और एक्सल सीट पर रोजगार पा सकेंगे. इसके लिए 32 अपचारी किशोरों को ट्रेंड कर दिया गया है वहीं 30 अपचारियों की ट्रेनिंग चल रही है. अब यह पूरी तरह से स्किल डेवलपमेंट का कोर्स कर अपने जीवन की नई शुरुआत कर सकेंगे. रोजगार के मुख्य धारा से जुड़ सकेंगे. शासन-प्रशासन की तरफ से जुवेनाइल ट्रेनिंग स्टार्ट की गई थी.


गोरखपुर (ब्यूरो).जिला प्रोबेशन कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक, राजकीय संप्रेक्षण गृह में आवासित अपचारी किशोरों के स्किल डेवलपमेंट के लिए शासन की तरफ से जिला प्रशासन को आदेश जारी किया गया था। तत्कालीन डीएम विजय किरण आनंद ने आईसीआईसीआई फाउंडेशन को इसका जिम्मेदारी देते हुए अपचारी किशोरों के जुवेनाइल ट्रेनिंग के लिए 30 दिन के ट्रेनिंग कराने का निर्देश दिया था। इस दौरान अपचारी किशोरों को इलेक्ट्रिकल एंड होम अप्लाएंसेज ट्रेड की ट्रेनिंग दी गई। तत्कालीन डीएम की तरफ से इन अपचारी किशोरों को परमिशन दी गई थी। परमिशन के दौरान यह निर्देश दिया गया था कि कौशल विकास प्रशिक्षण संस्था परिसर के भीतर होगा। साथ ही कौशल विकास प्रशिक्षण से संबंधित सभी क्रियाकलापों की जानकारी संस्था की अधीक्षक को भी देना होगा। कौशल विकास प्रशिक्षण पर होने वाला सभी व्यय आईसीआईसीआई फाउंडेशन द्वारा किया गया।
संस्था का नाम - स्वीकृत क्षमता - वर्तमान में आवासित बच्चे व महिलाएं


राजकीय संप्रेक्षण गृह (किशोर) - 50 - 129 बच्चे व 54 महिलाएंराजकीय महिला शरणालय - 75 - 47 महिलाए व 5 बच्चे प्रतीक्षा बालिका आश्रय गृह - 25 - 28 स्नेहालय खुला आश्रय गृह - 25 - 19 एशियन सहयोगी संस्था - 40 - 16प्रोविडेंस होम (शिशु) - 25 - 26

प्रोविडेंस होम (बालिका गृह ) - 50 - 15 आसरा विशेष स्कूल - 25 - 22 आवासित किशोरों के स्किल डेवलपमेंट के लिए जुवेनाइल ट्रेनिंग पूरी हो चुकी है। कुल 32 अपचारी ट्रेंड हो चुके हैैं। अब यह अपने जीवन की नई शुरुआत कर सकेंगे। इसके साथ ही 30 की ट्रेनिंग चल रही है। सरबजीत सिंह, डीपीओ

Posted By: Inextlive