टेंडरों की जांच के नाम पर बिजली निगम के कॉन्ट्रैक्टर्स के 1.50 करोड़ रुपए एसपी विजिलेंस ऑफिस में डंप पड़ा है. यह रकम प्रतिभूति के मद में कॉन्ट्रैक्टर्स ने जमा की थी.


गोरखपुर (ब्यूरो)।पॉवर कॉरपोरेशन के निर्देश पर 2020 में एसपी विजिलेंस ने 181 टेंडर फाइलें जांच के लिए मंगाई थी। इन फाइलों में 40 से अधिक कॉन्ट्रैक्टर्स ने प्रतिभूति राशि के एफडीआर लगाए थे। अब कॉन्ट्रैक्टर्स उस एफडीआर को वापस चाहते हैं। लेकिन इस कागज के लिए डेली एसई ऑफिस का चक्कर काट रहे है। एसई भी अबतक दर्जनों पत्र एसपी विजिलेंस को लिख चुके है। बावजूद इसके अबतक फाइलें वापस नहीं लौटीं हैं।विजिलेंस को सौंपी थी जांच


पॉवर कॉरपोरेशन को कंप्लेन मिली थी कि बिजली निगम में विभिन्न कार्यो के लिए होने वाले टेंडर में मनमानी व घालमेल हुए है। इस कंप्लेन का संज्ञान लेकर कॉरपोरेशन के तत्कालीन एमडी ने टेंडरों की जांच की जिम्मेदारी विजिलेंस टीम को सौपी। पूर्वांचल एमडी कार्यालय के एसपी विजिलेंस ने नगरीय वितरण मंडल में वर्ष 2017-18 व 2018-19 में ई। टेंडर प्रकिया के तहत आंमत्रित निविदाओं की 181 फाइलें मूल रूप से जून-2020 में मंगा ली। इन सभी फाइलों में 50 से अधिक कॉन्ट्रैक्टर्स ने प्रतिभूति राशि के तौर पर एफडीआर लगाया था। टेंडरों की फाइलों जांच के बारे में जानकारी नहीं है। प्रकरण क्या था यह पता करने के बाद ही कुछ बता पाएंगे। हमने हाल ही में पदभार ग्रहण किया है। यही वजह है कि प्रकरण की जानकारी नहीं है।

डॉ। श्रीप्रकाश द्विवेदी, एसपी विजिलेंस, पूर्वांचल निगमटेंडर की फाइले एसपी विजिलेंस ऑफिस में जांच में पेंडिंग है। पत्राचार किया जा रहा है। उम्मीद है जल्द ही फाइलें वापस लौट आएंगी। जांच में थोड़ा वक्त तो लगता ही है।- ई। आशु कालिया, चीफ इंजीनियर, गोरखपुर जोन

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