मोहल्लों से कूड़ा साफ, बागवानी को मिलेगी खाद
- नगर निगम ने महेसरा में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट की प्रक्रिया शुरू की
- एक सप्ताह में बनाया 50 बोरा खाद, धीरे-धीरे बढ़ेगी मात्रा - अधिक खाद होने पर बाजार में बेचकर मुनाफा कमाएगा निगम GORAKHPUR:सिटी से डेली निकलने वाला 602 मीट्रिक टन कूड़ा गोरखपुराइट्स के लिए ही नहीं, नगर निगम के लिए भी हेडक है। इसके चलते सिटी के लोगों को गंदगी और बदबू झेलनी पड़ती है तो कूड़ा को ठिकाने लगाने में निगम की भी सांस फूल जाती है। लेकिन, जल्द ही सिटी के मोहल्लों से कूड़ा भी साफ हो जाएगा और निगम को इससे कमाई भी होने लगेगी। जी हां, महेसरा में नगर निगम ने सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट की प्रक्रिया शुरू कर दी है। एक सप्ताह में 50 बोरा खाद भी तैयार हो गई है। जैसे-जैसे प्रक्रिया तेज होती जाएगी, सिटी से गंदगी भी साफ होती जाएगी और खाद के रूप में निगम के लिए आय का एक और सोर्स डेवलप हो जाएगा।
इस तरह बनाई जा रही खादमहेसरा स्थित चिलुआताल के किनारे सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट की जमीन पर डेली शहर का कूड़ा जमा किया जा रहा है। वहां पर कूड़ा को तीन अलग-अलग हिस्सों में छांटा जा रहा है। एक भाग मिट्टी और खाद्य पदार्थ के हैं, दूसरा कठोर तत्व और तीसरा प्लास्टिक। सबको अलग करने के बाद मिट्टी, खाद्य पदार्थ वाले हिस्से को अलग रखकर सूखाया जाता है। सूख जाने के बाद इसे बड़ी-बड़ी चलनी की मदद से साफ किया जाता है। इसके बाद प्लांट पर लगाई गई कंपोस्टिंग मशीन में डालकर दो से तीन घंटे तक मिश्रित किया जाता है। इसके बाद तैयार खाद को बोरे में पैक कर दिया जाता है।
बड़े काम की है यह खाद कूड़े से बनी खाद बड़े काम की है। इसका उपयोग कहीं भी किया जा सकता है। खासकर, बागीचा, किचन गार्डेन, टेरिस गार्डेन में। इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह पौधों पर किसी तरह का साइड इफेक्ट नहीं डालता। गोरखपुर के जिला कृषि वैज्ञानिक का कहना है कि जैविक खाद, यूरिया या अन्य खाद से अधिक अच्छा होता है। सबसे अच्छी बात यह है कि इसे जिस खेत में डाला जाएगा, उसकी उर्वरक क्षमता में वृद्धि होगी, भूमि की क्षमता का शोषण नहीं होगा। और शहर से कूड़ा भी साफअभी निगम की यह प्रक्रिया शुरुआती दौर में है। इस कारण काफी कम मात्रा में खाद बनाई जा रही है। लेकिन, धीरे-धीरे इसकी प्रक्रिया तेज की जाएगी। निगम की योजना है कि निर्मित खाद को बाजार में बेचा जाएगा। यदि ऐसा हुआ तो निगम अपने मुनाफे के लिए अधिक से अधिक खाद बनाएगा और इसके लिए अधिक से अधिक कूड़े की जरूरत होगी। तब लोगों को अपने घर के सामने पड़े कूड़े को हटाने के लिए कंप्लेन नहीं करनी होगी बल्कि निगम खुद ही अधिकांश कूड़ा उठा लेगा। निगम को जहां इससे कमाई हो जाएगी, वहीं मोहल्ले साफ-सुथरे नजर आएंगे।
नंबर गेम - 70 वार्ड हैं सिटी में - 602 मीट्रिक टन कूड़ा रोज निकलता है शहर से - 500 मीट्रिक टन कूड़ा डेली उठा लेता है नगर निगम वर्जन अभी शुरुआती दौर में कूड़ा से खाद बनाने की मात्रा कम है लेकिन आगे चलकर और अधिक मात्रा में खाद बनाई जाएगी। जिसके बाद इसे बाजार में बेचने की भी योजना है। - डॉ। सतीश कुमार सिंह, नगर स्वास्थ्य अधिकारी, नगर निगम