बंद हुआ नगर निगम का दक्षिणी गेट, पब्लिक हो रही परेशान
- बेतियाहाता से बैंक रोड और टाउन हाल जाने वाले लोगों को हो रही परेशानी
- इस रास्ते से सबसे अधिक एडी गर्ल्स इंटर कॉलेज की सबसे अधिक लड़कियां इसी रास्ते से आती हैं GORAKHPUR: जिस विभाग को रास्ता बनाने की जिम्मेदारी है, अब वही रास्ता बंद कर रहा है। रास्ता बंद करने के पीछे का वजह पब्लिक द्वारा गंदगी फैलाना बताया जा रहा है। जबकि सफाई की जिम्मेदारी भी नगर निगम की ही है। मंगलवार को नगर निगम ने अपने दक्षिणी गेट को पूरी तरह से बंद कर दिया, जबकि नगर निगम का मेन गेट 2003 के बाद से ही बंद है। अभी तक लोगों के लिए पैदल और साइकिल लेकर आने-जाने वालों के लिए यह तीन से चार फीट तक खुला था। बहुत अधिक होगी पब्िलक परेशाननगर निगम कार्यालय में तीन गेट है, जिसमें एक टाउनहाल की तरफ है, दूसरा गेट कचहरी बाउंड्री की तरफ खुलता है और तीसरा दक्षिणी वाला गेट शास्त्री चौक पर खुलता है जो बंद हो रहा है। इस रास्ते से शास्त्री चौक से पैदल जाने वालों के लिए यह सबसे छोटा रास्ता था। इसलिए सुबह 10 बजे से लेकर शाम 5 बजे तक इस रास्ते से हमेशा 20 से 25 लोग पैदल आते-जाते थे, इसमें सबसे अधिक एडी गर्ल्स इंटर कॉलेज की लड़कियां होती थी, जो अलहादादपुर, बेतियाहाता, छोटेकाजीपुर सहित कई अन्य मोहल्ले से पैदल इस तीन फीट के रास्ते को पार करके स्कूल जाती हैं। अब इनको कम से कम एक किमी घूमकर स्कूल जाना पड़ेगा।
बमबारी के बाद बंद हुआ था नगर निगम का दक्षिणी गेट 2003 के बाद से बंद है। नगर निगम के जानकारों का कहना है कि 2003 में नगर निगम के डूडा विभाग में पीओ पद पर सत्येंद्र त्रिपाठी तैनात थे। उसी समय एक बार दक्षिणी गेट के पास उन पर बम फेंका गया, लेकिन कुछ हुआ नहीं, उसके बाद कुछ दिन बाद फिर से उन पर बमबारी हुई, जिसमें सत्येंद्र त्रिपाठी तो बच गए, लेकिन दो राहगीरों की मौत हो गई। वहीं 1999 के लगभग नगर निगम के दक्षिणी गेट के पास बने गेस्ट हाउस में अपर नगर आयुक्त रहते थे, जिनकी गेस्ट हाउस में ही हत्या हो गई थी, इन दोनों घटनाओं के बाद नगर निगम ने गेट को बंद करने का निर्णय लिया था, लेकिन तीन से चार फीट तक रास्ता पैदल आने-जाने वालों को खोला रखा गया।