यह तो चाहते हैं कि कचड़े में ही रहे शहर
- सर्वेक्षण टीम के जाते ही सफाई कराना भूला नगर निगम
- हर मोहल्ले में नजर आ रही गंदगी, लोगों का जीना मुहाल GORAKHPUR: सिटी में इस समय गंदगी की हालत देखकर यह कोई भी समझ सकता है कि नगर निगम अपनी मेन ड्यूटी ही नहीं करना चाहता। सर्वेक्षण टीम आने की सूचना के दो माह पहले से नगर निगम ने तैयारी शुरू कर दी थी और उस दौरान भी सफाई में जुटा रहा लेकिन जैसे ही टीम गई, सफाई भूल गया। इससे पता चलता है कि नगर निगम गोरखपुराइट्स के लिए सफाई नहीं कराता, बल्कि सिर्फ दिखावे के लिए काम करता है। 7 जनवरी को आई थी टीमसात जनवरी को केंद्र सरकार की सर्वेक्षण-2017 की टीम गोरखपुर आई थी। यहां नौ जनवरी तक रही। तीन दिन टीम को अच्छा-अच्छा दिखाने के लिए नगर निगम के अधिकारी से लेकर कर्मचारी तक जुट गए थे। इसका असर भी दिखा था। शहर साफ-सुथरा दिखने लगा था। कई मोहल्लों से गंदगी हट गई थी। खासकर, वे एरिया चकाचक नजर आए जहां टीम को जाना था। लेकिन टीम के लौटते ही नगर निगम अधिकारी-कर्मचारी सफाई का काम ऐसे भूले, जैसे वह उनका काम ही न हो।
बाहरी मोहल्लों से गायब हैं सफाई कर्मीशहर के बाहरी मोहल्लों की हालत बहुत ही खराब हो गई है। ऐसे मोहल्लों से सफाई कर्मी गायब होने लगे हैं। सेमरा के पार्षद प्रतिनिधि चंद्रशेखर यादव का कहना है कि तीन दिन टीम थी, उस समय सफाई को लेकर लोग बहुत ही सक्रिय थे। स्थिति यह थी कि यहां सभी कर्मचारी तीन दिन ड्यूटी पर उपस्थित रहे, लेकिन 12 जनवरी से डेली अब कर्मचारी गायब होने लगे हैं। यही हाल झुंगिया सहित अन्य वार्डो में भी है। यही हाल है, यहां भी कर्मचारी गायब होने लगे हैं। यही नहीं मोहद्दीपुर ओवरब्रिज के पास कूड़ा पड़ाव केंद्र से भी तीन दिन से कूड़ा नहीं उठा था। हालांकि मंगलवार को कर्मचारियों ने कूड़ा हटाया।
सामुदायिक शौचालय भी ठंडे बस्ते मेंनगर निगम सफाई तो भूला ही है, अन्य कार्यो में भी कोई प्रगति नजर नहीं आ रही। निगम के निर्माण विभाग ने सात जगहों पर सर्वे करके इस्टीमेट तैयार किया था, लेकिन इस्टीमेट तैयार हुए एक सप्ताह हो गया है इस दिशा में काम आगे नहीं बढ़ा। वार्ड नं 35 के पार्षद जुबैर अहमद का कहना है कि तीन माह से हमारे यहां के सामुदायिक शौचालय की स्वीकृत होकर फाइल पड़ी हुई है, लेकिन अभी तक कार्य शुरू नहीं हो पाया है। यही हाल भैरोपुर और झुंगिया गेट का है। यहां भी स्वच्छ भारत मिशन के तहत एक-एक सामुदायिक शौचालय के लिए जमीन चिन्हित होने के साथ ही साथ स्वीकृत भी हो चुकी है, लेकिन स्थिति यह है कि स्वच्छ सर्वेक्षण टीम के सामने दो दिन में निर्माण कार्य शुरू करने का किया वादा अभी तक पूरा नहीं हुआ।
कॉलिंग मैं नौसड़ एरिया का रहने वाला हूं। मेरे यहां कर्मचारी चार से 10 जनवरी तक डेली सफाई के लिए आते थे, लेकिन अब स्थिति यह है कि चार दिन से एक भी सफाई कर्मी नहीं आया है। नाली का कचरा रोड पर ही फैला हुआ है। अजय यादव, बिजनेसमैन मैं भैरोपुर एरिया की तरफ रहने वाला हूं। मेरे यहां एक भी सामुदायिक शौचालय नहीं है। यहां टीम आने के समय लोगों ने कहा था कि दो से तीन दिन में निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा, लेकिन टीम के जाने के बाद वादा करने वाले भी गायब हो गए। हरीश साहनी, प्राइवेट सर्विसमैन वर्जन