रखते नजर तो साफ रहता शहर
- नगर निगम के सफाई सुपरवाइजरों की लापरवाही का खामियाजा भुगत रहा शहर
- शहर में चारों तरफ फैली है गंदगी, लेकिन कार्रवाई के नाम पर बस कोरम - दिसंबर में अब तक केवल 10 लोगों के खिलाफ जुर्माना GORAKHPUR: कहां तो हमारा सपना है कि हम स्मार्ट सिटी बनेंगे। लेकिन हमारे शहर की सफाई का हाल हमें मुंह चिढ़ा रहा है। इससे भी बड़ी विडंबना की बात यह है कि नगर निगम के सफाई सुपरवाइजरों को शहर की गंदगी नजर ही नहीं आती। अगर सभी सफाई सुपरवाइजर ढंग से अपना काम करते तो साल में कार्रवाई के नाम पर सिर्फ कोरम नहीं पूरा होता। हालत यह है कि दिसंबर माह में अब तक सिर्फ 10 लोगों पर जुर्माना लगाया गया है। वहीं पूरे साल में भी यह आंकड़ा सिर्फ गिना-गिनाया ही है। ये है अधिकारनगर निगम के सुपरवाइजरों को यह अधिकार है कि कहीं कूड़ा निस्तारण के लिए दिए गए टाइम के बाद भी अगर किसी संस्था, व्यक्ति या किसी व्यापारी की ओर से कूड़ा फैलाया जा रहा है तो उस पर कार्रवाई करें। इसके लिए एक बार चेतावनी या सीधे 500 रुपए का जुर्माना सुपरवाइजर लगा सकता है। दोबारा ऐसा होने पर 1000 हजार रुपए का जुर्माना लग सकता है। इसके बाद भी अगर स्थिति नहीं सुधरी तो सुपरवाइजर की रिपोर्ट पर नगर निगम संबंधित को नोटिस जारी कर सकता है। लेकिन शहर में गंदगी का आलम और हो रही कार्रवाइयों का अनुपात देखें तो लगता है कि सफाई सुपरवाइजर अपने ही विभाग के अभियान को लेकर सीरियस नहीं हैं।
होता लाभ, कम होती गंदगी गंदगी फैलाने वालों पर कार्रवाई न हो पाना, निगम की आय पर भी भारी पड़ रहा है। अगर सही तरह से कार्रवाई होती तो हर महीने जुर्माना के रुप में निगम को काफी राशि मिलती। साथ ही सफाई व्यवस्था बनाए रखने के लिए लोग भी सजग रहते। नगर निगम के स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी का कहना है कि अगर सुपरवाइजर जुर्माना काटते तो डेली नगर निगम को पांच से दस हजार रुपए की आय होती। ऐसे में एक माह में निगम को लगभग डेढ़ से तीन लाख रुपए की आय होती। हंगामा रोकता है कार्रवाईनगर निगम के एक सुपरवाइजर का कहना है कि हम लोग जुर्माना लगाना चाहते हैं, लेकिन जनप्रतिनिधियों के डर से ऐसा नहीं कर पाते। कभी कार्रवाई होती भी है तो कोई स्थानीय नेता या जनप्रतिनिधि हंगामा शुरू कर देते हैं। कई बार तो वे सुपरवाइजर के साथ मारपीट पर उतर जाते हैं। यही वजह है कि कार्रवाई नहीं हो पाती।
एक साल में बस इतनी कार्रवाई माह मलबा कूड़ा जनवरी 4 3 फरवरी 6 6 मार्च 7 2 अप्रैल 1 8मई 12 18
जून 00 6 जुलाई 10 00 अगस्त 10 00 सितंबर 4 15अक्टूबर 8 12
नवंबर 2 12 दिसंबर (15 दिसंबर तक) 2 8 आंकड़ों में कचरा 601 मीट्रिक टन रोज निकलता है कचरा 500 मीट्रिक टन कचरे का रोज होता है निस्तारण 2300 सफाई कर्मचारी हैं नगर निगम में 24 सुपरवाइजरों की है तैनाती 03 इंस्पेक्टर तैनात हैं