-27 दिसंबर को होगा 'आरपीएम एकेडमी प्रजेंट्स आई नेक्स्ट गोरखपुर का योद्धा'

-सैयद मोदी रेलवे स्टेडियम में तय होगा कौन है गोरखपुर का योद्धा

GORAKHPUR: गोरखपुर का योद्धा कौन होगा, यह 'आरपीएम एकेडमी प्रजेंट्स आई नेक्स्ट गोरखपुर का योद्धा' में डिसाइड होगा। इसके लिए ख्7 दिसंबर को सैयद मोदी रेलवे स्टेडियम में पहलवान जोर-आजमाइश करेंगे। मगर इससे पहले आई नेक्स्ट बताने जा रहा है उन योद्धा की कहानी, जिन्होंने पूरे विश्व में देश का मान बढ़ाया, सम्मान बढ़ाया। गोरखपुर की मिट्टी में प्रैक्टिस कर विश्व के कई कंट्री में अपना दम दिखाया और देश का नाम रोशन किया।

ये हैं हमारे स्पांसर

मेन स्पांसर - आरपीएम एकेडमी

पॉवर्ड बाई - राज नर्सिग होम और राज नर्सिग एंड पैरामेडिकल कॉलेज

एसोसिएट स्पांसर - हिंदुस्तान फ्रंट, अध्यक्ष कालीशंकर

को स्पांसर - कैलाश नाथ विनय कुमार, थोक वस्त्र विक्रेता, खलीलाबाद संतकबीर नगर

को स्पांसर - राधिका ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन

को स्पांसर - सिनेमॉन, रेस्टोरेंट

को स्पांसर - प्रगति सेवा संस्थान

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दिनेश सिंह

-लगभग चालीस साल पहले गोरखपुर नहीं बल्कि मंडल और स्टेट में भी इनका जलवा था। अखाड़े पर पहलवान सामने आने से डरते थे। क्970 में लखनऊ में हुए स्कूल नेशनल में पार्टिसिपेट करते ही फ‌र्स्ट टाइम में गोल्ड मेडल जीता। इसके बाद क्97क् में इंडिया को रीप्रजेंट करते हुए जूनियर व‌र्ल्ड रेसलिंग चैंपियनशिप खेलने गए। जहां मेडल तो नहीं मिला, मगर हर दांव पर वाहवाही मिली। जिसकी चर्चा इस कदर फैली कि गोरखपुर यूनिवर्सिटी के तत्कालीन वीसी वीके राव ने एक स्टूडेंट का अलग से एग्जाम तक करा डाला। क्योंकि एग्जाम के टाइम व‌र्ल्ड रेसलिंग चैंपियनशिप चलने के कारण छूट गया था। वर्तमान में जिला कुश्ती संघ के अध्यक्ष और उप्र कुश्ती संघ के उपाध्यक्ष हैं।

पन्नेलाल यादव

-इनकी पकड़ से छूट पाना मुश्किल नहीं बल्कि नामुमकिन है। ऐसा कहा जाता था, जब पन्नेलाल अखाड़े में उतरते थे। 80 केजी से क्00 केजी वेट में अपना दम दिखा कर पन्नेलाल ने कई मेडल जीते और कई रिकार्ड बनाएं। क्0 बार रेलवे चैंपियन बनने के साथ क्0 बार नेशनल चैंपियन रहे। यही नहीं कई इंटरनेशनल कॉम्प्टीशन में पार्टिसिपेट करने के साथ कनाडा में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स, व‌र्ल्ड रेसलिंग चैंपियनशिप के साथ मास्को ओलंपिक के लिए लगे स्पेशल ट्रेनिंग कैंप में भी सेलेक्शन हुआ है। हालांकि किन्ही कारणवश ओलंपिक में नहीं जा सके। सीरिया में हुए इंटरनेशनल कॉम्प्टीशन में सिल्वर मेडल जीत इंडिया का परचम फहराया। साथ ही पाकिस्तान में भी इनका जलवा रहा है। सिटी, प्रदेश और देश के लिए मेडल जीतने वाले पन्नेलाल को यूपी सरकार ने यशभारती पुरस्कार से सम्मानित किया। अभी भी उभरते हुए पहलवान पन्नेलाल को अपना आदर्श मानते हैं। तभी रेलवे से रिटायर होने के बाद भी पन्नेलाल पहलवानी और अखाड़े से जुड़े हुए हैं। वर्तमान में पक्कीबाग अखाड़ा में इन्हीं की देखरेख में पहलवान नेशनल और इंटरनेशनल के लिए प्रैक्टिस कर रहे हैं।

रामाश्रय यादव

सुपर हैवीवेट में गोरखपुर का आज भी नाम है। रामाश्रय यादव ने सुपर हैवीवेट में देश से लेकर विदेशों तक न सिर्फ अपनी ताकत का लोहा मनवाया बल्कि पहलवानों को हरा कर मेडल भी जीता। 8 बार के नेशनल चैंपियन और क्0 बार इंडियन रेलवे से चैंपियन रहते हुए क्988 में रामाश्रय यादव सुपर हैवीवेट में एशिया चैंपियन बनें। उन्हें यशभारती अवार्ड से सम्मानित किया। इसके बाद सम्मानित होने का सिलसिला यहीं नहीं थमा। देश के प्रधानमंत्री चंद्रशेखर, अटल बिहारी बाजपेई, यूपी के सीएम राजनाथ सिंह, रेलवे मिनिस्टर माधवराव सिंधिया समेत कई स्टेट के सीएम ने रामाश्रय यादव को सम्मानित किया। एनई रेलवे में सीटीआई रामाश्रय यादव मिट्टी की कुश्ती को जिंदा रखने के लिए कई कॉम्प्टीशन भी कराते हैं। रामाश्रय यादव भारतीय पद्धति कुश्ती संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रहे हैं। क्98भ् पाकिस्तान में हुए इंटरनेशनल कॉम्प्टीशन में सिल्वर मेडल जीता था। जिसके बाद क्988 में प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने सम्मानित किया था।

तालुकदार यादव

पहलवानों की तरह हैवी कदकाठी न होने के बावजूद तालुकदार के दांव ने उसे बहुत जल्दी लोगों के बीच फेवरेट बना दिया था। हल्की कदकाठी के बावजूद पल में दूसरे पहलवान को चित्त कर देता था। तालुकदार क्9 बार नेशनल चैंपियन रहे। कनाडा में हुए व‌र्ल्ड कैडेट रेसलिंग चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल जीता। चेन्नई में हुए सैफ गेम्स में पाकिस्तान के मजबूत पहलवान को पल में मात देते हुए गोल्ड मेडल पर कब्जा किया। पाकिस्तान में हुए कैदे आजम गोल्ड कप रेसलिंग चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीता। इसके साथ ही कई इंटरनेशनल कॉम्प्टीशन में पार्टिसिपेट करने के साथ एशियन चैंपियनशिप में अपना दम दिखाया। तालुकदार के शानदार खेल को देखते हुए यूपी सरकार ने यशभारती के साथ लक्ष्मण अवार्ड से भी नवाजा। हालांकि इनकी छोटी उम्र में मौत हो गई।

चन्द्रविजय सिंह

यह नाम न पहले मोहताज था और न अब। जब खेलता था तो चन्द्रविजय ने कई इंटरनेशनल कॉम्प्टीशन में दम दिखाया और जब खेलना छोड़ा तो कोच बन कर इंडिया के बेस्ट रेसलर को सिखा रहा है। इंडियन टीम के कोच बने चन्द्रविजय सिंह कॉमनवेल्थ गेम्स, एशियन गेम्स के साथ व‌र्ल्ड रेसलिंग चैंपियनशिप में इंडिया टीम के कोच बन कर रीप्रजेंट कर चुके है। रियो ओलंपिक के लिए लगे कैंप की जिम्मेदारी भी चन्द्रविजय सिंह को मिली है। इससे पहले चन्द्रविजय के शानदार करियर को लेकर यूपी सरकार यशभारती और लक्ष्मण अवार्ड से सम्मानित कर चुकी है। चन्द्रविजय इंडियन रेलवे टीम के भी कोच हैं। हेड टीटीई चन्द्रविजय सिंह इससे पहले कई नेशनल और रेलवे कॉम्प्टीशन में चैंपियन रह चुके हैं।

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रजिस्ट्रेशन कराया या नहीं

'आरपीएम एकेडमी प्रजेंट्स आई नेक्स्ट गोरखपुर का योद्धा' ख्7 दिसंबर को सैयद मोदी रेलवे स्टेडियम में आयोजित किया जा रहा है। जहां तय होगा कि कौन है गोरखपुर का योद्धा? अगर आप में हैं दम तो जल्द कराए रजिस्ट्रेशन। अगर अभी तक रजिस्ट्रेशन नहीं कराया है तो अब देर करने की जरूरत नहीं है। क्योंकि रजिस्ट्रेशन का अब सिर्फ एक दिन बचा है। रजिस्ट्रेशन की कोई फीस नहीं है। जिन्हें रजिस्ट्रेशन कराना है, वे सिविल लाइंस स्थित आई नेक्स्ट ऑफिस में आकर अपना रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं या फिर मोबाइल नंबर 87म्भ्भ्फ्0क्ब्क् पर संपर्क कर सकते हैं।

मस्ती, कुश्ती का नहीं है चार्ज

सैयद मोदी रेलवे स्टेडियम में ख्7 दिसंबर को होने वाली 'आरपीएम एकेडमी प्रजेंट्स आई नेक्स्ट गोरखपुर का योद्धा' में पहलवान अपना दम दिखाएंगे। मगर आई नेक्स्ट पहली बार लगाने जा रहा है कुश्ती के साथ इंटरटेनमेंट का तड़का। एक ओर जहां कुश्ती में पहलवान दम दिखाएंगे वहीं दूसरी ओर बीच-बीच में इंटरटेन भी किया जाएगा। म्यूजिकल ग्रुप जहां लोगों को अपने मधुर गानों से रिझाएगा तो दूसरी ओर जिम्नास्टिक के खिलाड़ी अपनी कलाबाजी से सबको चौंकाएंगे। फोक डांस भी होगा तो क्विज कॉम्प्टीशन भी, जिसमें प्राइज भी दिया जाएगा।

Posted By: Inextlive