मल्टी सिटी अटैक के टारगेट पर गोरखपुर!
- खुफिया विभागों को मिली है जानकारी
- आतंकी संगठनों के लिए सेफ जोन बना गोरखपुर -थर्सडे नाइट सोनौली से दो संदिग्धों के पकड़े जाने पर आशंका और हुई बलवती GORAKHPUR: नेपाल बार्डर से सटा गोरखपुर आतंकवादियों के निशाने पर है। आतंकी हमलों का साया कभी भी परेशान कर सकता है। आतंकियों की मल्टी सिटी अटैक टारगेट में गोरखपुर का नाम शामिल है। आतंकी संगठनों के स्लीपर मॉड्यूल भी काम कर रहे हैं। खुफिया विभाग की इस गोपनीय रिपोर्ट पर सुरक्षा एजेंसियां भी अलर्ट हैं। थर्सडे नाइट सोनौली में दो संदिग्धों को एटीएस ने पकड़ा। इसके बाद यह आशंका और बलवती हो गई है। लापरवाही हुई तो गोरखपुर में मचा सकते हैं तबाहीनेपाल बार्डर से पकड़े जाने वाले आतंकी गोरखपुर के रास्ते देश के विभिन्न हिस्सों में आवागमन करते हैं। पिछले कई सालों के भीतर विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों ने बार्डर, गोरखपुर से आतंकियों को अरेस्ट करके इसका खुलासा किया। लोक सभा चुनाव के दौरान वाराणसी में मोदी की जनसभा के पहले गोरखपुर रेलवे स्टेशन के बाद दो आतंकी पकड़े गए। ट्रेन से गोरखपुर आए आतंकी आजमगढ़ जाने की फिराक में थे। उनके पास से एटीएस ने एके ब्7, चाइनीज पिस्टल, सिमकार्ड सहित कई संदिग्ध दस्तावेज बरामद किया। क्8 दिसंबर की रात एटीएस ने सोनौली बार्डर से दो संदिग्धों को उठाया। दोनों एक आतंकी संगठन से जुड़े हैं।
ख्007 में गोलघर के भीतर किया सीरियल ब्लास्ट पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी की नेपाल में अच्छी पैठ है। पाकिस्तान से इंडिया आने के लिए आतंकी नेपाल के खुले रास्ते का इस्तेमाल करते हैं। आईएसआई ने गोरखपुर, देवरिया सहित अन्य जिलों के कई लोगों को नेपाल में पनाह दी। देवरिया जिले के मूल निवासी मिर्जा दिलशाद बेग को आगे बढ़ने में आईएसआई ने मदद की। गोरखपुर में अपने माड्यूल के सहारे उसने कई वारदातें की। मेनका थियेटर बम कांड के बाद ख्ख् मई ख्007 को गोलघर में सीरियल ब्लास्ट हुए। तीन जगहों पर साइकिल के सहारे टिफिन बम फोड़े गए। इसमें छह लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे। आतंकी निशाने पर क्यों आया गोरखपुरहिंदुत्व की प्रयोगशाला के रूप में गोरखपुर का नाम सामने आया है। यहां हिंदूवादी संगठनों के एक्टिव होने के बाद आईएसआई ने भी अपना कदम बढ़ा दिया। नेपाल बार्डर के कई गांवों में आईएसआई के लोग एक्टिव हो गए। कुछ युवकों को आतंकी ट्रेनिंग के लिए भी सेलेक्ट किया गया। इसका खुलासा पहले ही हो चुका है। एक फरवरी ख्007 को यूपी एसटीएफ ने इलाहाबाद से आईएसआई एजेंट को अरेस्ट किया। उसके पास से भारतीय सेना के ठिकानों, संवेदनशील जगहों सहित परमाणु संस्थानों का नक्शा भी बरामद हुआ। ख्8 दिसंबर ख्00म् को लखनऊ में पकड़े गए दो आईएसआई एजेंट्स नेपाल से आए। गोरखपुर से होकर वह लखनऊ पहुंच गए। सूत्रों का कहना है कि बॉर्डर पर करीब ख्00 किलोमीटर हिस्से पर कोई निगरानी नहीं हो पाती है। इनमें उत्तरांचल में भ्क् किलोमीटर, बिहार में म्म् किलोमीटर, सिक्किम में भ्भ् किलोमीटर और यूपी में ख्8 किलोमीटर की सीमा शामिल है। आतंकी गतिविधियों को देखते हुए बार्डर पर एसएसबी की निगरानी बढ़ाई गई है।
इन मामलों में यूज हुआ नेपाल बार्डर -आईएसआई के पड़ोसी जिलों में विस्तार करने में खुली सीमा का नाजायज फायदा उठाया -काठमांडू से इंडिया के विमान का अपहरण करके आतंकी कंधार ले गए। -सीआईए के लिए काम करने वाले रॉ के अफसर रविंद्र ने भागने के लिए नेपाल बार्डर का यूज किया। दीपावली में मिला था संकेत, ख्म् जनवरी को लेकर तैयारीआतंकवादियों के लिए गोरखपुर बेहद ही आसान टारगेट है। दीपावली में दिल्ली, पटना और गोरखपुर में ब्लास्ट की सूचना खुफिया एजेंसियों को मिली। इसको लेकर काफी मुस्तैदी की गई। सूत्रों का कहना है कि ख्म् जनवरी को अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा गणतंत्र दिवस परेड में शामिल होंगे। इसको लेकर दोबारा अलर्ट बढ़ा दिया गया है। बताया जाता है कि पटना और गोरखपुर नेपाल से इंडिया में आने का सबसे आसान रास्ता है। इसलिए गोरखपुर को आतंकी डिस्टर्ब नहीं करना चाहते हैं। लेकिन मल्टी सिटी अटैक टारगेट पर यहां पर तबाही मचा सकते हैं। इसको लेकर खुफिया विभाग अपनी रिपोर्ट भेज चुका है।