- डीएम-एसएसपी आफिस के पास तीन साल चलती रही जालसाजी की दुकान

- फिंगर प्रिंट क्लोन बनाकर रुपए ट्रांजेक्शन करने वाले गैंग के 11 सदस्य अरेस्ट, दो की तलाश

- 9 लाख नकदी, लग्जरी कार, बाइक सहित भारी मात्रा में बरामद हुए जालसाजी के सामान

GORAKHPUR:

डीएम-एसएसपी आफिस से महज 300 कदम की दूरी पर तीन साल से जालजासी की दुकान चल रही थी। दुकान पर बैठने वाले शातिर लोगों के फिंगर प्रिंट क्लोन और आधार कार्ड नंबर का इस्तेमाल करते हुए लोगों के अकाउंट से नकदी का ट्रांजेक्शन कर रहे थे। दिल्ली पुलिस से मिले इनपुट पर साइबर सेल और स्वाट टीम की जांच में मामले का पर्दाफाश हुआ। गैंग से जुड़े 11 लोगों को पुलिस ने अरेस्ट किया। उनके पास से लग्ज़री कार, बाइक, 9.10 लाख रुपए, 53 मोबाइल फोन, 34 सिमकार्ड, 26 अलग-अलग बैंकों के एटीएम कार्ड, 53 पासबुक, 48 चेकबुक, दो करोड़ 60 लाख रुपए के सिग्नेचर किए चेक, 10 करोड़ केडिमांड ड्राफ्ट, 213 फिंगर प्रिंट क्लोन, चार स्कैनर, चार पेन ड्राइव, दो रजिस्टर, दो डायरी, फिंगर प्रिंट क्लोन, फिंगर प्रिंट स्कैनर, डोंगल, फिंगर प्रिंट क्लोन बनाने वाली मशीन का पूरा सेट, पैनकार्ड, आधार कार्ड सहित अन्य उपकरण भी बरामद हुए हैं। एसएसपी दिनेश कुमार पी ने बताया, इस गैंग से जुड़े अन्य लोगों की तलाश की जा रही है। कितने लोगों के बैंक अकाउंट से नकदी का ट्रांजेक्शन किया गया है। इस संबंध में भी जानकारी जुटाई जा रही है। मामले के खुलासे में लगी टीम को 25 हजार रुपए का इनाम दिया जाएगा। इसकी जांच आगे जारी रहेगी।

पुलिस ने ऐसे की कार्रवाई

- दिल्ली पुलिस ने दूसरे लोगों के बैंक अकाउंट से नकदी निकालने का इनपुट गोरखपुर पुलिस को दिया।

- साइबर सेल, स्वाट टीम और एसओजी की टीम ने जांच की तो मालूम हुआ कि जिला पंचायत रोड के साईं कम्यूनिकेशन में पूरा गैंग काम करता है।

- हरिओम नगर के पास पुलिस ने कार सवार लोगों को रोका। उनके पास से नकदी बरामद हुई। कार में एटीएम कार्ड, मोबाइल फोन, सिमकार्ड, फिंगर प्रिंट क्लोन, बैंक पासबुक, हैदराबाद की चेकबुक सहित अन्य सामान बरामद हुआ। पकड़े गए लोगों ने बताया कि अंगूठे का क्लोन बनाकर फर्जी ग्राहक सेवा केंद्र के जरिए लोगों के अकाउंट से रुपए निकालने के खेल में कई लोग शामिल हैं। पूछताछ में सामने आया कि अंगूठे का क्लोन बनाने वाले जिला पंचायत रोड पर साई कम्यूनिकेशन में मौजूद हैं।

- पुलिस ने छापेमारी की तो वहां पर क्लोन बनाने के साथ मशीन सहित अन्य कंप्यूटर बरामद हुए। पूछताछ में सामने आया कि 13 लोगों का गैंग तीन साल से शहर में सीएसपी (कस्टमर सर्विस प्वाइंट) के जरिए दिल्ली, मुंबई, पंजाब और हरियाणा सहित कई शहरों के लोगों की रकम उड़ा रहा है।

आधार बेस्ड जालसाजी का खेल, खाली करते रहे अकाउंट

पकड़े गए बदमाश आधार बेस्ड जालसाजी की कंपनी चला रहे थे। इस गैंग ने अपने काम की जिम्मेदारी अलग-अलग लोगों को सौंप रखी थी। चार टीमों में काम बांटकर गैंग के सदस्य पब्लिक की गाढ़ी कमाई उड़ाने में लगे थे। इनमें पहली टीम के सदस्य फोटोकॉपी, भूलेख पोर्टल सहित अन्य जगहों से लोगों के आधार कार्ड, बैंक डिटेल, अंगूठा निशानी सहित अन्य चीजें जुटाते थे। फिर दूसरी टीम के लोग सभी का फिंगर प्रिंट क्लोन तैयार करते थे। तीसरी टीम के हाथ में सीएसपी के संचालन का जिम्मा था। चौथी टीम नेपाल सहित अन्य जगहों के लोगों का बैंक अकाउंट ओपेन कराकर उनको कुछ हिस्सेदारी देने के बहाने अकाउंट पासबुक, एटीएम कार्ड इत्यादि अपने पास रख लेती थी। उनका वीडियो केवाईसी भी करवा लेते थे। रबर क्लोन के जरिए रुपए का ट्रांजेक्शन करके गैंग के सदस्य निकाल लेते थे। सबकी डिटेल पुलिस खंगालने में जुटी है। पुलिस का कहना है कि पूर्व में कैंट एरिया में ऐसा गैंग पकड़ा गया था। कुछ लोगों की बातचीत पुराने मामले में जेल गए लोगों से होती थी।

इनके जिम्मे था यह काम

- राघवेन्द्र मिश्रा, दाउदपुर थाना कैंट: नेपाल और दिल्ली के व्यक्तियों को पैसे देकर उनका विभिन्न बैंकों में खाता खुलवाकर उनका एटीएम कार्ड चेकबुक, नेट बैंकिंग का आईडी पासवर्ड और वीडियो केवाईसी कराकर सीएसपी के जरिए रुपए निकालना।

- सोनू कुमार पासवान, ग्राम मोहरीपुर थाना चिलुवाताल : आधार कार्ड डाटा और फिंगर प्रिंट विभिन्न जगहों से लाकर फिंगर प्रिंट क्लोन बनवाकर रुपए की निकासी करने की जिम्मेदारी।

- मुकेश कुमार, ग्राम अचियापार थाना सहजनवां: ग्राहक सेवा केंद्र का संचालन और आधार कार्ड और फिंगर प्रिंट डाटा निकालकर बेचना।

- विकास उर्फ विक्की, जोन्हिया थाना सहजनवां: तहसील परिसर में फोटोकॉपी दुकान का कर्मचारी, भू-लेख की वेबसाइट पर रजिस्ट्री पंजीकरण संख्या के माध्यम से आईजीआरएस की साइट पर रजिस्टर संख्या डालकर रजिस्ट्री का डाटा डाउनलोड करना, आधार कार्ड नंबर और फिंगर प्रिंट का डाटा डाउनलोड कर सोनू पासवान को बेच देना।

- सैय्यद जावेद अली, जाफरा बाजार रानी का टोला थाना तिवारीपुर: सभी के फिंगर प्रिंट का क्लोन तैयार करके उपलब्ध कराना।

- शशांक पांडेय उर्फ गोलू पांडेय, बुढ़नपुरा थाना बड़हलगंज : नेपाल और दिल्ली के व्यक्तियों को पैसे देकर उनका विभिन्न बैंको में खाता खुलवाकर उनका एटीएम कार्ड चेकबुक,नेट बैंकिग का आईडी पासवर्ड राघवेन्द्र मिश्रा को उपलब्ध कराना।

- दीपेन्द्र थापा पहाड़ी मोहल्ला थाना नौतनवा जनपद महराजगंज, मूल पता श्यान्जा पोखरा, नेपाल: नेपाल और दिल्ली के व्यक्तियों को पैसे देकर नितेश सिंह, राहुल राना और सागर जायसवाल की मदद से उनका विभिन्न बैंको में खाता खुलवाना।

- सागर जायसवाल, मोहल्ला थाना नौतनवां, जनपद महराजगंज जो मार्डन टाउन, नई दिल्ली में रहता है। यह नेपाली नागरिकों के फर्जी आधार कार्ड और पैन कार्ड तैयार कराता था।

- राहुल राना, महेन्द्रनगर वार्ड नं.-13 थाना नौतनवां, जनपद महराजगंज, दिल्ली के मलिकपुर मार्डन टाउन में रहते हुए नेपाली व्यक्तियों को दीपेन्द्र थापा से मिलवाना तथा नितेश सिंह की मदद से उनका बैंक खाता खुलवाता था।

- अमित कनौजिया, तिवारीपुर थाने के सामने थाना तिवारीपुर: जावेद की मदद से अपनी दुकान पर फिंगर प्रिंट का क्लोन तैयार करता था।

- आशीष पाठक, ग्राम देवापार थाना उरूवा बाजार: पेन ड्राइव से फिंगर प्रिंट का डाटा एडिट करके जावेद अली को उपलब्ध कराने का काम करता था। - गैंग से जुड़े दो अन्य सदस्यों की तलाश जारी है।

ऐसे करें बचाव, बता रहे उपाय

फोटोकॉपी की दुकानों और सरकारी वेबसाइट से लोगों की जानकारी चोरी हो रही है। इसका फायदा जालसाज उठा रहे हैं। एसएसपी ने कहा कि गृह मंत्रालय को पत्र लिखकर सुरक्षा चक्र मजबूत करने की मांग की जाएगी। व्यापक जागरुकता अभियान चलाकर लोगों को जालसाजी से बचाने के लिए अवेयर किया जाएगा।

ये अपनाएं उपाय

- एम आधार एप डाउनलोड कर अपना फिंगर प्रिंट डिसेबल कर लें। जरूरत पड़ने पर ही इसे इनेबल करें।

- अपने बैंक अकाउंट में फिंगर प्रिंट डिसेबल करा लें, जिससे एईपीएस ट्रांजेक्शन नहीं हो सकेगा।

- भूमि की रजिस्ट्री कराने के बाद तत्काल फिंगर प्रिंट एम आधार एप या अपने बैंक खाते के माध्यम से डिसेबल करा लें। इससे किसी तरह का रिस्क नहीं रहेगा।

Posted By: Inextlive