बिजली चोरी में गोरखपुर पांचवे स्थान पर
प्रदेश के 75 जिले में बिजली चोरी में गोरखपुर पांचवें नंबर पर
- घर के बाहर डिवाइस लगाकर करेंगे आपके घर की जांच द्दह्रक्त्रन्य॥क्कक्त्र: सिटी में 100 प्रतिशत बिजली मिलती है, लेकिन लोगों के घरों तक पहुंचते-पहुंचते 28.59 प्रतिशत बिजली गायब हो जाती है। सिटी की गायब हुई इस बिजली ने गोरखपुर को प्रदेश के बिजली चोरी में पांचवें पायदान में पहुंचा दिया है। सिटी में गायब हो रही बिजली को तलाशने के लिए 21 जुलाई से बिजली विभाग चेकिंग अभियान शुरू करने जा रहा है। दो माह तक चलने वाले इस अभियान में एक-एक घर की चेकिंग करने का निर्णय लिया गया है। ये हैं कटिया वाले मोहल्लेबिजली विभाग के आंकड़ों की माने तो सिटी में कुल 72 फीडर हैं, जिनकी मदद से सिटी में बिजली सप्लाई होती है। इन फीडर पर नजर डाले तो सबसे अधिक कटिया कनेक्शन बहरामपुर, तुर्कमानपुर, रामनगर, बिछिया के मोहनापुर, पादरीबाजार, रसूलपुर, अजय नगर भठ्ठा, नया गांव में हैं।
6.28 करोड़ की बिजली हर मंथ हो जाती है चोरीसिटी में प्रत्येक मंथ लगभग 28 करोड़ रुपए की बिजली सप्लाई होती है। बिजली विभाग के आंकड़ों की माने तो यह बिल महानगर में मिलने वाली बिजली का मूल्य होता है। इसमें बिजली विभाग प्रत्येक मंथ लगभग 22 करोड़ रुपए का बिल बनाता है। इस तरह देखें तो बिजली विभाग का 28.59 फीसदी लाइनलॉस हो जाती है। इस तरह देखें तो कुल 6.28 करोड़ रुपए की बिजली बर्बाद हो जाती है। लाइनलॉस होने का आंकड़ा महानगर को मिलने वाली बिजली का एक चौथाई है। अगर यह बिजली महानगर को मिल जाती तो महानगर में डेली औसतन 3 से 4 घंटे तक होने वाली कटौती और लो वोल्टेज से निजात मिल जाती।
21 से शुरू होगा बिजली चेकिंग का अभियान सिटी में लाइनलॉस रोकने के लिए 21 जुलाई से छोटी-छोटी टीम बनाकर अभियान चलाए जाते हैं। यह अभियान भी इस साल जनवरी-फरवरी माह में चले अभियान की तरह संचालित किया जाएगा। बिजली विभाग को यह निर्देश यूपी पावर कॉर्पोरेशन के उच्चाधिकारियों की ओर से मिले हैं। गोरखपुर जोन के चीफ इंजीनियर डीके सिंह ने बताया कि यह अभियान भी व्यापक स्तर पर चलेगा, इसमें पुलिस फोर्स के साथ ही साथ एक मजिस्ट्रेट को भी साथ रखा जाएगा। इन मजिस्ट्रेट के आदेश पर वबाल करने वालों पर तत्काल मुकदमा कराया जाएगा। अभी लोकल स्तर के अफसरों से इस अभियान के लिए अनौपचारिक वार्ता की गई है। इस बार चेकिंग का मानक भी बदलेगाबिजली विभाग में चेकिंग अभियान चलेगा, लेकिन इस बार अभियान का मानक विभाग ने बदल दिया है। विभाग ने इस बार घनी आबादी और इंडस्ट्रीयल एरिया में चेकिंग करेगा। डीके सिंह ने बताया कि अगर एक इंडस्ट्री में जितनी बिजली चोरी होती है उतनी चोरी कम से कम 1 हजार घरों में होती है। इसलिए हम लोगों ने तय किया है कि दो घनी आबादी वाले सब स्टेशन और एक इंडस्ट्रीयल एरिया के सब स्टेशन की चेकिंग की जाएगी। 21 जुलाई से चलने वाले अभियान में हम लोगों ने खोराबार, लालडिग्गी घनी आबादी वाले सब स्टेशन और विकास नगर का इंडस्ट्रीयल एरिया के सब स्टेशन को चयनित किया जाएगा। इस एरिया में जो भी पोल लगे हुए हैं, उस पोल से निकलने वाले तारों को चेक किया जाएगा।
इन तरीकों से होती है चोरी - कटिया कनेक्शन - मीटर में छेड़छाड़ - मीटर बाईपास - कम लोड के कनेक्शन पर अधिक उपयोग - एक कनेक्शन पर दो घरों में सप्लाई - मीटर में डिवाइस लगाकर इन एरिया में है सबसे अधिक लाइन लास फीडर लाइनलॉस पूरे शहर का वर्तमान समय में कुल 28.59 फीसदी लाइनलॉस होता हैतिवारीपुर 52 फीसदी
कोतवाली 50.फीसदी बेतियाहाता 51.15 फीसदी नसीराबाद 49.80 फीसदी नार्मल 52.15 फीसदी आजाद नगर 50.56 फीसदी शक्तिनगर 50.42 फीसदी जीडीए पश्चिमी 51.90 फीसदी विजय चौक 50.04 फीसदी टेलीफोन एक्सचेंज 50.09 फीसदी साई मंदिर 56.75 फीसदी उंचवा 49.30 फीसदी