कालेसर से गोरखपुर शहर में एंट्री आपको स्मार्ट सिटी का अहसास कराएगी. गोरखपुर में बदलाव तो हो ही रहे हैं वहीं अब गोरखपुर का एंट्री प्वाइंट भी बदला-बदला सा नजर आएगा. इसके लिए जीडीए ने कालेसर से नौसढ़ तक के बंधे का सौंदर्यीकरण के लिए मॉडल तैयार कर लिया है. इसी मॉडल अब बंधे का सौंदर्यीकरण शुरू हो चुका है.


गोरखपुर (ब्यूरो)। कालेसर से नौसढ़ तक आने वाली सड़क के बाई तरफ बंधे के सौंदर्यीकरण के लिए जियो टेक्सटाइल और जियो सेल से बंधे को समतल किया जा रहा है। इसके साथ ही ग्रीनरी के लिए गार्डेनिंग की जा रही है। इसके लिए जीडीए की तरफ से कवायद भी शुरू कर दी गई है। ताकि बाढ़ में न हो कटान


अगर आप लखनऊ से गोरखपुर आ रहे हैं और कालेसर से नौसढ़ की तरफ से सिटी में प्रवेश कर रहे हैैं तो आपको एक खुबसूरत नजारा देखने को मिलेगा। आर्किटेक्ट मनीष मिश्रा ने बताया कि नौसढ़-कालेसर बंधे का सुंदरीकरण का मुख्य उद्देश्य गोरखपुर के प्रवेश को सुंदर बनाना है। क्योंकि नौसढ़ कालेसर बंधा गीडा और अन्य गांवों को बाढ़ से सुरक्षित करता है। इसलिए यह सुंदरीकरण गोरखपुर शहर के मुख्य प्रवेश की सुरक्षा से भी जुड़ा हुआ है। बंधे में जियोसेल और जियोटेक्सटाइल का प्रयोग किया जा रहा है। इससे बंधे में बारिश के बाद भी मिट्टी रुकी रहेगी। पैदल यात्री रहेंगे सुरक्षित

बंधे को रोड तक पूरी तरह से स्लोप में स्थापित करने से बंधे पूरी तरह से समतल और घास के प्रयोग से सुंदर दिखाई देगा। बंधे और रोड के बीच में एक मीटर का रोड से 15 सेंटी मीटर फुटपाथ दिया गया है। जिससे पैदल यात्री रोड पर चल रही गाडिय़ों से सुरक्षित रहें और लोग सड़क के किनारे गाड़ी या ट्रक न खड़ी करें। फुटपाथ देने से बंधे के किनारे पानी लगना भी बंद हो जाएगा। मनीष ने बताया कि बंधे के ऊपर पांच मीटर की चौड़ाई में ईंटे लगाई जाएंगी। जिससे बंधे का कटान ऊपर से भी बंद हो जाएगा। बंधे पर पूरी तरह से प्रे-कॉस्ट टेक्नोलॉजी का यूज किया गया है। जिससे कार्य की सुंदरता और गुणवत्ता में कोई समझौता न हो। बंधे को सुंदर और सुनियोजित तरीके से ग्रीनरी बनाने का प्रयास किया गया है।

Posted By: Inextlive