वो तड़पती रही, नहीं पसीजे भगवान
- जिला महिला अस्पताल का मामला
- डॉक्टर ने गर्भवती को नहीं देखा, दोपहर में रेफर कर दिया बीआरडी - पुरानी इमरजेंसी में एक घंटे करना पड़ा इंतजार, पत्नी का दर्द देख रो पड़ा पति GORAKHPUR: जिला महिला अस्पताल के जिम्मेदार लापरवाह होने के साथ ही बेदर्द भी हैं। इसका बेहद शर्मनाक नजारा रविवार को देखने मिला। एक गंभीर हाल गर्भवती महिला एक घंटे तक अस्पताल के पुरानी इमरजेंसी में तड़पती रही लेकिन किसी ने उसकी सुध नहीं ली। किसी तरह डॉक्टर ने देखा भी तो गंभीर हाल बता मेडिकल कॉलेज रेफर कर अपना पल्ला झाड़ लिया। इससे परेशान पति, पत्नी की तकलीफ देख रो पड़ा। वह जिम्मेदारों से गुहार लगाता रहा लेकिन जिला अस्पताल के बेदर्दो का दिल नहीं पसीजा। वहीं, मामला सामने आने पर अस्पताल प्रशासन हर बार की तरह जांच का आश्वासन देने में लगा है।दर्द से कराहती रही महिला
बांसगांव एरिया के रहने वाले अक्षय लाल की पत्नी संध्या गर्भवती थीं। उन्हें रविवार तड़के अचानक प्रसव पीड़ा हुई। अक्षय तत्काल पत्नी को लेकर जिला महिला अस्पताल पहुंचे। उनके साथ उनकी डेढ़ साल की बेटी अंशु भी थी। उन्होंने पत्नी को सुबह छह बजे एडमिट करवाया। अक्षय लाल का आरोप है कि इस बीच डॉक्टर नहीं आईं और हेल्थ एंप्लॉइ ने लेबर रूम में भेज दिया। काफी देर इंतजार करने के बाद भी डॉक्टर नहीं पहुंचीं। करीब दो बजे डॉक्टर पहुंचीं और संध्या की हालत गंभीर बताते हुए मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया।
इमरजेंसी में भी नहीं मिली मदद किसी तरह अक्षय दर्द से कराहती पत्नी संध्या और बेटी के साथ पुरानी इमरजेंसी पहुंचे। एक तरफ पत्नी की तकलीफ और दूसरी तरफ रोती बिलखती मासूम बच्ची को संभालते परेशान अक्षय की वहां भी कोई नहीं सुन रहा था। इसी बीच एक युवक उनकी मदद को आगे आया। वह कैंपस के बाहर पहुंचा और 102 नंबर एंबुलेंस को जानकारी दी। इस बीच एक घंटे तक संध्या पुरानी इमरजेंसी में बने चबूतरे पर दर्द से कराहती रहीं। एंबुलेंस आने के बाद उन्हें मेडिकल कॉलेज भेजा गया। जहां उन्होंने देर शाम ऑपरेशन से एक बच्चे को जन्म दिया। वर्जन यह गंभीर विषय है। लापरवाही करने वालों की जांच कराई जाएगी। जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। - डॉ। एके गुप्ता, एसआईसी, जिला महिला अस्पताल