- शहर की गलियों में फैला है कचरा

- शहर के 12 एरिया में खुले में करते हैं लोग शौच

- कूड़ा निस्तारण भी अभी सही तरीके से है शहर में

GORAKHPUR: केंद्र सरकार से लेकर राज्य सरकार तक के स्वच्छता मिशन पर नगर निगम और गोरखपुराइट्स पानी फेरने पर आमादा हैं। आलम यह है कि आज पूरा शहर कचरा से पट गया है। जबकि, स्मार्ट सिटी में शामिल करने के लिए बुधवार से सर्वेक्षण 2017 शुरू हो रहा है। इस सर्वेक्षण के आधार पर ही शहरों को नंबर मिलता है और उनका चयन स्मार्ट सिटी बनाने के लिए किया जाता है। इस कड़ी में आई नेक्स्ट शहर की 'डर्टी पिक्चर' सामने ला रहा है, जिसे बनाने में नगर निगम से कम जिम्मेदार हमलोग भी नहीं है। निगम कर्मचारी जहां समय पर सफाई नहीं करते हैं तो आम जन जहां-तहां कचरा फेंक देते हैं। हम अपने कचरे को सड़क पर बिना यह सोचे फेंक देते हैं कि इससे शहर की तस्वीर मेहमानों की नजर में क्या बनेगी। इसलिए आई नेक्स्ट चाहता हैं कि अब तस्वीर बदलनी चाहिए। इस कड़ी में आज से हम रोज सिटी की एक 'डर्टी पिक्चर' आपके सामने लाएंगे, जिसे बदलने की जिम्मेदारी नगर निगम के साथ आपकी और हमारी भी होगी। तो आईए अपने शहर को स्मार्ट बनाने के लिए आगे बढ़े।

आज से होगा स्मार्ट बनने के लिए सर्वे

शहर फिर से स्मार्ट सिटी की दौड़ में शामिल होने जा रहा है। सर्वेक्षण-2017 की शुरुआत बुधवार से हो रही है। इस बार स्मार्ट सिटी में चयन करने के लिए शहर की सफाई व्यवस्था पर टारगेट बनाया गया है, जो शहर जितना अधिक साफ होगा, वह स्मार्ट सिटी की दौड़ में उतना ही आगे रहेगा। नगर निगम में सर्वेक्षण-2017 में हो रही तैयारी को लेकर कार्य शुरू कर दिया है। वहीं सर्वेक्षण के मानक पर भी कार्य कर रहा है। इस बार के सर्वेक्षण में नगर निगम के सामने 100 प्रतिशत का मार्क रखा गया है। नगर निगम को यह मार्क पांच सेक्टर में प्राप्त करना है। वहीं सर्वेक्षण करने आने वाली टीम तीन एंगल पर नगर निगम की सफाई व्यवस्था का जायजा लेंगे।

यह है पैमाना

सेक्टर

डोर-टू-डोर कूड़ा प्रबंधन, सफाई और सफाई के यातायात व्यवस्था-----40 प्रतिशत

कूड़ा संग्रह व निस्तारण की व्यवस्था ------ 20 प्रतिशत

खुले में शौच या शौचालय व्यवस्था ---------- 30 प्रतिशत

सफाई को लेकर जनजागरूकता ---------- 5 प्रतिशत

कूड़ा क्षमता संव‌र्द्धन -------------- 5 प्रतिशत

इन तीन एंगल पर होगी जांच

नगर निगम के कागजात के आधार पर -------- 45 प्रतिशत

लोगों के फीडबैक पर ------- 30 प्रतिशत

डायरेक्ट निरीक्षण पर ----- 25 प्रतिशत

शास्त्री चौक

शास्त्री चौक पर डेली कम से कम 50 हजार लोग आते जाते हैं। नगर निगम ने यहां दो यूरिनल और एक शौचालय का निर्माण कराया है, लेकिन लोग यूज नहीं करते।

आरटीओ

आरटीओ के सामने सिविल लाइंस एरिया का कूड़ा पड़ाव केंद्र बना है। यहां सुबह 11 बजे से ठेले से कूड़ा गिरना शुरू होता है और दोपहर 1 बजे तक कूड़ा का ढेर लग जाता है।

रेलवे स्टेशन

धर्मशाला बाजार, पुलिस लाइन और रेलवे स्टेशन एरिया का निकलने वाला कूड़ा रेलवे आरक्षण केंद्र के सामने बने कूड़ा पड़ाव केंद्र पर गिराया जाता है। यहां पूरे दिन कूड़ा फैला रहता है। नगर निगम के कर्मचारी यहां से कूड़ा मनमाने तरीके से उठाते हैं।

हरिओम नगर

शहर में बारिश न हो, लेकिन जल जमाव देखना हो तो हरिओम नगर तिराहे से लेकर कचहरी चौराहा के बीच देख सकते हैं। यहां नगर निगम की पंगु बन जाता है। एक तरफ बनी दुकानदारों ने मिट्टी गिराकर फुटपाथ उंचा कर लिया है, जिसके कारण रोड पर पूरे साल पानी लगा रहता है।

Posted By: Inextlive