- CBSE की तरफ से भोपाल में आयोजित नेशनल स्वीमिंग कॉम्प्टीशन में स्टूडेंट्स को लेना है हिस्सा

- सीबीएसई बोर्ड के स्कूलों में अभ्यास के लिए नहीं है स्वीमिंग पूल

GORAKHPUR: बेहतर एजुकेशन क्वालिटी के साथ ही स्कूल्स में गेम्स पर भी फोकस होना चाहिए। सीबीएसई बोर्ड की तरफ से हर महीने ही ऐसे चार-पांच सर्कुलर जारी किए जाते हैं। कागजी तौर पर इसमें खूब कवायद भी होती है, लेकिन स्कूल इस पर कितना अमल करते हैं, इसकी हकीकत तो कुछ और भी है। शहर के सीबीएसई स्कूल्स की बात करें तो ग्राउंड लेवल पर खेलकूद के नाम पर मिलने वाली सुविधाओं का हाल यहां काफी बुरा है। इसी साल नवंबर में ही नेशनल स्वीमिंग कॉम्पटीशन होने वाला है, लेकिन यहां के स्टूडेंट्स शायद ही इसमें भाग ले सकें। कारण है यहां किसी सीबीएसई स्कूल में स्वीमिंग पूल नहीं है। इस स्थिति में शहर के बच्चों से मेडल की उम्मीद करना बेमानी ही है।

कैसे लेंगे हिस्सा

सीबीएसई बोर्ड ने बीते दिनों सभी प्राइवेट स्कूल्स के प्रिंसिपल को सर्कुलर जारी कर कहा है कि भोपाल के राजीव गांधी हायर सेकेंड्री स्कूल में नेशनल स्वीमिंग कॉम्प्टीशन का आयोजन 15 से 18 नवंबर के बीच किया जाएगा। लेकिन सवाल इस बात का है कि इसमें शामिल होने वाले स्टूडेंट्स तैयारी कैसे करेंगे। वजह है कि सिटी के सीबीएसई स्कूल्स में स्वीमिंग पूल ही नहीं है। स्थिति ये है कि जिले में कुल 64 स्कूल सीबीएसई से एफिलिएटेड हैं, लेकिन कहीं भी स्वीमिंग पूल नहीं है। स्कूल प्रिंसिपल्स की मानें तो एक-दो स्कूल छोड़ दें तो कहीं भी स्वीमिंग पूल नहीं है और ना ही कभी स्कूल लेवल पर स्टूडेंट्स को स्वीमिंग कॉम्प्टीशन के लिए मोटिवेट किया गया है। ज्यादातर गेम्स टीचर बैडमिंटन, वालीबॉल, हैंडबाल व क्रिकेट के लिए ही प्रैक्टिस कराते हैं। ऐसे में अब सीबीएसई बोर्ड की तरफ से भोपाल में नेशनल स्वीमिंग कॉम्प्टीशन में पार्टिसपेट करने के लिए स्टूडेंट्स की तैयारी कैसे हो, इस पर सवाल खड़ा हो गया है।

वर्जन

सीबीएसई बोर्ड बड़ी बॉडी है। क्लस्टर इवेंट होते रहते हैं। नेशनल स्वीमिंग कॉम्प्टीशन में अगर कोई स्कूल पार्टिसिपेट नहीं करना चाहता है तो वह बेशक न करे। इसमें पार्टिसिपेट करना कोई कंपल्सरी नहीं है।

- डॉ। मीना अधमी, नोडल को-ऑर्डिनेटर, सीबीएसई बोर्ड

Posted By: Inextlive