न हो तोंद का साथ, इसलिए पकड़ा है साइकिल का हाथ
-दिनभर सिटिंग के बाद मोटापे से बचने के लिए शहर के व्यापारी चला रहे साइकिल
-पिछले दो साल से चला रहे हैं साइकिल, ग्रुप में हो चुके हैं छह मेंबर्स GORAKHPUR: लाइफ स्टाइल, बॉडी पर खास इफेक्ट डालती है। अगर आप कोई ऐसे जॉब या बिजनेस में हैं, जिसमें दिनभर बैठकर ही काम करना है, तो यह आपकी बॉडी के शेप को तो बिगाड़ने के साथ ही कई तरह की बीमारी भी गिफ्ट के तौर पर मिलती है। साथ ही तोंद भी परेशानी बढ़ाती है। इसके लिए साइक्लिंग ही बेस्ट ऑप्शन है। शायद शहर के हर वक्त बिजी रहने वाले बिजनेसमैन को भी यह बात समझ में आ गई है। दिनभर सिटिंग जॉब की वजह से जब उनकी बॉडी डिस्टर्ब होने लगी तो इसके बाद अब वह रोजाना एक घंटे साइक्लिंग कर इसे वापस लाने की कोशिशों में लग गए हैं। दिखने लगा है असरशहर में गीता प्रेस के पास अपनी दुकान चलाने वाले यह व्यापारी, रोजाना सुबह साइक्लिंग करने लगे हैं। इसमें सुरेश सुदरानिया और सुभाष अग्रवाल ने जहां ढाई साल पहले साइक्लिंग शुरू की, वहीं उसके बाद धीरे-धीरे कारवां बढ़ता गया और अब उनके साथ संजय अग्रवाल, रवि अग्रवाल, मनीष सराफ और शिव अग्रवाल भी साथ हो चले हैं। उन्हें साइक्लिंग का फायदा भी नजर आने लगा है। उनकी बॉडी भी प्रॉपर शेप में है और डाइट भी बढ़ गई है।
पांच किमी करते हैं साइक्लिंग मॉर्निग में अपने ग्रुप के साथ निकलने वाले सुरेश सुदरानिया और सुभाष, रोजाना पांच से छह किमी साइक्लिंग करते हैं। सुबह सवेरे उठकर पूरी टीम एक जगह इकट्ठा होती है, वहां से शहर की अहम सड़कों पर दौड़ते हुए वह वापस लौटते हैं। उनके ग्रुप के एक और मेंबर राजेश निभानी तो पिछले कई बरसों से साइकिल चला रहे हैं और वह अपनी दुकान भी साइकिल से ही पहुंचते हैं।