- व्यापारी ने जमा कराए 13 लाख रुपए के छोटे नोट

GORAKHPUR: 500 और एक हजार के नोट बंद होने के बाद सभी तरफ नोट के लिए हाहाकार मचा हुआ है। इन सबके बीच एक ब्रेड व्यापारी ने अलग मिसाल पेश की है। उन्होंने लाखों रुपए के छोटे नोट जमा कर बैंक में छोटे नोट की क्राइसिस दूर करने की कोशिश की है। इससे काफी लोगों को राहत मिल सकती है जो छुट्टा के लिए बैंक पहुंच रहे हैं लेकिन क्राइसिस के चलते वापस होना पड़ रहा है। व्यापारी का कहना है कि वह रोज छुट्टा पैसे बैंक में जमा कर लोगों को सहूलियत देने में लगे हुए हैं।

10 से लेकर 100 तक के नोट

शहर के रिनाउंड ब्रेड कंपनी ओनर नवीन अग्रवाल ने अपने कैशियर को मंगलम टॉवर स्थित पूर्वाचल बैंक भेजा। यहां उन्होंने जैसे ही अपना झोला खोला, इसमें 10-10 रुपए के नोट देखकर बैंक एंप्लाइज की आखें चमक उठीं। उन्होंने फौरन ही इन नोटों को लेकर उसकी गिनती शुरू कर दी। वहीं इसके बाद इन नोटों के जरिए बैंक में काफी समय से लंबी लाइन में लगे लोगों को छुट्टा पैसे मिले तो वे भी मुस्करा उठे। यहां लोगों के चेहरे पर मुस्कान देने के बाद व्यापारी ने जुबिली रोड स्थित पीएनबी की ब्रांच में भी लाखों रुपए जमा कराए।

खुद झेली क्राइसिस

नोट बंदी के बाद नवीन को खुद नोट की जबरदस्त क्राइसिस का सामना करना पड़ा। जैसे ही 500 और 1000 के नोट बंद हुए, व्यापारी अपने सारे पुराने नोट लेकर उनके पास पहुंच गए, इस वजह से उन्हें दिक्कत होने लगी, तो उन्होंने पुराने नोट लेने से मना कर दिया। इस फैसले का असर यह रहा कि उनका बना बनाया माल फंस गया, वहीं उन्हें दो दिनों तक अपना प्लांट भी बंद रखना पड़ा। तीसरे दिन से कुछ व्यापारी छोटे नोट लेकर पहुंचना शुरू हुए, जिसके बाद उनका प्लांट शुरू हुआ।

करूंगा, जितनी कर सकूंगा मदद

नोट की मार से जूझ रही आम जनता को राहत देने के लिए नवीन ने प्रण कर लिया। उन्होंने देखा कि रोजाना बैंक और एटीएम पर लंबी लाइनों की खबर आ रही है, मगर बैंक्स लोगों की परेशानी दूर करने में नाकाम साबित हो रहे हैं। इस क्राइसिस पर दूर करने के लिए जितनी मदद उनसे बन पड़ती है, उतनी उन्होंने करने की ठानी और रोजाना आने वाले पैसे को बैंक में जमा करने के लिए फौरन ही कैशियर को बैंक के लिए रवाना कर दिया।

वर्जन

बैंक में लोगों की लंबी लाइन लगी देख मुझे काफी तकलीफ हुई। इसलिए मैंने सोचा कि जो पैसे मेरे पास हैं, अगर वह शहरवासियों के काम आ सकते हैं, तो भला इससे अच्छी क्या बात हो सकती है। इसलिए मेरे पास जो भी पैसे आ रहे हैं उन्हें मैं बैंक भेजवा दे रहा हूं, वहीं दूसरों को पेमेंट चेक के थ्रू कर रहा हूं।

- नवीन अग्रवाल, एमडी, क्रेजी फन फूड्स

Posted By: Inextlive