जहरखुरानों का हेडक्वार्टर बना गोरखपुर
- दो महीने में जीआरपी ने पकड़े छह जहर खुरान गैंग, फिर भी नहीं थमा वारदातों का सिलसिला
- विश्वास में लेकर खिलाते हैं नींद की गोलियां, उसके बाद लूट की घटना को देते हैं अंजाम GORAKHPUR : गोरखपुर जंक्शन जहरखुरानों का हेडक्वार्टर बन चुका है। जीआरपी लगातार शातिरों को पकड़ रही है, लेकिन उसके बाद भी घटनाएं रुकने का नाम नहीं ले रही हैं। हालत यह है कि आए दिन मुसाफिर इन जहरखुरानों का शिकार बन अपना माल गवां रहे हैं। पिछले दो मंथ की बात करें तो इस दौरान जीआरपी ने शातिर जहरखुरानों के 6 गैंग को पकड़ा है, लेकिन इसके बाद भी घटनाएं नहीं रुक सकी हैं। दोनों ही रूट्स पर एक्टिव हैं जहरखुरानगोरखपुर से वाराणसी और लखनऊ रूट्स पर गाडि़यां दौड़ती हैं। इन दोनों ही रूट्स पर जहरखुरानी गैंग एक्टिव हैं। गोरखपुर से गोंडा और गोरखपुर से सीवान तक जहरखुरान लगातार घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं। जीआरपी से जुड़े सोर्सेज की मानें तो इनमें ज्यादातर गोरखपुर के रहने वाले हैं। गोरखपुर के सर्कुलेटिंग एरिया से पकड़ने गए शातिरों के बाद जनरल कोचेज में जहर खुरानी की वारदातों में तो कमी दर्ज की गई है लेकिन बकायदा एसी क्लासेज में टिकट कराकर पैसेंजर्स को शिकार बनाने वाला जहरखुरानी गैंग अभी भी जीआरपी की पकड़ से बाहर है।
स्लीपर और जनरल के पैसेंजर्स को बनाते थे निशाना पकड़े गए अभियुक्तों को पकड़कर जीआरपी ने जब पूछताछ की, तो ज्यादातर शातिरों ने यही बताया कि वह दिल्ली, गाजियाबाद, लखनऊ, गोंडा, बस्ती, गोरखपुर, देवरिया और बिहार से रात को आने वाली ट्रेंस को टारगेट करते हैं। इसमें उनका टारगेट खासतौर पर स्लीपर और जनरल बोगियों के पैसेंजर्स होते हैं। पहले वह पैसेंजर्स से घुलमिल कर जाते और नेक्स्ट स्टेशन पर उनका सामान लेकर उतर जाते, उसके बाद उन्हें खाने की चीजों में नशीला पाउडर मिलाकर बेहोश कर देते और उसके बाद उन्हें लूटकर फरार हो जाते। इनमें से कई शातिरों ने सामान को बिहार में बेचने की बात भी कबूल की है। सर्कुलेटिंग एरिए के कैमरे भी बेअसरसर्कुलेटिंग एरियाज में सीसीटीवी कैमरे लगे हैं, इसके बाद भी शातिर निडर होकर वहीं पहुंचते हैं। ऐसे में सीसीटीवी कैमरे भी बेअसर नजर आ रहे हैं। स्टेशन के बाहर वीआईपी गेट से जीआरपी प्रिपेड बूथ तक सर्कुलेटिंग एरिया है, लेकि न यहां आने वाले शातिरों की गिरफ्तारी शक और आशंका से नहीं, बल्कि मुखबिर, सविलांस की सूचना पर होती है। जबकि अगर इन कैमरों से रेग्युलर निगरानी की जाए, तो न सिर्फ जहरखुरानों के बारे में इंफॉर्मेशन हासिल की जा सकेगी, वहीं घटनाओं पर लगाम लग सकेगी।
पकड़े गए जहर खुरानी के गैंग जुलाई और अगस्त में जीआरपी ने छह जहरखुरानी के गैंग को पकड़ा जिनमें ज्यादातर गोरखपुर और बिहार के रहने वाले हैं। इन पर एनडीपीएस और चोरी की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया गया है। - 8 जुलाई - बिहार के मुजफ्फपुर निवासी राजू उर्फ रियाजुल, बेलीपार थाना एरिया निवासी अर्जुन केवट, गोंडा निवासी राजीतराम, लालता प्रसाद और बहराइच निवासी मोहम्मद अख्लाक पकड़े गए थे। - 11 जुलाई को डिस्ट्रिक्ट बस्ती का रुधौली ब्लॉक निवासी अजय उर्फ हेमंत पकड़ा गया था। - 20 जुलाई को सिटी के राजघाट थाना एरिया निवासी लखन डोम, अब्बास डोम, राबर्ट जेम्स, शिवा डोम पकड़े गए थे। - 26 जुलाई को राजघाट थाना एरिया निवासी रोहित डोम को पकड़ा था। - 12 अगस्त को डिस्ट्रिक्ट गोंडा निवासी दिनेश तिवारी को पकड़ा गया। - 24 अगस्त को सिटी के धर्मशाला बाजार निवासी रिंकू उर्फ रेनू को पकड़ा गया।मेरे कार्यकाल में ही कइयों ने अपना जूर्म कबूल किया है। जिससे उनको तीन-तीन वर्ष की सजा हुई। जहरखुरानी में पकड़े गए ज्यादातर अपराधियों को सजा होती है। कई गैंग के पकड़े जाने से जहरखुरानी की वारदातों में कमी आई है।
- गिरिजा शंकर तिवारी, प्रभारी, जीआरपी