ब्याज दर में मिले छूट, ऑटोमोबाइल सेक्टर को मिले बूम
- इंडिया में बने स्पेयर पार्ट्स ताकि कम हो जाए इनके रेट्स
- जीएसटी के रेट्स में हो कमी GORAKHPUR: बजट आने में अब महज एक दिन और बाकी है। एक फरवरी को फाइनेंस मिनिस्टर अरुण जेटली के पिटारे में से लोगों के लिए राहत का बजट बाहर आएगा। सभी सेक्टर को अपने लिए राहत की उम्मीद है। सभी चाहते हैं कि उनके ऊपर से न सिर्फ टैक्स की मार कम हो, बल्कि इनकम टैक्स स्लैब भी बढ़े, जिससे उनकी मुश्किलें थोड़ी दूर हो सके। इन सबके बीच ऑटोमोबाइल सेक्टर्स ने भी एफएम से राहत की काफी उम्मीदें लगा रखी हैं। जीएसटी और टैक्स से राहत के साथ ही वह ब्याज दरों में भी कटौती की उम्मीद लगाए बैठे हैं। इससे जहां लोगों को अपनी गाड़ी खरीदने में कुछ कम जेब ढीली करनी पड़ेगी, बल्कि ऑटोमोबाइल कंपनीज की सेल में भी इजाफा हो जाएगा।मेक इन इंडिया से और राहत
ऑटो मोबाइल सेक्टर्स से जुड़े लोगों का मानना है कि उन्हें इस बजट में कुछ राहत जरूर मिलेगी। सरकार इस बात पर अगर ध्यान दे कि जो गाडि़यां शहर में मिल रही हैं, उनके स्पेयर पार्ट्स यही इंडिया में बनाए जाएं, या अगर वह इंपोर्ट हो रहे हैं, तो उस पर टैक्स का बोझ कुछ कम कर दिया जाए, तो आम आदमी को काफी राहत मिल जाएगी। ऑटो मोबाइल सेक्टर्स की डिमांड है कि अब गाड़ी लग्जरी नहीं, बल्कि एसेंशियल कैटेगरी में आ गई है। इसलिए इस पर जो टैक्स है, उसे मिनिमम किया जाए, इससे लोग अपनी गाड़ी का सपना पूरा कर सकेंगे।
वर्जन गाड़ी पर अभी 28 परसेंट जीएसटी लग रही है। इसे सरकार अगर कम करे, तो लोगों को भी राहत मिलेगी और कंपनीज की सेल भी खुद ब खुद बूस्ट कर जाएगी। - मोहम्मद इम्तियाज खान, मारुति सूजुकी नेक्सा गाडि़यों के रेट लगातार फ्लक्चुएट कर रहे हैं, वहीं इस पर जीएसटी भी काफी ज्यादा है। इसकी वजह से लोगों को काफी मुश्किलें होती है। इस फ्लक्चुएशन पर कंट्रोल हो और जीएसटी की दरें कम हो जाएं। - पंकज शुक्ला, टीम लीडर, रेनॉल्ट भीम मोटर्स गाडि़यों के जो भी स्पेयर्स पार्ट्स आते हैं, वह बाहर से आते हैं। उनके रेट्स भी जीएसटी की वजह से काफी बढ़ जाते हैं। इससे लोगों को गाडि़यों में एक्स्ट्रा इनवेस्टमेंट करना पड़ता है। इससे भी राहत मिले। - पवन त्रिपाठी, सेल्स ऑफिसर, राजेंद्र टोयटासरकार ब्याज की राह को थोड़ा आसान करे, इससे लोग अपनी गाडि़यों का सपना आसानी से पूरा कर सकेंगे। ब्याज दरें कम हो जाएं, तो काफी राहत मिलेगी।
-राजेश मिश्रा, जीएम, टाटा आरकेएल मोटर्स