सभी निभाएं रिस्पांसबिलिटी, तभी इनक्रोचमेंट फ्री होंगे सिटी के बाजार
- दैनिक जागरण आईनेक्स्ट के प्रॉब्लम ऑफ इनक्रोचमेंट इन सिटीज बिग मार्केट टॉपिक पर हुए वेबिनार में बिजनेसमैन ने रखी बात
- पुलिस-प्रशासन की अनदेखी से दुकानों के सामने सामान रखने से भी लोगों को होती है प्रॉब्लमGORAKHPUR: सिटी और सिटी के बिग मार्केट इनक्रोचमेंट की चपेट में हैं। इनक्रोचमेंट के चलते पब्लिक का राह चलना दूभर है। मेन मार्केट में इनक्रोचमेंट की वजह से आमजन से लेकर दुकानदार तक परेशान हैं। इसके लिए सिर्फ एक पक्ष जिम्मेदार नहीं है। बल्कि दुकानदार और पुलिस-प्रशासन के लोगों को अपनी भूमिका ईमानदारी से निभानी होगी। तभी इसका लाभ पब्लिक को मिल सकेगा। रविवार को दैनिक जागरण आई नेक्स्ट के 'प्रॉब्लम ऑफ इनक्रोचमेंट इन सिटीज बिग मार्केट' टॉपिक पर हुए वेबिनार में बिजनेसमैन ने अपने सजेशन दिए। इस दौरान यह सामने आया कि हर किसी को इससे निपटने का उपाय खोजना होगा। जिम्मेदार अधिकारियों को नियमों का उल्लंघन करने वालों पर सख्ती करनी होगी, तभी पब्लिक को राहत मिल सकेगी। वेबिनार में जुड़े बिजनेसमैन सुधीर जैन, राजेश नेभानी, दिनेश गुप्ता, अनूप अग्रवाल और नरेंद्र जायसवाल ने प्रॉब्लम का सॉल्युशन तलाशने पर जोर दिया। दैनिक जागरण आईनेक्स्ट गोरखपुर के एडिटोरियल हेड शिशिर मिश्र ने वेबिनार का संचालन किया।
इनक्रोचमेंट की जद में ये मार्केटघंटाघर, रेती चौक, पांडेयहाता, शाहरूमारूफ, गीता प्रेस रोड, माया बाजार, दीवान दयाराम, बक्शीपुर, अलीनगर, छात्रसंघ से लेकर पैडलेगंज तक, गोलघर, असुरन चौक-गीता वाटिका रोड, धर्मशाला बाजार- जटाशंकर, अलीनगर चौक से लेकर रेती चौक सहित, घोष कंपनी से नखास, साहबगंज सहित अन्य मार्केट।
ये होती है समस्या - सड़कों के किनारे दोनों ओर बड़ी संख्या में व्हीकल खड़े होते हैं। - नालियों की सफाई के दौरान सारा कचरा निकालकर रोड पर रख दिया जाता है। - दुकानदार अपनी दुकानों का शो-केस सड़क पर रख देते हैं। - दुकानों के सामने के खाली जगह पर ठेले और खोमचे लग जाते हैं। - सड़क के किनारे बिजली के ट्रांसफार्मर, खंभे और अन्य नल लगे हुए हैं। - दिन के समय एक साथ दोनों ओर से आवाजाही करने में प्रॉब्लम होती है। - सुबह 10 बजे के बाद नगर निगम की गाडि़यां कचरा उठाने पहुंचती हैं। - पटरी कारोबारियों के लिए अलग से स्थान निर्धारित करके उनको सख्ती से वहां से शिफट किया जाए। ऐसे हो सकता है समस्या का समाधान - भीड़ वाली जगहों पर पर्याप्त संख्या में पुलिस कर्मचारी तैनात किए जाएं।- मार्केट में इनक्रोचमेंट को हटाया जाए, बाजार में आने-जाने के लिए वन-वे की व्यवस्था हो।
- पुलिस सख्ती करते हुए इनक्रोचमेंट करने वालों का चालान करें। नगर निगम भी कार्रवाई करे। - सुबह 10 बजे के पहले सभी बाजारों में सफाई और कूड़ा उठाने का काम पूरा कर लिया जाए। - पटरी कारोबारियों को निर्धारित स्थान पर दुकान लगाने के लिए प्रोत्साहित किया जाए। - दुकानों के सामने खाली जगह छोड़ने के लिए कारोबारियों की मीटिंग बुलाकर अवेयर किया जाए। - कार और मालवाहक वाहनों के आवागमन के लिए समय का निर्धारण हो। - सड़कों के किनारे लगे ट्रांसफार्मर को हटाया जाए। अन्य तरह के अतिक्रमण को तोड़ा जाए। वर्जन शहर में पटरी व्यवसायी जहां-तहां दुकानें लगाते हैं। इनके लिए स्थानों का निर्धारण करके उनको शिफ्ट किया जाए। सभी को उचित जगह पर जाने पर के लिए प्रोत्साहित किया जाए। उनको बताया जाए कि फिक्स जगह पर दुकान लगने से सभी लोग पहुंचेंगे। उनका कारोबार भी चलेगा। सुधीर जैन, सराफा कारोबारी अलीनगरबक्शीपुर, जुबिली रोड, माया बाजार, रेती चौक सहित अन्य मार्केट काफी पुराने हैं। फोर व्हीलर की तादाद बढ़ी है। लोग बाजार करने अपने व्हीकल से पहुंचते हैं। पार्किंग की जगह न होने से सभी के व्हीकल सड़कों के किनारे खड़े होते है। इससे सभी को प्रॉब्लम उठानी पड़ती है।
राजेश नेभानी, बिजनेसमैन दीवान दयाराम इस समस्या को लेकर कई बार मीटिंग हो चुकी है। पुलिस-प्रशासन, नगर निगम सहित अन्य विभागों के अधिकारियों की बैठक में कोई नतीजा नहीं निकलता है। इसका यही उपाय है कि इनक्रोचमेंट करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो। नगर निगम और पुलिस डिपार्टमेंट सख्ती से कार्रवाई करते हुए जुर्माना लगाए। अनूप अग्रवाल, बिजनेसमैन, नखास चौक कुछ दुकानदार अपने सामने की दुकानें ठेले वालों को बेच देते हैं। इससे सड़क का अधिकांश हिस्सा इनक्रोचमेंट की जद में आ जाता है। कुछ लोगों ने दुकान के बाहर फांउडेशन भी बना रखा है। इससे काफी जगह घिर जाती है। ऐसे में मास्टर प्लान के तहत काम करने की जरूरत है। ऐसे दुकानदारों को इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि सभी को प्रॉब्लम होती है। दिनेश गुप्ता, बिजनेसमैन, घंटाघरसभी मार्केट में इनक्रोचमेंट की प्रॉब्लम है। इसको दूर करने के लिए हर किसी को प्रयास करना होगा। दुकानों के सामने खाली जगह होनी चाहिए। नालियों पर स्लैब ढाले जाएं। गाडि़यों के खड़ी करने की जगह निर्धारित हो। साथ ही नगर निगम के लोग सुबह 10 बजे पहले ही सफाई की व्यवस्था पूरी कर लें।
नरेंद्र जायसवाल, बिजनेसमैन, साहबगंज