गोरखनाथ मंदिर में तैनात सुरक्षा कर्मियों पर जानलेवा हमला कर सनसनी फैलाने वाले आतंकी अहमद मुर्तजा अब्बासी को फांसी की सजा सुनाई गई है.

गोरखपुर (ब्यूरो)।लखनऊ एनआईए-एटीएस कोर्ट के स्पेशल जज विवेकानंद शरण त्रिपाठी ने हमले के 10 माह बाद सोमवार को सजा सुनाई। बता दें, 3 अप्रैल 2022 (रविवार) को अब्बासी ने मंदिर परिसर के बाहर हमला कर पूरे प्रदेश में सनसनी मचा दी थी। इस मामले में जब पुलिस ने जांच की तो कई चौंकाने वाले तथ्य मिले। सबुतों के आधार पर ही मुर्तजा को पहले आंतकी घोषित किया गया और अब कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया।

#WATCH📽️ #Gorakhpur गोरखनाथ मंदिर में हमला करने वाले मुर्तजा अब्बासी को फांसी। अप्रैल 2022 को सुरक्षा कर्मियों पर किया था हमला। लखनऊ एनआईए कोर्ट ने सोमवार को सुनाई फांसी की सजा।#GorakhpurNews #gorakhnathtemple
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— inextlive (@inextlive) January 30, 2023


घर पर पसरा सन्नाटा, पट्टीदारों ने किया किनारा
कोर्ट का फैसला आने के बाद सोमवार को सिविल लाइंस एरिया स्थित आतंकी मुर्तजा के घर सन्नाटा पसर गया। यहां जब मीडिया पहुंची तो सबसे पहले पट्टीदारों ने उनका विरोध किया और साफ तौर से कहा कि उनका इस मामले से कोई मतलब नहीं है। आप मुर्तजा के घरवालों से सवाल जवाब करें।
मुर्तजा के घर लटका था ताला
मुर्तजा के घर ताला लटका मिला। ये बताया जा रहा है कि कई माह से मुर्तजा अब्बासी के घरवाले ताला बंद कर कहीं और रह रहे हैं।
धारदार बांके से किया था जवानों पर हमला
इस मामले में विनय कुमार मिश्र ने गोरखनाथ थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। मिश्रा के अनुसार, गोरखनाथ मंदिर की सुरक्षा में तैनात पीएसी के जवान अनिल कुमार पासवान पर मुर्तजा ने अचानक बांके से हमला किया था, जिसमें जवान गंभीर रूप से घायल हो गया था। मुर्तजा ने जवान की राइफल भी छीनने की कोशिश की थी। इस दौरान राइफल सड़क पर गिर गई थी। अनिल कुमार को बचाने के लिए दूसरा जवान आया, तो जान से मारने की नीयत से उस पर भी बांके से हमला कर दिया। इसी बीच एक जवान ने मुर्तजा के हाथ पर एक बड़े बांस से प्रहार कर दिया, जिससे बांका नीचे गिर गया। इसके बाद जवानों ने मुर्तजा को पकड़ लिया।
मुर्तजा ने आईआईटी मुंबई से की इंजीनियरिंग
मुर्तजा गोरखपुर के एक रसूखदार परिवार का इकलौता बेटा है। मुर्तजा की फैमिली सिविल लाइंस में रहती है। मुर्तजा ने भी किसी मामूली संस्थान से नहीं, बल्कि आईआईटी मुंबई से इंजीनियरिंग की है। उसके पिता कई बैंकों और मल्टीनेशनल कंपनियों के लीगल एडवाइजर रहे हैं।
एक नजर में मंदिर हमला
- 31 मार्च 2022 को खुफिया एजेंसियों ने 16 संदिग्धों की लिस्ट जारी की, जिसमें गोरखपुर के अहमद मुर्तजा अब्बासी का भी नाम था।
-2 अप्रैल 2022 को एटीएस टीम के सदस्य मुर्तजा की पड़ताल करने उसके गोरखपुर सिविल लाइन स्थित आवास पहुंचे।
- 2 अप्रैल 2022 को मुर्तजा को जानकारी मिली कि उसे एटीएस खोजने आई थी तो वह घर छोड़कर नेपाल भाग गया।
-3 अप्रैल 2022 की शाम 7.24 बजे मुर्तजा नेपाल वाया बांसी गोरखपुर पहुंचा और गोरखनाथ मंदिर की सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों पर धारदार हथियार से हमला कर दिया।
- 4 अप्रैल को उसे कोर्ट में पेश किया और कस्टडी रिमांड पर ले लिया।
- 11 अप्रैल 2022 को कस्टडी रिमांड पूरी हो गई,
- 16 अप्रैल 2022 को एटीएस ने मुर्तजा को यूएपीए के तहत आतंकी घोषित कर जेल वापस भेजा था।
- 30 जनवरी 2023 को लखनऊ एनआईए-एटीएस कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई।
मुर्तजा ने कबूले ये गुनाह
- मुर्तजा के पास से पुलिस ने मजहबी किताब, धारदार हथियार, उसके मोबाइल और लैपटॉप से मिले जेहादी वीडियो आदि बरामद किए हैं।
- मुर्तजा ने एटीएस के सामने यह भी कबूल किया है कि उसने गोरखनाथ मंदिर पर जाकर मरने के इरादे से यह हमला किया था। उसे पता था कि यहां अगर उसने पुलिस वालों पर हमला किया तो वह मारा जाएगा, लेकिन वह पकड़ा गया।
- मुर्तजा ने नेपाल के बैंक खातों के जरिए विदेश में कई बार रुपए भेजे। एटीएस को इसके भी सबूत मिले हैं।
- मुर्तजा जाकिर नाइक सहित कई कट्टरपंथी और देश विरोधी लोगों को फॉलो करता था और उनकी तकरीरें सुनकर वह बेहद प्रभावित था।

Posted By: Inextlive