Blood Donor Day Special: ब्लड डोनेशन पर गोरखपुर में सामने आ रही... नेकनीयत vs बदनीयत
(शिशिर मिश्र). वल्र्ड ब्लड डोनर डे पर हम ऐसे लोगों कहानी जानेंगे, जिनकी वजह से कई लोग खुशहाल जिंदगी जी रहे हैं। 48 बार डोनेट किया ब्लड गगहा निवासी अशोक मिश्र ने 58 साल की उम्र में अभी तक 48 बार ब्लड डोनेट किया है। यह एक बहुत ही बड़ी उपलब्धि है। कोई भी व्यक्ति इनको कॉल कर दे तो यह ब्लड डोनेट करने के लिए उपस्थित हो जाते हैं। इसके अलावा वे हर तीन महीने पर एक बार ब्लड जरूर डोनेट करते हैं। पेशेंट की जान बचाने के लिए वे कई बार अपने खर्चे से पीजीआई पहुंचे और ब्लड डोनेट किया है।ब्लड डोनेशन के लिए किया अवेयर
गोरखपुुर पुलिस में तैनात कांस्टेबल शिवांबुज पटेल (30) अभी तक 17 बार ब्लड डोनेट कर चुके हैं। वह पिछले 7 साल से इस कार्य को कर रहे हैं और इसके लिए उन्हें कई जगह सम्मानित भी किया जा चुका है। शिवांबुज ने एक वॉट्सएप ग्रुप बनाया है, जिसमें 196 लोग हैं। यह ग्रुप ब्लड डोनेशन के लिए ही बना है, जिनकी मदद से अभी तक 345 पेशेंट्स की जान बचाई जा चुकी है। इसके साथ ही इन्होंने 500 लोगों को जागरूक कर ब्लड डोनेट कराया है।17 बार डोनेट किया ब्लड
जेमिनी पैराडाइज निवासी दिनेश मोदी पेशे से तो बिजनेसमैन हैं, मगर समाजसेवा में भी पीछे नहीं रहते। 50 वर्ष की उम्र में इन्होंने 17 बार ब्लड डोनेट किया है। वह 1990 से ही ब्लड डोनेट कर रहे हैं और साथ ही और भी लोगों को ब्लड डोनेट करने के लिए समय-समय पर जागरुकता अभियान चलाकर ब्लड डोनेट करवाते हैं। इनका अपना एक ग्रुप है, जिसमें 123 लोग हैं। जो इमरजेंसी में ब्लड डोनेशन के लिए तैयार रहते हैं। 17 जून को आल इंडिया मोबाइल रिटेलर एसो। गोरखपुर की ओर से इंदिरा बाल विहार में ब्लड डोनेशन कैंप भी लगाया जा रहा है। 80 बार डोनेट किया ब्लड पॉम पैराडाइज निवासी जसपाल सिंह (68) ने अभी तक 80 बार ब्लड डोनेट किया है। जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है। वह पिछले 30 वर्षों से ब्लड डोनेट कर रहे हैं और आगे भी करना चाहते हैं। इनका कहना हे कि ब्लड किसी मशीन से नहीं बन सकता, यह हमारे शरीर में ही निर्मित होता है। हम ब्लड डोनेट करके दूसरों की जान बचा सकते हैं।ब्लड डोनर्स की लिस्ट में नाम, मगर नहीं आएंगे काम
गोरखपुर। ब्लड डोनेशन पर जहां कई गोरखपुराइट्स अच्छा काम कर रहे हैं। वहीं, बड़ी संख्या में ऐसे भी लोग हैं, जिन्होंने जिला अस्पताल की ब्लड बैंक में तैयार ब्लड डोनर लिस्ट में अपना नाम तो रजिस्टर करा रखा है, लेकिन जब उन्हें ब्लड डोनेशन के लिए कॉल की जाती है तो वे मौके पर नहीं आते। दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की पड़ताल में सामने आया कि लिस्ट में कई लोगों के नंबर गलत हैं तो कई के नंबर बंद मिले। कई बाहर होने की बात कर ब्लड डोनेशन से किनारा करते रहे। इक्का-दुक्का लोगों को छोड़ ज्यादातर लोग बहाने बनाते रहे। इस प्रकार जीवन बचाने जैसे नेक कार्य के प्रति उनकी बुरी नीयत भी सामने आ रही है। आईनेक्स्ट टीम ने जब इस लिस्ट से बड़ी संख्या में लोगों से बात की तो देखिए किस-किस तरह लोग बहाने बनाते रहे। केस-1: इस्लामपुर निवासी हैदर अली से जब 'बी पॉजिटिवÓ ब्लड के लिए कहा गया तो उन्होंने पहले तो कहा कि वह अभी शहर से बाहर हैं और फिर बताया कि हमारा ब्लड ग्रुप 'ओ पॉजिटिवÓ है। केस-2: नौसड़ के रहने वाले प्रशांत खेतान से जब 'बी पॉजिटिवÓ ब्लड के लिए रिक्वेस्ट की गई तो उन्होंने कहा कि मैं अभी शहर से दूर हूं और ब्लड डोनेट नहीं कर सकता।
केस-3: बेलवाडाड़ी के अनिल सिंह से भी वही जवाब मिला कि 'मैं शहर से बाहर हूं और अभी ब्लड डोनेट करने के लिए नहीं आ सकताÓ। इनसे भी 'बी पॉजिटिवÓ ब्लड के लिए ही बोला गया था।केस-4: शिवपुर कॉलोनी के मनीष राय से ब्लड के लिए पूछने पर जवाब मिला कि मुझे अभी टाइफाइड हुआ है इसीलिए मैं ब्लड डोनेट नहीं कर सकता।34 पेज की लिस्ट, 593 नाम ब्लड बैंक प्रभारी एसके यादव ने बताया, ब्लड बैंक में 593 डोनर्स का रिकॉर्ड है। 34 पेज की लिस्ट में डोनर्स का नाम, एज, जेंडर, ब्लड ग्रुप और मोबाइल नंबर है। इस लिस्ट में गोरखपुर के अलावा बलिया, देवरिया, संतकबीर नगर, बस्ती, गोपालगंज, चंपारण, कुशीनगर, महराजगंज, सिद्धार्थ नगर, कानपुर के लोगों के नाम हैं, जो ब्लड डोनेट करने आते हैं। हालांकि, दैनिक जागरण आईनेक्स्ट के रियलिटी चेक में पूरी लिस्ट की पोल खुल गई। यहां पर लोग स्वेच्छा से आकर ब्लड डोनेट करते हैं। आज भी हमारी तरफ से 4 जगह ब्लड डोनेशन कैंप लगे हुए हैं। जो लोग डोनेशन के लिए मना कर रहे हैं उनके बारे में जानकारी नहीं है।डॉ। एसके यादव, इंचार्ज ब्लड बैंक, डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल