नेपाल बॉर्डर समेत स्टेट के 33 जिलों की उन पब्लिक के लिए गुड न्यूज है जो इंटरस्टेट या इंटरनेशनल बॉर्डर के आसपास हैं. यूपी गवर्नमेंट अब इंटरस्टेट या इंटरनेशनल बॉर्डर पर हॉस्पिटल स्कूल मॉल एग्रीकल्चर मार्केट और वे-साइड एमेनिटीज खोलने जा रही है.


गोरखपुर (ब्यूरो)। नेपाल बॉर्डर पर विकास की बड़ी इबारत लिखने के लिए यूपी गवर्नमेेंट के प्रमुख सचिव पीडब्ल्यूडी ने महराजगंज के डीएम से मॉल और अस्पताल बनाने के लिए 100 एकड़ जमीन की डिमांड की है। इतना ही नहीं बिहार सीमा पर भी चिकित्सा, शिक्षा और कृषि मंडी की विशेष व्यवस्था की जानी है। पत्राचार के बाद अफसरों ने जमीन की तलाश तेज कर दी है। इस प्रकार स्टेट के 33 जिलों के डीएम से 100-100 एकड़ जमीन मांगी गई है। नेपाल के पीएम ने वाराणसी में सीएम से की थी मुलाकात


पिछले दिनों भारत दौरे पर आए नेपाल के पीएम शेर बहादुर देउबा ने सीएम योगी आदित्यनाथ से वाराणसी में मुलाकात की थी। नेपाल के पीएम ने सीमावर्ती क्षेत्रों में मॉल और अस्पताल खोलने की मांग रखी थीं। उन्होंने कहा था कि खरीदारी और इलाज की बेहतर व्यवस्था से नेपाल की जनता को राहत मिलेगी। इसी का नतीजा है कि सीएम योगी ने पीडब्ल्यूडी को महराजगंज के सोनौली में मॉल और अस्पताल बनाने का प्रपोजल बनाने का निर्देश दिया है।नेपाल की पब्लिक मॉल में कर सकेगी शॉपिंग

पहले जहां ट्रीटमेंट और शॉपिंग के लिए लोगों को लंबी दूरी तय करनी पड़ती थी। अब उन्हें हाईटेक अस्पताल और मॉल की सुविधा बॉर्डर पर ही मिलेगी। हॉस्पिटल, स्कूल, मॉल, एग्रीकल्चर मार्केट और वे-साइड एमेनिटीज खुलने बॉर्डर एरिया की पब्लिक को बड़े सिटीज में मूव नहीं करना पड़ेगा। नेपाल के लोग भी मॉल में खरीदारी और अस्पताल में इलाज करा सकेंगे।इन जिलों के बॉर्डर में मिलेंगी सुविधाएं शामली, गाजियाबाद, देवरिया, कुशीनगर, सहारनपुर, पीलीभीत, मुरादाबाद, बिजनौर, झांसी, सोनभद्र, महोबा, रामपुर, इटावा, अलीगढ़, बांदा, ललितपुर, आगरा, जालौन, मथुरा, महराजगंज, सिद्धार्थनगर, बहराइच, बलरामपुर, लखीमपुर खीरी, गौतमबुद्धनगर, बागपत, मिर्जापुर, प्रयागराज, मुजफ्फरनगर, बरेली, बलिया, चंदौली, गाजीपुर आदि।वर्जन अंतराष्ट्रीय सीमा पर मॉल, अस्पताल, स्कूल और हायर एजुकेशन सेंटर खोले जाएंगे। साथ ही कृषि मंडी व व्यवसाय की समुचित व्यवस्था की जाएगी। इससे किसानों के अलावा बॉर्डर पर रहने वाली पब्लिक को बेहतर सुविधा मिलेगी। गवर्नमेंट ऑर्डर पर अफसरों ने जमीन की तलाश शुरू कर दी है। बीबी श्रीवास्तव, चीफ इंजीनियर पीडब्ल्यूडी गोरखपुर

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