- रास्ता खराब होने की वजह से दुर्गा समितियों ने बाघागाड़ा पर ही कर दिया विसर्जन

GORAKHPUR: प्रतिमा विसर्जन को लेकर की गई प्रशासन की तमाम तैयारियां धरी की धरी रह गई। तैयारियों के बावजूद विसर्जन को लेकर अफरातफरी की स्थिति बनी रही। प्रशासन द्वारा तैयार करवाए गए पोखरों तक पहुंचने वाले रास्ते सही नहीं होने की वजह से दुर्गा समितियों ने बाघागाड़ा पर ही प्रतिमाओं का विसर्जन कर दिया। वहीं दुर्गा बाड़ी स्थित बंगाली समिति ने एक दिन पहले ही विसर्जन स्थल का जायजा लेने के बाद बाघागाड़ा में विसर्जन का फैसला कर लिया था। प्रतिमाओं के विसर्जन का सिलसिला रात करीब 11 बजे तक चला, इसके बाद रास्ते में पहुंची प्रतिमाओं को प्रशासन ने वापस लौटा दिया। अब इनका विसर्जन गुरुवार को किया जाएगा।

पोखरों में कुछ प्रतिमाएं ही विसर्जित

नदी को प्रदूषण मुक्त करने के लिए कोर्ट के फैसले को ध्यान में रखते हुए इस साल भी जिला प्रशासन ने प्रतिमाओं के विसर्जन के लिए राजघाट के पास अस्थाई पोखरों का निर्माण कराया था। मगर मेन रोड से पोखरों तक पहुंचने का रास्ता खराब होने की वजह से मंगलवार को कुछ प्रतिमाओं को ही तालाब में विसर्जित किया जा सका। इस दौरान लोगों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। वहीं पोखरों तक पहुंचने में उन्हें समय भी काफी लग रहा था। इन दुश्वारियों से बचने के लिए अधिकांश दुर्गा पूजा समितियों ने वाराणसी रोड पर तीन किलोमीटर दूर बाघागाड़ा में बने फोरलेन के पुल से राप्ती नदी में विसर्जन करना शुरू कर दिया।

एक्टिव रहा प्रशासनिक अमला

विसर्जन और मोहर्रम में शांति व्यवस्था बनाने के लिए पिछले कई दिनों से जिला प्रशासन एक पैरों पर खड़ा हुए है। विसर्जन की तैयारियों के साथ ही लॉ एंड ऑर्डर को मेनटेन करने के लिए प्रशासनिक अमले के लोग जगह-जगह तैनात थे। रात 11 बजे तक विसर्जन और उसके बाद मियां साहब की अगुवाई में निकले इमामबाड़ा इस्टेट के शाही जुलूस को पार करवाने के लिए प्रशासन के लोग मुस्तैद दिखे। जुलूस की राह में तीन दुर्गा पांडाल पड़ रहे थे, इन सभी पंडालों के पास जिला प्रशासन ने जुलूस में बज रहे लाउड स्पीकर आदि बंद कराकर जुलूस पास कराया।

Posted By: Inextlive