बड़े रोड़े हैं इस राह में..
- असुरन स्थित राजकीय प्रशिक्षण संस्थान में पढ़ने वाली गर्ल्स स्टूडेंट्स के लिए नहीं है रास्ता
- बरसात के दिनों में कॉलेज की गर्ल्स स्टूडेंट्स को मुश्किलों का करना पड़ता है सामनाGORAKHPUR: आईआईटी एजुकेशन हासिल कर जॉब पाने का ख्वाब सजाए स्टूडेंट्स की राह काफी मुश्किल हो चली है.सिटी के असुरन स्थित राजकीय प्रशिक्षण संस्थान के स्टूडेंट की राह में इतने रोड़े हैं कि कॉलेज पहुंचना, किसी जंग लड़ने से कम नहीं है। हल्की सी बरसात उनकी मुश्किलें और बढ़ा देती हैं। लाख कोशिशों के बाद भी स्टूडेंट्स को राहत नहीं मिल सकी है। यहां तक की इसमें खुद कॉलेज के प्रिंसिपल ने जिला प्रशासन और नगर आयुक्त को लेटर लिखकर इसे दुरुस्त करवाने की दरख्वास्त की, लेकिन अब तक जिम्मेदारों की आंख नहीं खुल सकी है। कॉलेज से जुड़े लोगों की मानें तो कॉलेज तक पहुंचने के बनाया गया रास्ता अवैध कब्जेदारों की गिरफ्त में है। जिसकी जानकारी होने के बाद भी जिम्मेदार चुप्पी साधे बैठे हैं।
बड़ी मुश्किल से पहुंचती हैं कॉलेज तकअसुरन रोड स्थित राजकीय प्रशिक्षण संस्थान, विश्व बैंक महिला कॉलेज में करीब 400 से ज्यादा गर्ल्स टेक्निकल एजुकेशन हासिल करती हैं। एजुकेशन हासिल कर कुछ कर दिखाने की चाह रखने वाली स्टूडेंट्स के लिए सड़क तक नहीं है। ऐसी कंडीशन में गर्ल्स स्टूडेंट्स को मजबूरन पगडंडी या फिर कोई अल्टरनेट रास्ते से कॉलेज तक पहुंचने की राह तलाश करती हैं। इनकी इस मजबूरी और प्रॉब्लम को लेकर कॉलेज प्रशासन काफी संजीदा भी है, लेकिन प्रयास करने के बावजूद खुद को असफल महसूस कर रहा है।
कई लिख चुके हैं लेटर कॉलेज के प्रिंसिपल डीके सुमन ने बताया कि कॉलेज तक आने वाले रास्ते पर अवैध कब्जा होने की वजह से स्टूडेंट्स को स्कूल तक पहुंचने में काफी जद्दोजहद करनी पड़ती है, जबकि वह जमीन नगर निगम की है। अगर मेन रोड से कॉलेज तक का रास्ता क्लीयर हो जाता, तो स्टूडेंट्स को कॉलेज आने दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ता। इसकी वजह से जहां स्टूडेंट्स को आने में मशक्कत हो रही है, वहीं महज रास्ते की वजह से दर्जनों स्टूडेंट्स कॉलेज नहीं आ रही है। जब तक अवैध कब्जा नहीं हटेगा, तब तक शैक्षिक कार्य ऐसे ही प्रभावित होते रहेंगे। कॉलेज तक पहुंचने के लिए कोई मेन रास्ता ही नहीं है। वहां पहुंचने के लिए काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। प्रिंसिपल से भी कई बार कह चुके हैं, लेकिन अब तक प्रॉब्लम जस की तस है। प्रियंकामेन रास्ता न होने से कॉलेज तक पहुंचने के लिए हमें वैकल्पिक मार्ग पकड़कर जाना पड़ता है। बरसात के दिनों में सबसे ज्यादा दिक्कत फेस करनी पड़ती है।
सुमन मामला मेरी जानकारी में नहीं है। अगर अवैध कब्जा है तो इस मामले की पूरी जानकारी प्रिंसिपल हमें दें। उसे दूर करने का प्रयास करेंगे। - राजेश त्यागी, नगर आयुक्त, जीएमसी