एनई रेलवे यात्रियों की सुविधाओं का ख्याल रखते हुए रेल लाइन का जाल बिछा रहा है. जहां सिंगल लाइन है. वहां डबलिंग कर रहा है जहां एक भी लाइन नहीं हैै. वहां ट्रैक बिछाने का काम जारी है. इसी कड़ी में गोरखपुर कैंट स्टेशन से वाल्मिकी नगर स्टेशन तक डबल ट्रैक बिछाए जाने की परियोजना की मंजूरी बुधवार को कैबिनेट से मिल गई. यह परियोजना 1269.8 करोड़ की है.


गोरखपुर (ब्यूरो)। गोरखपुर कैंट स्टेशन से वाल्मिकी नगर स्टेशन तक डबल ट्रैक बनाए जाने के लिए रेल मंत्रालय के प्रस्ताव पर आर्थिक मामलों में कैबिनेट कमेटी की मंजूरी मिली है। इस मंजूरी के मिलने के बाद से एनई रेलवे के लिए यह बड़ी सौगात है। इस डबल लाइन बिछने से न सिर्फ यात्रियों और गुड्स ट्रेंस का आवागमन सुगम होगा। बल्कि 32 लाख मानव दिवस रोजगार का सृजन भी होगा। यह बातें एनई रेलवे जीएम चंद्र वीर रमण ने प्रेस कांफ्रेस के दौरान कहीं।854 मीटर लंबा होगा पुल, 32 लाख को मिलेगा रोजगार


बता दें, गोरखपुर से वाल्मिकी नगर के लिए एक ही लाइन थी। इसके बीच में 12 स्टेशन गोरखपुर कैंट, उन्नौला, पिपराइच, बोदरवार, कप्तानगंज, घुघली, सिसवा बाजार, खड्डा, पनियहवा एवं वाल्मिकी नगर रोड और दो हाल्ट स्टेशन महुअवा खुर्द व गुरलीराम गढ़वा हैं। यहां तक काफी दिक्कतें हो रही थीं, लेकिन डबल लाइन बिछने से देश के उत्तरी भाग यानी यूपी, पंजाब को पूर्वी-पूर्वोत्तर भाग बिहार, आसाम आदि को जोडऩे के काम करेगा। इस खंड के पश्चिमी ओर छावनी से पंजाब तक दोहरी लाइन है, पूर्वी ओर वाल्मिकी नगर-मुजफ्फरपुर में दोहरीकरण का कार्य प्रगति पर है। इस लाइन का अप्रूवल होने से पूरा खंड डबलिंग हो जाएगा। इस बीच में 854 मीटर लंबा पुल बनाया जाएगा।

नेपाल के लिए कनेक्टिविटी इससे नौतनवा, रक्सौल-वीरगंज एवं जोगबनी से नेपाल के लिए कनेक्टिविटी बढ़ जाएगी। यह रेल खंड नेपाल सीमा के निकट से होकर गुजरती है, नरकटियागंज, दरभंगा एवं फारबिसगंज होकर पूर्वोत्तर क्षेत्र को जाने के लिए कम दूरी का मार्ग है। इस मार्ग से पूर्वी एवं पूर्वोत्तर भारत के क्षेत्रों के लिए अनाज, फर्टिलाइजर, सीमेंट, कोयला, लोहा एवं स्टोन, चिप्स की ढुलाई तेजी से हो सकेगा और समय की बचत भी होगी। यह रेल खंड यूपी एवं बिहार के कृषि बाहुल्य क्षेत्र से होकर गुजरता है। इससे उत्तर बिहार, के जूट एवं गन्ना उद्योग, मक्का एवं इसके उत्पादो को बाजार के लिए कनेक्टिविटी बेहतर होगी। प्रस्तावित दोहरीकरण परियोजना यूपी के गोरखपुर, महाराजगंज एवं कुशीनगर और बिहार के पश्चिमी चंपारण जिले में कार्य करेगी। चलाई जा सकेंगी 15 एक्स्ट्रा ट्रेने

प्रस्तावित दोहरीकरण परियोजना के पूरा होने पर रेल लाइन की क्षमता में भी वृद्धि होगी। यह परियोजना तीन साल में पूरी कर ली जाएगी। इसका सर्वे का काम पूरा कर डीपीआर भी तैयार है। एनई रेलवे जीएम ने बताया कि ट्रेन परिचालन में सुगमता और समय पालन के साथ ही वैगन टर्न अराउंड समय में सुधार हो सकेगा। 15 अतिरिक्त मालगाडिय़ां भी चलाई जा सकेंगी। यात्रियों के लिए ट्रेनों की संख्या भी बढ़ाई जा सकेंगी। फैक्ट फीगर - गोरखपुर कैंट-वाल्मिकी नगर तक डबल ट्रैक परियोजना की लागत - 1269.8 करोड़ - इस परियोजना के बीच गंडक नदी पर 854 मीटर लंबा पुल का निर्माण - इस परियोजना के बीच 16 बड़े और 38 छोटे पुल भी शामिल - कुल 12 स्टेशन और 10 क्रासिंग - दोहरीकरण परियोजना से 32 लाख मानव दिवस रोजगार का सृजन

Posted By: Inextlive