घंटाघर की साफ-सफाई, सीमा विवाद ने उलझाई
- तीन वार्डो के घालमेल के कारण गंदगी से पटा है एरिया
- सड़क और नालियां कूड़े से पटी, व्यापारी और राहगीर परेशान GORAKHPUR: घंटाघर एरिया गंदगी से त्रस्त है, यहां की हर गली गंदगी से पटी हुई। इसके बाद भी नगर निगम यहां की सफाई को लेकर अपनी पीठ थपथपा रहा है। तीन वार्डो की सीमा रेखा में पड़ने वाले घंटाघर के निवासी परेशान हैं कि आखिर किससे सफाई की कंप्लेन करें। अफसर यहां की सफाई की सुधि लेने के लिए तैयार नहीं है। व्यापारी भी सफाई के लिए गुहार लगाते हैं, लेकिन जिम्मेदार एक-दूसरे के पास भेजकर खुद को सेफ कर लेते हैं। तीन वार्डो के बीच फंसे लोगघंटाघर मंडल का बहुत ही प्रसिद्ध मार्केट है। यहां गोरखपुर मंडल के अलावा बिहार के छपरा, गोपालगंज और सिवान के भी लोग मार्केट करने आते हैं। यहां कपड़े के व्यापारी राशिद खान का कहना है कि घंटाघर में सफाई की कंप्लेन करना बहुत ही मुश्किल है। किसको कंप्लेन करें, यह एक बड़ा सवाल है, क्योंकि सभी एक-दूसरे को बताकर अपना दामन बचा लेते हैं। घंटाघर का पूरा मार्केट वार्ड नं 64 बसंतपुर, वार्ड नं 70 शेषपुर और वार्ड नं 68 मुफ्तीपुर में पड़ता है। जब कभी वार्ड नं 70 के पार्षद को कंप्लेन किया जाता है तो वह कहते हैं वह मेरे में नहीं बल्कि वार्ड नं 64 में पड़ेगा। कई बार तो ऐसा होता है कि हम लोग एक जगह की सफाई कराने के लिए 4 लोगों को फोन करना पड़ता है।
कहां होती है रात्रिकालीन सफाई घंटाघर एरिया की सफाई व्यवस्था से नगर निगम भी मजाक करता है। नगर निगम ने इस मार्केट की सफाई व्यवस्था को ठीक करने के लिए रात्रिकालीन सफाई कर्मियों की भी तैनाती कर रखी है। लेकिन सफाई कहां होती है, यह किसी को भी नहीं मालूम। सफाई के बाद भी सड़कों पर कूड़े के अंबार नजर आ ही जाते हैं। कई बार नगर आयुक्त के औचक निरीक्षण के दौरान कई रात्रिकालीन सफाईकर्मियों का वेतन काटा गया था और चेतावनी भी दी गई। बावजूद इसके कोई असर नजर नहीं आया। मोहल्ले की सफाई नहीं होती थी, कंप्लेन की जाती है तो सिर्फ आश्वासन मिलता है। सफाई के नाम पर केवल धोखा होता है। नगर निगम के लोग इमानदारी से सफाई करते तो घंटाघर एक घंटे में चमक जाता। जियाउल इस्लाम, बुजुर्गतीन वार्डो में घंटाघर पड़ने के कारण सफाई व्यवस्था पूरी तरह से लड़खड़ाई हुई है। पता ही नही चल पाता है कि कूड़ा उठाने के लिए किससे कंप्लेन की जाए।
मोहम्मद हाशिम, व्यापारी गंदगी के कारण दिन में रोड पर चलना मुश्किल हो गया है। आधे रास्ते पर गंदगी फैली होती है, इसकी वजह से कई बार तो आधा रास्ता बंद हो जाता है। इस्तेफा हुसैन, व्यापारी सफाईकर्मी अक्सर रोड के किनारे कूड़ा एकत्रित करके छोड़ देते हैं। जिसके कारण यहां आवारा जानवर खड़े हो जाते हैं और यह जाम का कारण बन जाते हैं। राजकुमार, स्टूडेंट