गीता प्रेस में ठेका कर्मचारी भी काम पर लौटे
- अनुशासनहीनता करने वाले 5 कर्मचारियों को गीताप्रेस एडमिनिस्ट्रेशन ने नहीं लिया वापस
GORAKHPUR: गीता प्रेस में पिछले 8 अगस्त से चल रहा विवाद बुधवार को पूरी तरह से समाप्त हो गया। मंगलवार को स्थायी कर्मचारियों के बाद बुधवार को ठेका कर्मचारी भी काम पर वापस लौट आए। वहीं अनुशासनहीनता के कारण निलंबित किए गए 5 ठेका कर्मचारियों को प्रबंधन ने वापस लेने से साफ मना कर दिया। इसको लेकर प्रशासन की मौजूदगी में दो घंटे तक लंबी मीटिंग भी चली। वार्ता के बाद ठेके के 332 ठेका कर्मचारी काम पर लौट आए। सुबह जब स्थायी कर्मचारी डयूटी के लिए गीता पे्रस पहुंचे तो वहां ठेका कर्मचारी धरना देते मिले। इस दौरान लगभग एक घंटे तक हंगामा भी हुआ। अब बायोमेट्रिक मशीन से होगी उपस्थितिसिटी मजिस्ट्रेट और श्रम निरीक्षकों की टीम की उपस्थिति में हुई वार्ता के दौरान प्रबंधन ने यह तय किया कि ठेका कर्मचारियों की उपस्थिति की जांच के लिए गीता प्रेस बायोमेट्रिक मशीन लगाएगा। इसके साथ ही उनको न्यूनतम वेतनमान भी दिया जाएगा। 14 सितंबर को प्रबंधन से बातचीत के बाद स्थायी कर्मचारियों ने हड़ताल खत्म दी थी और 15 सितंबर से सभी कर्मचारी काम पर वापस लौट आए थे।
ठेका कर्मचारियों ने गेट पर रोकाबुधवार की सुबह गीता प्रेस गेट पर धरना दे रहे ठेका कर्मचारियों ने स्थायी कर्मचारियों को अंदर जाने से रोक दिया। इसकी सूचना मिलते ही गीताप्रेस प्रशासन के साथ ही सिटी मजिस्ट्रेट व श्रम विभाग के निरीक्षक भी पहुंच गए। इसके बाद प्रशासनिक अधिकारियों की उपस्थिति में फिर वार्ता हुई। इसमें प्रबंधन अनुशासनहीनता के मुद्दे पर बिल्कुल पीछे हटने को तैयार नहीं दिखा। दोपहर तक हुई वार्ता के बाद फिर से कामकाज शुरू हो गया। प्रबंध ट्रस्टी ईश्वर प्रसाद पटवारी ने कहा कि शेष कर्मचारियों की हाजिरी पहले भी होती थी, अब उनकी हाजिरी के लिए बायोमेट्रिक मशीन लगाई जाएगी।