सफेदपोशों का हावी सिस्टम फायर फाइटिंग नियमों को झुलसाने में लगा है. आलम यह है कि इन सफेदपोशों का इस कदर दबाव है कि जब आग लगती है तब फायर सेफ्टी डिपार्टमेंट नोटिस की औपचारिकता करता है और फिर मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता है.


गोरखपुर (ब्यूरो)।टाउनहॉल में हुई आगजनी के बाद शिवाय होटल में लापरवाही सामने आई थी। आगजनी के बढ़ते मामलों के बीच दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने अलग-अलग शॉपिंग कॉम्प्लेक्स का रियलिटी चेक किया तो बदइंतजामी मिली। कहीं हाइड्र्रेंट में जंग मिली तो कहीं वॉटर स्प्रिंक्लर खराब मिले। 400 दुकानों का बलदेव प्लाजा, हाइड्रेंट में लगी जंग बलदेव प्लाजा में तीन बार आग लग चुकी है। शुक्रवार को दैनिक जागरण आईनेक्स्ट टीम बलदेव प्लाजा पहुंची तो यहां फायर इंस्टिग्यूशर का पता ही नहीं है। साथ ही हाइड्रेंट में जंग लगी नजर आई। यहां पर 400 दुकानें हैं, लेकिन आग से निपटने के लिए सिलेंडर कहीं-कहीं ही दिखे। वहीं, कॉम्पलेक्स में फायर स्पिं्रक्लर नहीं लगे मिले। अगर आग लगी तो बुझाना काफी मुश्किल होगा। यह शॉपिंग कॉम्प्लेक्स सत्तापक्ष के जनप्रतिनिधि का है। जीडीए टॉवर की मशीन में जंग


जीडीए टॉवर में आग से निपटने के इंतजाम नहीं हैं। दुकानदारों को ये तक नहीं पता कि आग बुझाने वाले सिलेंडर कहां लगे हैं। यहां एक बॉक्स में सबकुछ बंद नजर आया। उस बॉक्स की चॉबी किसी के पास नहीं थी। यहां के फायर स्प्रिंक्लर जंग खाए थे। फायर स्पिं्रक्लर के लगने के बाद उसका कभी यूज नहीं हुआ था।मंगलम टॉवर में फायर इक्स्टिंग्विशर खाली

गोलघर स्थित मंगलम टॉवर के दुकानदार तो ये भी नहीं जान रहे हैं कि आग लगेगी तो कहां से बुझेगी। यहां पर जालों के बीच फंसी आग से निपटने की मशीनें दम तोड़ रही हैं। अधिकतर मशीनों में जंग लग चुकी है, यहां पर एक दो जगह आग बुझाने के लिए सिलेंडर लगाए गए हैं, जिसमें गैस ही नहीं है। इसके अलावा एक जगह पर ढेर सारे पाइप रखे थे, लेकिन उसका कनेक्शन कहां से देना है, किसी को नहीं पता। यह शॉपिंग कॉम्प्लेक्स एक विधायक का बताया गया है। शिवाय होटल को दी जाएगी नोटिस अग्निशमन विभाग शिवाय होटल को नोटिस भेजने की तैयारी कर रहा है। साथ ही दमकलकर्मी होटल पहुंचकर फायर हाईड्रेंट की जांच भी करेंगे। 11 अप्रैल को होटल के बगल में स्थित कुर्सी मंडी में आग लगने के बाद अग्निशमन विभाग के कर्मियों ने मदद मांगी थी। मौके पर हाइड्रेंट खराब मिला था, जबकि होटल बड़ा होने के कारण हाइड्रेंट की उचित व्यवस्था होनी चाहिए। यह विपक्ष के एक नेता का बताया गया है। यहां भी प्रॉब्लम

इससे कहीं अधिक परेशानी घंटाघर, रेती चौक, मायाबाजार, शॉमारूफ और अलीनगर में है। इन सभी मार्केट में आगजनी से निपटने के कोई इंतजाम नहीं है। वहीं, सड़क संकरी होने के कारण यहां फायर ब्रिगेड की गाडिय़ां भी नहीं पहुंच पाती हैं। फैक्ट एंड फीगर एक सप्ताह में मॉकड्रिल - 90अप्रैल 2022 में अब तक आग लगने की आईं कंप्लेन- 95पिछले साल अप्रैल में आईं कम्प्लेन- 400फायर बिग्रेड 7 बड़ी गाड़ी फोम टेंडर 3वॉटर वाउजर- 2मिनी टेंडर- 5हाईप्रेशर वॉटर मिक्स- 5बुलेट- 5आगजनी से कैसे निपटा जाए, इसके लिए जागरुकता अभियान चलाया जा रहा है। साथ ही होटल और कॉम्पलेक्सों की भी जांच कराकर खामियों को दूर कराया जाएगा। इसके बाद भी कमियां दूर नहीं होती हैं तो संबंधित को नोटिस दिया जाएगा। अरविंद कुमार सिंह, मुख्य अग्निशमन अधिकारी

Posted By: Inextlive