- जिला महिला अस्पताल में दूसरे दिन भी बवाल

- परिजनों ने सीएमओ व एसआईसी से की शिकायत

- तीन मरीजों को नहीं हो सका ऑपरेशन, एक को लौटाया

GORAKHPUR: जिला महिला अस्पताल में प्रेग्नेंट महिला का ऑपरेशन से डॉक्टर के इनकार करने पर परिजनों ने जमकर हंगामा किया। इसके बाद उन्होंने सीएमओ व एसआईसी से शिकायत की। कहां कि यहां पर इलाज में लापरवाही बरती जा रही है। जानकारी होने के बाद एसआईसी खुद मरीज को डॉक्टर के पास ले गए। लेकिन परिजन मरीज की हालत गंभीर देखकर निजी अस्पताल चले गए। इतना ही नहीं दो और प्रेग्नेंट महिलाओं का ऑपरेशन होना था लेकिन नहीं हो सका। यहां की व्यवस्था पर पेशेंट्स के परिजन नाराज थे।

ब्लड का खुद किया इंतजाम

सूरजकुंड के रहने वाले हरिशंकर चौबे की पत्‍‌नी अनुराधा चौबे प्रेग्नेंट थीं। असहनीय दर्द होने के बाद परिजन उन्हें जिला महिला अस्पताल लेकर पहुंचे। आरोप है कि डॉ। रीता गौतम ने प्रेग्नेंट महिला को देखने के बाद भर्ती कर लिया। एडमिट कराने के बाद डॉक्टर ने ऑपरेशन करने की सलाह देते हुए ब्लड की कमी बताई। परिजनों ने ब्लड का इंतजाम किया।

अचानक लौटा दिया मरीज

मंगलवार की सुबह ऑपरेशन होने वाला था लेकिन थोड़ी देर बाद डॉक्टर ने ऑपरेशन से इनकार करते हुए मेडिकल कॉलेज जाने की सलाह दी। यह सुनकर परिजनों का गुस्सा फूट पड़ा। इसके बाद वह सीएमओ के पास पहुंचे लेकिन इसका कोई फायदा नहीं हुआ। उधर एसआईसी को इसकी जानकारी मिली तो वह मरीज के साथ डॉक्टर के पास पहुंचे लेकिन डॉक्टर ने एनेस्थिसिया का हवाला देते हुए अपनी परेशानी बताई। इसके बाद परिजन प्रेग्नेंट महिला को निजी अस्पताल लेते गए।

टाले गए ऑपरेशन

जहां प्रेग्नेंट महिलाओं को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा देने के लिए शासन करोड़ों रुपये पानी की तरह बहा रहा है। वहीं जिला महिला अस्पताल में इलाज के लिए प्रेग्नेंट महिला को दुश्वारियों का सामना करना पड़ रहा है। जहां सोमवार को दर्द से कराह रही प्रेग्नेंट महिला सीमा वर्मा को बिना एंबुलेंस के मेडिकल कॉलेज भेज दिया गया। वहीं मंगलवार को डॉक्टर ने ऑपरेशन से इनकार कर दिया तो फैमिली मेंबर निजी अस्पताल ले गए। इतना ही नहीं खजनी और सरैया की रहने वाली प्रेग्नेंट महिला का भी ऑपरेशन टाल दिया गया। जिससे उन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ा।

कहां गए एनेस्थिसिया

जिला महिला अस्पताल में एनेस्थिसिया के दो डॉक्टर्स तैनात किए गए हैं। मरीज के साथ आए तीमारदारों के मुताबिक ड्यूटी के समय अस्पताल में कोई भी एनेस्थिसिया के डॉक्टर नहीं रहते। जिसकी वजह से ऑपरेशन में दिक्कत हो रही है और प्रेग्नेंट महिलाओं को दूसरे जगह भेजा जा रहा है। इस स्थिति में मरीज की जान भी जा सकती है।

उपभोक्ता फोरम सख्त, एसआईसी तलब

जिला महिला अस्पताल में बुधवार की दोपहर प्रेग्नेंट महिला सीमा देवी का इलाज और एनेस्थिसिया डॉक्टर के न होने का हवाला देते हुए ऑपरेशन के बिना मेडिकल कॉलेज रेफर करने के मामले में उपभोक्ता फोरम ने स्वत: संज्ञान लिया है। मंगलवार को उपभोक्ता फोरम ने सीमएओ व महिला अस्पताल के एसआईसी को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए जवाब मांगा है। साथ ही इसकी एक कॉपी कमिश्नर और डीएम को भी भेजी गई है। फोरम ने महिला अस्पताल के एसआईसी को 16 दिसंबर को खुद या किसी प्रतिनिधि को फोरम में भेजने को कहा है।

वर्जन

मामले की जानकारी हुई। प्रेग्नेंट महिला के कंडीशन के बारे में डॉक्टर से पूछताछ की गई। मरीज की स्थिति ठीक नहीं थी। इस वजह से उन्हें मेडिकल कॉलेज जाने की सलाह दी गई थी। जहां तक ऑपरेशन टालने और एनेस्थिसिया डॉक्टर का सवाल है तो उसकी जांच कराई जाएगी।

डॉ। एके गुप्ता, एसआईसी जिला महिला अस्पताल

Posted By: Inextlive