-मेडिसीन इमरजेंसी का मामला, विरोध करने पर तीमारदार को दौड़ाया

-ट्रॉली मांगने गया तो दाई ने किया परेशान

-सुरक्षा गा‌र्ड्स व जूनियर डॉक्टर के बीच तकरार

GORAKHPUR:

बीआरडी मेडिकल कॉलेज में मंगलवार की दोपहर एक पेशेंट की मौत पर मेडिसिन इमरजेंसी में जमकर हंगामा हुआ। वजह सिर्फ इतनी सी थी कि तीमारदार डेड बॉडी ले जाने के लिए ट्राली मांग रहा था। एक दाई से उसने गुहार लगाई तो वह तीमारदार को परेशान करने लगी। गुस्से में आये तीमारदार से कहासुनी हो गई। इसके बाद जूनियर डॉक्टर्स व गा‌र्ड्स उसपर पिल पड़े। इतना ही नहीं दोबारा तीमारदार पहुंचा तो उसे दौड़ा लिया गया। वह किसी तरह जान बचाकर मौके से भाग खड़ा हुआ। थोड़ा आगे पहुंचने पर गा‌र्ड्स व तीमारदार के बीच जमकर तकरार हुई है। परिवार के लोगों ने इसकी शिकायत एसआईसी से की तब जाकर मामला शांत हुआ।

जान बचाकर भाग खड़े हुए परिजन

संतकबीरनगर जिले के बाहिलपार के रहने वाले 22 वर्षीय लवकुश राय मंगलवार की सुबह स्नान करते समय पोखरे में डूब गया था। उसकी हालत गंभीर होने पर परिवार के लोगों ने उसे दोपहर 11.30 बजे मेडिकल कॉलेज के 14 नंबर इमरजेंसी में एडमिट कराया। यहां उपचार के दौरान 12 बजे उसकी मौत हो गई। मौत की सूचना पर फैमिली मेंबर्स के होश उड़ गए। मृतक का चचेरा भाई मणेंद्र राय डेड बॉडी ले जाने के लिए ट्रॉली खोजने लगा। इस बीच इमरजेंसी के बाहर एक दाई ट्रॉली लेकर जा रही थी। उसने दाई से गुहार लगाई लेकिन वह आनाकानी करने लगी। इस पर झल्लाए तीमारदार से बहस हो गई। मणेंद्र के मुताबिक दाई ने अपशब्दों का प्रयोग किया। जब मणेंद्र मेडिसीन इमरजेंसी के पास पहुंचा तो गार्ड ने भी उसे नहीं बख्शा। इस बीच जूनियर डॉक्टर्स भी पहुंच गए और उसके साथ तकरार करनी शुरू कर दी। वह किसी तरह से जान बचाकर भागने लगा। एसआईसी दफ्तर से 20 मीटर दूरी पर सुरक्षा में तैनात कर्मचारियों ने तीमारदार को पकड़ लिया। इसके बाद दोनों के बीच जमकर कहासुनी हुई।

आधे घंटे बेड पर पड़ी रही डेड बॉडी

मेडिसिन इमरजेंसी के वार्ड नंबर 14 में बवाल के बाद डरे हुए परिवार के लोग वार्ड में जाने की हिम्मत नहीं जुटा पाई। उन्हें डर सता रहा था कि कहीं दोबारा पहुंचे तो उनकी पिटाई न हो जाए। इसी भय से परिवार के लोग मेडिसिन में जाने से कतरा रहे थे। उधर बेड पर पड़ी डेड बॉडी के पास मां अपने बेटे की असमय मौत पर आंसू बहा रही थी। परिवार के लोगों ने इसकी शिकायत एसआईसी से की। इसके बाद जाकर मामला काफी हद तक शांत हुआ।

पहले भी दिखा चुके हैं संवेदनहीनता

-ट्रामा सेंटर में इलाज के बाद मौत पर मारपीट

- ऑक्सीजन व वार्ड में शिफ्टिंग पर बवाल

- मासूम की मौत पर बाल रोग विभाग में डॉक्टर्स व तीमारदार के बीच कहासुनी

- तीमारदार द्वारा डॉक्टर से मरीज के इलाज पर कहासुनी पर मारपीट आदि

वर्जन

फैमिली मेंबर्स की ओर से किसी प्रकार की शिकायत नहीं मिली है। शिकायती पत्र मिलने के बाद मामले की जांच की जाएगी। जांच के उपरांत जो भी दोषी पाया गया उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

-डॉ। एके श्रीवास्तव, कार्यवाहक एसआईसी

Posted By: Inextlive