फेल न करना वर्ना रह जाऊंगा कुंवारा
- यूपी बोर्ड मूल्यांकन में क्वेश्चन के आंसर के साथ मिल रहे अनोखे जवाब
- पास होने के लिए स्टूडेंट्स ने गिनाई प्रॉब्लम्स, कॉपीज में मिल रहे बहानेGORAKHPUR : मेरी एक गर्लफ्रेंड है, वह मुझे बहुत चाहती है। उसकी नजर में मैं बहुत इंटेलिजेंट हूं। अगर मैं फेल हो गया तो उसका दिल टूट जाएगा। वो मुझे छोड़कर चली जाएगी। अगर वो मुझे छोड़कर गई तो मैं जिंदा नहीं रह सकूंगा। आप मेरे फ्यूचर को ध्यान में रखकर कोई फैसला लें। ये दर्द भरी कहानी किसी बेटे ने अपने पिता को नहीं लिखी है। ये बानगी है यूपी बोर्ड एग्जाम्स की कॉपीज के इवैल्युएशन के दौरान सामने आ रहे किस्सों की। कई स्टूडेंट्स ने अपनी आंसर शीट में क्वेश्चन का आंसर लिखने की बजाय अपना दुखड़ा लिख दिया है। अब ऐसे आंसर पढ़कर कभी परीक्षक को हंसी आती है तो कभी दिल भर आता है। अब ऐसे स्टूडेंट्स को कौन समझाए कि एग्जाम में मार्क्स सही आंसर लिखने से मिलते हैं, न कि दर्द भरी कहानी लिखने से।
पांच सेंटर पर हो रही चेकिंगगोरखपुर में यूपी बोर्ड एग्जाम की कॉपी का मूल्यांकन के लिए पांच सेंटर बनाए गए हैं। राजकीय जुबिली इंटर कॉलेज, एमएसआई इंटर कॉलेज, एमजी इंटर कॉलेज, सेंट एंड्रयूज इंटर कॉलेज और नेहरू इंटर कॉलेज में कॉपीज चेक की जा रही हैं। इन सेंटर्स पर यूपी वेस्ट के कई जिलों से करीब क्क् लाख कॉपियां आई हैं। इन कॉपियों में कई स्टूडेंट्स ने क्वेश्चन के काफी अच्छे आंसर दिए हैं तो कुछ स्टूडेंट्स न एग्जाम में सिर्फ खानापूर्ति की है। ऐसे भी स्टूडेंट्स की कमी नहीं है, जिन्होंने आंसर तो दिया नहीं, अपनी कहानी लिखकर परीक्षक से खुद को पास करने की गुहार लगाई है।
बाक्स- बंडल खोलते ही एक शिक्षक ने पहली कॉपी निकाली। चेक करने के लिए पेन निकाला और कॉपी का पन्ना पलटा, मगर उसमें जो लिखा था वह देख टीचर चौंक गया। अंदर आंसर की बजाय क्या लिखा था, पढि़ए जरा। केस-क् मेरे सेंटर पर हर पेपर के पांच हजार रुपए मांगे जा रहे थे। जिसने पैसा दिया, उसे एक अलग कमरे में बैठाया गया। मैंने पैसा नहीं दिया था इसलिए मुझे उसी कमरे में बैठना पड़ा। इससे मेरा पेपर खराब हुआ है। फिर भी अपनी मेहनत से क्7 नंबर के क्वेश्चन का आंसर लिखा है। अगर नंबर कम पड़े तो प्लीज आप दे देना वरना मैं फेल हो जाउंगा। मैंने पूरा पेपर अपनी मेहनत से सॉल्व किया है। केस-ख्एक स्टूडेंट ने अपने म् माह की दिनचर्या लिख डाली। उसने पहले पेज पर लिखा कि मैं अपने क्लास का टॉपर स्टूडेंट हूं। मैं हर क्लास में सबसे अच्छे मार्क्स लाता हूं, मगर पिछले म् माह से मेरी तबीयत बहुत अधिक खराब थी इसलिए मैं पूरी तरह पढ़ाई पर ध्यान नहीं दे सका। हालांकि एग्जाम से पहले मैंने पूरी मेहनत कर पढ़ाई की, मगर म् माह की प्रिपरेशन कुछ दिन में बराबर नहीं की जा सकती इसलिए मेरी बीमारी को ध्यान में रखते हुए मेरे आंसर पर मार्क्स दें जिससे इन म् माह के कारण मेरा फ्यूचर डिस्टर्ब न हो।
केस-फ् गुरु जी प्रणाम। आपको बधाई हो, मेरी शादी तय हो गई है। जून में मेरी शादी होनी है इसलिए मेरा पास होना बहुत जरूरी है। मैंने पास होने के लिए पूरी मेहनत कर खूब पढ़ाई की थी, मगर पेपर काफी कठिन आया इसलिए थोड़ा खराब हुआ था। गुरु जी अब मेरी शादी न टूटे तो मुझे पास जरूर कर दीजिएगा। आपसे सादर अनुरोध है।यूपी बोर्ड एग्जाम का मूल्यांकन चल रहा है। कई स्टूडेंट्स की कॉपी बहुत अच्छी है तो कई में अनेक तरह के कोटेशन लिखे मिल रहे हैं। पास होने के लिए स्टूडेंट्स ने क्वेश्चन का आंसर लिखने के बजाए अपनी अनेक तरह की प्रॉब्लम्स का जिक्र किया है।
जेएन सिंह, प्रिंसिपल, राजकीय जुबिली इंटर कॉलेज बोर्ड एग्जाम के मूल्यांकन में अक्सर ऐसी कॉपियां मिलती हैं जिसमें स्टूडेंट्स आंसर लिखने के बजाय अनेक तरह की बातें लिख देते हैं। वे आंसर के बजाए इमोशनली ब्लैकमेल कर पास होने की कोशिश करते हैं। मार्क्स सिर्फ आंसर लिखने से मिलते हैं। एएन मौर्य, जिला विद्यालय निरीक्षक