इनकी हैवानियत तो रूह कांप जाए
- न कोई मलाल, न चेहरे पर शिकन
- 14 डकैतियों में सात लोगों का किया कत्ल GORAKHPUR: पूर्वाचल में डकैती डालने वाले बदमाशों का गैंग बेहद खतरनाक मंसूबे लेकर निकलता था। डकैती के दौरान कत्ल और रेप की दरिदंगी उनके रग-रग में भरी है। लोगों का खून बहाने में बदमाशों को मजा आता है। महिलाओं और बच्चों के चीखने-चिल्लाने पर वे खुश होते हैं। डकैतों को अपनी करनी पर कोई पछतावा नहीं होता। ज्यादा वारदात करने पर इनाम से नवाजा जाता है। यह खुलासा सिद्धार्थनगर में पकड़े गए डकैतों से पूछताछ में हुआ। डकैतों की हकीकत जानकर पुलिस भी हैरत में पड़ी है। अब तक सात कत्लसिद्धार्थनगर, बांसी कोतवाली एरिया में डकैती डालने पहुंचे बदमाशों का गैंग पकड़ा गया था। मुठभेड़ में पुलिस ने घेराबंदी कर 10 डकैतों को दबोचा। पुलिस मुठभेड़ में डकैत साहिल और शोएब के पैर में गोली लगी। गंभीर हालत में उनको मेडिकल कॉलेज में एडमिट कराया गया। पुलिस की पूछताछ में डकैतों ने लखनऊ, सिद्धार्थनगर, बस्ती, गोरखपुर सहित कई जिलों में 14 डकैतियों में शामिल होना बताया। मेडिकल कॉलेज में भर्ती डकैतों के दो साथी रोजाना नये-नये खुलासे कर रहे हैं। दोनों ने पुलिस को बताया कि 14 घटनाओं में सात लोगों का कत्ल किया था। गोरखपुर के बेलीपार, मेहरौली में बालक की हत्या करके लूटपाट की थी।
चीख-पुकार से आता है मजा डकैती पेशा बदमाशों के दिलोदिमाग में रहमो-करम की कोई जगह नहीं है। डकैती के दौरान कत्ल करने, युवतियों से रेप करने में तनिक नहीं हिचकते। लोगों का खून बहाने में उन्हें मजा आता है। नाकामी पर सजा भी भुगतनी पड़ती हैै। डकैती डालने के पहले बदमाशों गैंग बस अड्डे या रेलवे स्टेशन के आसपास डेरा जमा लेता है। टारगेट फिक्स होने पर करीब पांच से छह घंटे पहले अपना मोबाइल ऑफ कर निकलते हैं। पुलिस वाले बनकर खुलवाते दरवाजा डकैतों के गैंग में कम से कम दो लोग पुलिस की वर्दी रहते हैं। किसी घर में दस्तक देने के दौरान खुद को पुलिस वाला बताकर दरवाजा खुलवाते हैं। यदि किसी ने आनाकानी की तो कुल्हाड़ी चलाकर दरवाजा काट देते हैं। विरोध करने पर बदमाश लोगों पर डंडा चलाते हैं। कभी-कभी राड का इस्तेमाल करके विरोध करने वाले की जान ले लेते हैं। बदमाशों की कोशिश होती है कि गोली न चलाने पड़े। घिरने पर ही बदमाश गोली दागते हैं।डकैतों से पूछताछ में ढेर सारी चौंकाने वाली जानकारियां मिली थीं। डकैतों ने 14 घटनाओं में सात लोगों को मार डाला था। हर वारदात के पहले डकैतों ने पांच से छह घंटे पहले अपना मोबाइल स्वीच ऑफ कर दिया था। डकैती के दौरान वह क्रूरता की किसी हद तक जा सकते हैं।
लव कुमार, एसएसपी