चार हत्यारों को आजीवन कारावास
- चिलुआताल और झंगहा में हुई थी घटनाएं
- साक्ष्यों के आधार पर कोर्ट ने सुनाया फैसला GORAKHPUR: हत्या के दो अलग-अलग मामलों में जुर्म साबित होने पर कोर्ट ने दोषियों को आजीवन कारावास और जुर्माना से दंडित किया है। जुर्माना न देने पर अलग से कारावास होगी। शुक्रवार को कोर्ट का फैसला आने पर हत्यारों को जेल भेज दिया गया। लाइसेंसी बंदूक से मारी थी गोलीचिलुआताल एरिया के महेसरा निवासी बलिराम साहनी को आजीवन कारावास के साथ 20 हजार रुपए का अर्थदंड देना होगा। अपर सत्र न्यायाधीश सीता वर्मा ने अभियुक्त को सजा सुनाई। कोर्ट में एडीजीसी प्रवीण कुमार सिन्हा ने पीडि़त का पक्ष रखा। बताया कि घटना 27 मार्च 2010 की थी। महेसरा निवासी राधेश्याम गुप्ता का बेटा मनीष रात में करीब साढ़े 10 बजे अपने दोस्तों अमित और विनय के साथ दवा लेने बाजार जा रहा था। गांव के बलिराम साहनी के घर के पास पहुंचा। बलिराम ने उस रास्ते से मनीष के जाने पर आपत्ति जताई। विरोध करने पर उसने लाइसेंसी बंदूक से मनीष को गोली मार दी। गंभीर मनीष की जिला अस्पताल में मौत हो गई। अभियुक्त ने फर्जी तरीके से फंसाए जाने का तर्क दिया। पत्रावली पर मौजूद साक्ष्यों के आधार पर कोर्ट ने सजा दी।
गला दबाकर कर ले ली थी जान
वहीं, दूसरे मामले में हत्या का जुर्म साबित होने पर अपर सत्र न्यायाधीश शमसुल हक ने झगहां एरिया के लक्ष्मीपुर निवासी संतोष, सुनील और नंगा उर्फ दुर्गेश को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। कारावास के साथ ही 20 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया। कोर्ट में एडीजीसी रमेश चंद पांडेय ने पीडि़त का पक्ष रखा। बताया कि घटना तीन फरवरी 2008 को हुई। रुपए के लेनदेन में झंगहा के लक्ष्मीपुर निवासी दुलारी के बेटे सनी की हत्या कर दी। अभियुक्तों ने कोर्ट में जुर्म से इनकार किया। फर्जी ढंग से फंसाने की बात कही। न्यायाधीश ने पत्रावली पर मौजूद साक्ष्यों के आधार पर अभियुक्तों को दोषी पाते हुए सजा सुनाई।