चार साल की मेहनत को मिला मुकाम
- मदन मोहन मालवीय यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी के एक वर्ष पूरा होने पर सेलिब्रेट किया गया फाउंडेशन डे
- विधानसभा अध्यक्ष के हाथों मेडल और सर्टिफिकेट पाकर खिल उठे स्टूडेंट्स के चेहरे द्दह्रक्त्रन्य॥क्कक्त्र : चार साल की मेहनत को जब एकनॉलेजमेंट मिलती है तो खुशी दोगुनी हो जाती है। कुछ ऐसी ही खुशी देखने को मिली मदन मोहन मालवीय यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी के फाउंडेशन डे पर सम्मानित हुए गोल्ड मेडलिस्ट के चेहरों पर। यूनिवर्सिटी बनने के एक साल पूरा होने पर ऑर्गनाइज फाउंडेशन डे पर विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पांडेय बतौर चीफ गेस्ट मौजूद रहे। हालांकि कुछ मेडलिस्ट्स को ये मलाल रहा कि सीएम अखिलेश सिंह यादव नहीं आए, लेकिन इसके बावजूद धूमधाम से फाउंडेशन डे सेलिब्रट किया गया। शासन से मांगी 120 करोड़ की मदद मंडे मार्निग करीब 10.30 बजे एमएमएमयूटी के फाउंडेशन डे का सेलिब्रेशनस्टार्ट हुआ। चीफ गेस्ट के अलावा वीसी प्रो। ओंकार सिंह, रजिस्ट्रार इं। केपी सिंह व प्रतिष्ठित कंपनी के मुखिया राजीव चाबा फंक्शन में मौजूद थे। माता प्रसाद पाण्डेय ने यूनिवर्सिटी को कृषि आधारित खोज करने का सुझाव दिया, उनके मुताबिक खेती में रोजगार की काफी संभावनाएं हैं। वीसी प्रो। ओंकार सिंह ने बताया कि लास्ट इयर 1 दिसंबर को मदन मोहन मालवीय इंजीनियरिंग कॉलेज ने स्टेट की पहली टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी का रूप लिया था। उन्होंने एक वर्ष की उपलब्धियां भी गिनाई। वीसी ने शासन से होटल मैनेजमेंट, फॉर्मेसी, ऑर्किटेक्चर, फैशन डिजाइनिंग जैसे नए कोर्सेज और इंक्रास्ट्रक्चर के लिए करीब 120 करोड़ रुपए की डिमांड भी सामने रखी।
कड़ी मेहनत से अचीव करो गोल्स 1985 बैच के मालवियन और कई फेमस कंपनीज के चीफ रह चुके राजीव चाबा ने स्टूडेंट्स को खूब मोटिवेट किया। उन्होंने कहा कि मेरी इंग्लिश बहुत ही कमजोर थी। रट्टा खूब लगाता था, इसके बाद भी मैने बीबीसी रेडियो सुनकर कॉम्प्टीटेटिव एग्जाम की प्रिपरेशन की। सक्सेसफुल होने का मकसद सिर्फ पैसा और शोहरत कमाना ही नहीं होता, बल्कि सोशल स्टेटस भी होना चाहिए। जब तक हम कड़ी मेहनत नहीं करेंगे तब तक हम अपना गोल नहीं अचीव कर सकते। एमएमएमयूटी की उड़ान - केंद्रीय नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय की ओर से यूनिवर्सिटी को ग्रीनरी कैंपस बनाने के लिए सेलेक्शन - प्रदेश में फर्स्ट टाइम इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा की जिम्मेदारी - स्टूडेंट्स के लिए औद्योगिक जगत की व्यावहारिक चुनौतियों को जानने-समझने के लिए विभिन्न संस्थानों से समझौते। - यूनिवर्सिटी के प्रोग्राम्स के वेबसाइट पर लाइव टेलीकास्ट की सुविधा। - देश भर के मैकेनिकल इंजीनियर्स के एनुअल कांफ्रेंस की मेजबानी।- स्टूडेंट्स के लिए ई-बुक एवं डिफरेंट्स जर्नल यूनिवर्सिटी की वेबसाइट पर अवेलबल।
- रिचर्स वर्क को बढ़ावा देने के उद्देश्य से फैकल्टी रिसर्च इन्सेटिव स्कीम की शुरूआत। 2013-14 सेशन के गोल्ड मेडलिस्ट सौम्या उपाध्याय, मैकेनिकल साक्षी अग्रवाल, इलेक्ट्रिकल प्रेरणा गुप्ता, कंप्यूटर साइंस पंकज कुमार दुबे, सिविल ईशा श्रीवास्तव, ईसीई स्वाती सिंह, एमबीए कविता कुमार, एमसीए इसके अलावा फाउंडेशन डे पर 2012-13 सेशन के स्वाती तिवारी, अमरीश, यशपाल, पुनीत, अभिषेक, सरोज, मीत नथानी को भी सम्मानित किया गया।