- कैंपियरगंज वन क्षेत्र के भौराबारी भारी वैसी बीट, मोहनाग बीट और बबनबीट में लगी आग

- धुआं देखकर आसपास के गांवों में मची अफरातफरी, आग बुझाने में लग गए पांच घंटे

CAMPIERGANJ: कैम्पियरगंज वन क्षेत्र में बुधवार को दोपहर में अचानक आग लग गई। जंगल में आग तीन जगहों पर एक साथ लगी। वन क्षेत्र के भौराबारी भारी वैसी बीट, मोहनाग बीट और जंगल बबनबीट में नीचे जमे खर-पतवार आग की चपेट में आ गए। हालांकि आग से पेड़ों को कोई नुकसान नहीं हुआ लेकिन इससे निकले धुएं से आसपास के गांवों में अफरातफरी मच गई। फायर ब्रिगेड, वन विभाग और आम लोगों की मदद से शाम 6 बजे तक आग पर काबू पाया जा सका। इस दौरान सीमावर्ती गांवों के लोग दहशत में रहे।

सूखे पत्तों में लगी आग

माना जा रहा है कि किसी व्यक्ति के बीड़ी, सिगरेट पीकर फेंक देने से सूखे पत्तों में आग लग गई। पूरे जंगल में सूखे पत्ते पेड़ों से गिरकर पसरे हुए हैं। इसी के साथ छोटे-छोटे झाड़-झंझाड़ भी हैं। आग ने इसे चपेट में ले लिया। पत्तों से होकर आग थोड़ी ही दूर में अलग-अलग तीन बीट तक पहुंच गई। आग से उठने वाले धुएं से लोगों को इसकी जानकारी हुई।

तीन किमी। एरिया में आग

जंगल में नीचे-नीचे आग तीन किमी। एरिया तक फैल गई। कुछ ही देर में भौराबारी भारी वैसी बीट, मोहनाग बीट और जंगल बबनबीट में आग पसर गई। मौके पर पहुंची वन विभाग की टीम समझ नहीं पा रही थी कि आग को कैसे बुझाया जाए। इतने बड़े एरिया में लगी आग पर काबू पाना आसान बात नहीं थी। हालांकि गनीमत रही कि आग पेड़ों तक नहीं पहुंची, वरना उस पर काबू पाना संभव नहीं होता।

खत्म हो गया पानी

वर रेंजन, दरोगा सहित तमाम कर्मचारी मौके पर पहुंच गए थे। सूचना पर फायर ब्रिगेड भी पहुंचा लेकिन वाहन जंगल में प्रवेश नहीं कर पा रहा था। बाबन जंगल बीट में मेन रोड पर वाहन खड़ा कर देना पड़ा। फायर ब्रिगेड वालों ने वही से आग पर पानी डालना शुरू किया। पानी खत्म हो गया लेकिन आग नहीं बुझी। एक तरह से पूरा विभाग बेबस नजर आ रहा था। सूखे पत्तों के जल जाने के बाद आग खुद ही बुझ गई। करीब 6 बजे आग बुझने के बाद लोगों ने राहत की सांस ली।

गांवों में अफरातफरी

जंगल में आग लगने से इसका धुआं दूर-दूर तक फैल रहा था। आसपास के गांवों से धुआं दिखाई दे रहा था। जंगल से सटे गांव सुरस, केवटलिया, दरोगापुरवा, अलगटपुर, मोहनाग के लोगों में अफरातफरी मची रही। लोग अपने घर से बाहर आकर जंगल की तरफ देख रहे थे। सभी डरे हुए थे कि आग यदि बढ़ी तो गांवों तक पहुंचने में देर नहीं लगेगी। सभी भगवान से दुआ कर रहे थे कि आग जल्दी बुझ जाए।

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लगी कि लगाई गई आग?

जंगल में बड़े पैमाने पर रात में पेड़ों की कटाई हो रही है। जहां आग लगी, वहां कुछ कटे पेड़ों के बूट दिखाई दे रहे थे। ऐसा माना जा रहा है कि इन बूटों को जलाकर लकड़ी चोरी के निशान मिटाने के लिए आग लगाई गई होगी। हालांकि यह भी कहा जा रहा है कि सूखे पत्ते से बूट नहीं जल सकते। इसलिए आग किसी बीड़ी, सिगरेट पीने वाली की लापरवाही के कारण ही लगी होगी।

नहीं है कोई संसाधन

आग लगी, या लगाई गई लेकिन आग पर काबू पाने में विभाग पूरी तरह लाचार दिखा। जंगल में प्रवेश के लिए फायरब्रिगेड को रास्ता नहीं था। बड़े एरिया में आग होने के कारण एक ही जगह पानी डालने से कोई फायदा भी नहीं होता। आग ने केवल सूखे पत्तों को ही चपेट में लिया था लेकिन उस आग को भी बुझाने में लाचारी नजर आई। सवाल उठता है कि यदि पेड़ों में आग पकड़ ले तो विभाग उस पर कैसे काबू पा सकेगा?

आग दोपहर पौने एक बजे लगी। तुरंत उपजिलाधिकारी से फायर ब्रिगेड मांगा गया। यह संयोग रहा कि आग से कोई बड़ी क्षति नहीं हुई।

- साजिद खान, वन रेंजर

Posted By: Inextlive