'रिजर्वेशन' बना जंजाल, तोड़फोड़ और बवाल
- 5 परसेंट रिजर्वेशन की मांग को लेकर निषाद एकता परिषद के मेंबर्स ने किया रेलवे ट्रैक जाम
- समझाने के बाद भी नहीं माने उपद्रवी, तीन बार बातचीत विफल - पुलिस की गाड़ी तोड़ी, रोडवेज बसों में भी तोड़फोड़, पुलिस की गोली से एक की मौत, एक घायल - डीएम, एडीएम समेत कई प्रशासनिक अधिकारियों को लगी चोट - करीब 2 घंटे तक चला संघर्ष, आंसू गैस, रबर बुलेट के बाद गोली का करना पड़ा इस्तेमालGORAKHPUR : गुर्जर आंदोलन की तर्ज पर निषाद एकता परिषद के मेंबर्स ने रिजर्वेशन की डिमांड को लेकर खूब बवाल काटा। पहले उन्होंने रेलवे ट्रैक जाम किया, उसके बाद खूब पत्थरबाजी की। इसके बाद भी आंदोलनकारियों का गुस्सा शांत नहीं हुआ और उन्होंने गोलियां बरसानी शुरू कर दी। पुलिस की ओर से काउंटर फायरिंग में 2 आंदोलनकारियों की गोली लगने से मौके पर ही मौत हो गई। पुलिस और आंदोलनकारियों के बीच हुए संघर्ष में 4 दर्जन से ज्यादा लोग घायल हो गए। घायलों को इलाज के लिए जिला अस्पताल भेजा गया है। घटनास्थल पर भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। इस रूट से होकर गुजरने वाली सभी ट्रेंस में एक्स्ट्रा स्कवायड लगाई गई है।
सुबह 11.30 पर रोकी ट्रेनसंतकबीर स्थली, मगहर में निषाद एकता परिषद के 2500-3000 मेंबर्स आंदोलन के लिए इकट्ठा हुए। सुबह 11.30 पर मगहर स्टेशन के पास रेलवे ट्रैक पर पहुंच गए। आंदोलनकारियों ने गोरखपुर आ रही 13020 बाघ एक्सप्रेस को वहीं रोक दिया और ट्रैक पर बैठ कर ही नारेबाजी करने लगे। मामले की सूचना मिलने पर प्रशासनिक अधिकारियों के साथ ही रेलवे के अधिकारी, आरपीएफ और जीआरपी के साथ मौके पर पहुंच गए। उन्हें वहां से हटाने और समझाने की कोशिशें शुरू हो गई।
कई राउंड हुई बातचीत, लेकिन नहीं बनी बातट्रैक को खाली कराने के लिए कई बार प्रशासनिक और रेलवे अधिकारियों ने कोशिश की, लेकिन बात नहीं बनी। तीन बार बातचीत फेल होने पर पुलिस बल को बुलाया गया और उन्हें वहां से हटाने की कोशिशें शुरू हो गई। इसके बाद भी आंदोलनकारी अपनी डिमांड को लेकर अड़े रहे। पुलिस से उनकी झड़प शुरू हो गई। पुलिस ने उन्हें वहां से हटाने के लिए जब हल्का बलप्रयोग किया तो मामला बिगड़ गया और आंदोलनकारियों ने ईटों की बरसात शुरू कर दी। भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े, लेकिन हवाओं को रुख उलटा होने की वजह से यह गोले खुद पुलिसवालों पर असर करने लगे। ऐसे में उन्होंने रबर बुलेट का सहारा लिया। इसके बाद भी आंदोलन कर रहे लोगों की ओर से पत्थरबाजी जारी रही।
शुरू हो गई फायरिंग रबर बुलेट चलने से आंदोलनकारी काफी उग्र हो गए और उनके बीच के ही कुछ लोगों ने फायरिंग शुरू कर दी। जवाब में पुलिस ने भी जवाबी फायरिंग की। इस काउंटर फायरिंग में एक 24-25 साल के युवक की मौत हो गई, जबकि एक घायल हो गया। बाद में उसने भी दम तोड़ दिया। साथी की मौत से आंदोलनकारियों ने आपा खो दिया और पुलिस पर ईटें बरसानी शुरू कर दी। इस बीच जो भी पुलिस की गाडि़यां दिखाई दीं, उन्होंने उसपर जमकर ईटें बरसाई। वहीं उन्होंने आस-पास की झाडि़यों में भी आग लगा दी। मामले को काबू करने के लिए पुलिस ने लाठियां लेकर उन्हें खदेड़ने की कोशिश की। करीब डेढ़ घंटे चले संघर्ष के बाद पुलिस को कामयाबी मिली। इस दौरान पुलिस ने आस-पास के गांव की ओर भागे आंदोलनकारियों को दूर तक दौड़ाकर खदेड़ा। कुछ ने पकड़ी हाइवे की राहखदेड़े गए आंदोलनकारी पास ही मौजूद गोरखपुर-लखनऊ हाइवे के पास पहुंच गए। पहले तो वह वहीं से पुलिस के विरोध में नारे लगाते रहे। जब पुलिस ने कोई रिएक्शन नहीं दिया, तो उन्होंने हाइवे जाम करने की कोशिश की। जब पुलिस की टीम हाइवे की ओर भागी, तो उन्होंने उधर से गुजर रही दो बसों को निशाना बनाया और उनके शीशे तोड़ दिए। वहीं हाईवे से गुजर रही पुलिस जीप पर भी पथराव शुरू कर दिया। मामले पर काबू पाने के लिए पुलिस ने पीएसी भी बुला ली।
4 दर्जन से ज्यादा हुए घायल आंदोलनकारियों और पुलिस के बीच हुए इस आंदोलन में गोरखपुर रेंज के डीआईजी डॉ। संजीव कुमार, डीएम रंजन कुमार के अलावा 4 दर्जन से ज्यादा लोग घायल हुए, इसमें प्रशासनिक अधिकारियों के साथ ही पुलिस और आंदोलनकारी शामिल हैं। घायलों को जिला अस्पताल भेजा गया है। इस बीच उपद्रवियों की फोरव्हीलर, थ्री व्हीलर और टू व्हीलर मिलाकर करीब 2 दर्जन से ज्यादा गाडि़यां जलकर खाक हो गई।