- गंभीर बीमारी से जूझ रहा दीपक का दो साल का बेटा

- पिता की मौत के बाद दीपक को मिली थी नौकरी

GORAKHPUR: पुलिस आफिस के पासपोर्ट सेक्शन में तैनात दीपक को याद करके साथियों की आंखें नम हो जा रही हैं। उसकी मौत ने कर्मचारियों को भीतर से झकझोर दिया है। दीपक की फैमिली और उसके दो साल के मासूम बच्चे को लेकर सभी साथी परेशान हैं। पिता की जगह फालोअर की नौकरी करने वाले दीपक के बेटे को गंभीर बीमारी है। पाई-पाई जमा करके दीपक अपने बेटे के उपचार में खर्च कर रहा था। दीपक के मर्डर में शाहपुर पुलिस कोई क्लू नहीं जुटा सकी है।

भूमि खरीदने का प्लान बना रहा था दीपक

देवरिया जिले के पथरदेवा निवासी दीपक फालोअर था। पुलिस विभाग में तैनात पिता की मौत के बाद उसको नौकरी मिली थी। उसकी तैनाती पुलिस के पासपोर्ट सेक्शन में थी। होशियार और मिलनसार होने की वजह से वह सबका चहेता हो गया। उसकी काबिलियत देखते हुए फालोअर के बजाय बाबू का काम लिया जाने लगा। क्म् जनवरी ख्0क्ब् को गोरखपुर आया मन लगाकर काम करता था। सुबह क्0 बजे दफ्तर आने के बाद शाम छह बजे के बाद ही घर लौटता। कूड़ाघाट में वह किराये का कमरा लेकर रहता था। सिटी में मकान बनवाने के लिए वह भूमि की तलाश में था। इसके लिए उसने किसी प्रापर्टी डीलर से बात कर रखी थी। साथियों का मानना है कि प्रापर्टी के फेर में दीपक का मर्डर हुआ है।

पादरी बाजार में मिली थी कूचकर फेंकी डेड बॉडी

शाहपुर एरिया के पादरी बाजार में थर्सडे मार्निग एक अज्ञात युवक की डेड बॉडी मिली। बदमाशों ने ईट से कूचकर युवक की हत्या की थी। फ्राइडे को उसकी पहचान दीपक के रूप में हुई। पुलिस की सूचना पर गांव से आए चाचा ने पहचान की। पोस्टमार्टम के बाद डेड बॉडी लेकर घर चले गए। दीपक पर मां, पत्‍‌नी और बच्चे की जिम्मेदारी का बोझ था। दीपक के साथियों ने बताया कि उसके बेटे के दिल में छेद है। बेटे का उपचार कराने के लिए वह काफी परेशान रहता था। साथियों ने आशंका जताई कि प्रापर्टी के चक्कर में उसकी हत्या हुई है। साथियों ने यह भी कहा कि उसका किसी से प्रेम संबंध नहीं हो सकता है। वह हमेशा काम में बिजी रहता था। गमजदा साथियों ने कहा कि हत्यारों को पुलिस भले छोड़ दे। लेकिन भगवान कभी माफ नहीं करेगा।

इस मामले में जांच पड़ताल की जा रही है। हत्या का मोटिव क्या हो सकता है। इसकी जानकारी जुटाई जा रही है।

अनिल उपाध्याय, एसओ शाहपुर

Posted By: Inextlive