सिटी बिना सेक्योरिटी!
रिएल्टी चेक
i realty check में गोरखनाथ मंदिर से लेकर रेलवे स्टेशन तक सुरक्षा में खामी आई सामने GORAKHPUR: जंक्शन को बम से उड़ाने की धमकी मिलने के बाद सोमवार को रेस रही जीआरपी 24 घंटे बाद ही सुस्त पड़ गई। मंगलवार को पूरे दिन जंक्शन से लेकर शहर तक सुरक्षा के नाम पर कुछ नहीं दिखा। धमकी मिलने के 24 घंटे बाद सुरक्षा का जायजा लेने निकले आई नेक्स्ट रिपोर्टर को कहीं पुलिस नहीं दिखी। संदिग्ध झोला जंक्शन से लेकर गोरखनाथ मंदिर तक रखा गया, लेकिन पुलिस की नजर उसपर नहीं पड़ी। ऐसे में सुरक्षा है बेदम, कैसे बचेंगे हम। जबकि, कानपुर रेल हादसे के पीछे आईएसआई का हाथ सामने आने के बाद देशभर में अलर्ट जारी है। हर जगह खुफिया नजर है, लेकिन गोरखपुर की सुरक्षा व्यवस्था में कोई बदलाव है। टाइम - दोपहर 12.45 बजे प्लेस - गोरखनाथ मंदिर मेन गेटआई नेक्स्ट रिपोर्टर ने हाथ में बैग लिए आराम से मेन गेट से मंदिर में एंट्री ले ली। गेट पर तैनात सुरक्षाकर्मियों ने जांच के लिए रोका तक नहीं। हाथ में बैग लिए आराम से रिपोर्टर अपने साथी फोटो जर्नलिस्ट के साथ अंदर दाखिल हो गया।
टाइम - दोपहर 1 बजे प्लेस - गोरखनाथ मंदिर दूसरा गेटआई नेक्स्ट रिपोर्टर अपने साथी फोटो जर्नलिस्ट के साथ दूसरे गेट पर पहुंचा। गेट पर डोर मेटल डिटेक्टर लगा है ताकि आने-जाने वालों की जांच हो सके। लेकिन वहां पुलिस कर्मी अखबार पढ़ने में व्यस्त दिखे और कहीं कोई चेक करने वाला नहीं था।
टाइम - दोपहर 1.25 बजे प्लेस - मंदिर द्वार मंदिर कैंपस के अंदर प्रवेश करने के बाद भी मंदिर में जाने के लिए एक और गेट है। इस गेट पर तैनात पुलिसकर्मी मोबाइल पर बिजी थे। कुछ पुलिस कर्मी आपस में वार्तालाप में मशगूल रहे। रिपोर्टर आराम से अंदर चला गया, किसी ने नहीं रोका। टाइम - दोपहर 1.30 बजे प्लेस - सदर सांसद कार्यालय मंदिर के भीतर स्थित सदर सांसद के कार्यालय के पास लगे डोर फ्रेम मेटल डिटेक्टर के पास भी कोई चेकिंग नहीं हो रही थी। रिपोर्टर आराम से बैग के साथ अंदर दाखिला हुआ। डोर मेटल से किसी प्रकार की कोई आवाज भी नहीं आई। टाइम - दोपहर 1.35 बजे प्लेस - मेला कैंपसरिपोर्टर मेला में पहुंच गया जहां जबरदस्त भीड़ थी। गेट के पास सुरक्षा कर्मी तैनात थे। हाथ में हैंड मेटल डिटेक्टर भी थे लेकिन सुरक्षाकर्मी न तो किसी को रोक रहे थे, न जांच कर रहे थे।
टाइम - दोपहर 1.45 बजे प्लेस - मेला कैंपस का पश्चिमी छोर मेले के पश्चिमी छोर के पास तैनात पुलिस कर्मी एकदम चुस्त नजर आ रहे थे। कोई भी आए-जाए, उन्हें कोई मतलब नजर नहीं आया। किसी की चेकिंग नहीं हो रही थी। टाइम - दोपहर 2 बजे प्लेस - रेलवे स्टेशन मेन गेट गोरखनाथ मंदिर से रिपोर्टर रेलवे स्टेशन पहुंचा। यहां स्थिति कुछ सही थी। मेन गेट पर लगे डोर फ्रेम मेटल डिटेक्टर और लगेज स्कैनर सही काम करते मिले। टाइम - दोपहर 2.15 बजे प्लेस - प्लेटफॉर्म नंबर दो प्लेटफॉर्म नंबर 2 पर स्थित आरपीएफ पोस्ट के पास पहुंचने पर भीतर कुछ आरपीएफ वाले आपस में बात करते नजर आए। रिपोर्टर के बैग पर किसी का कोई ध्यान नहीं था। किसी ने कोई चेकिंग नहीं गई। टाइम - दोपहर 2.30 बजे प्लेस - जीआरपी थाना यहां के बाद रिपोर्टर जीआरपी थाने पहुंचा। मौके पर कोई भी पुलिस कर्मी तैनात नहीं था। रिपोर्टर अपने झोले को लेकर थाने के भीतर प्रवेश किया तो कुछ पुलिस कर्मी मिले लेकिन किसी ने किसी भी प्रकार की तफ्तीश नहीं की। टाइम - दोपहर 2.35 बजेप्लेस - स्टेशन का पश्चिमी गेट
रिपोर्टर जब जीआरपी थाने से बाहर पश्चिमी गेट की तरफ से निकला तो जीआरपी के जवान मेटल डिटेक्टर के साथ नजर आए। लेकिन किसी ने पूछताछ नहीं की। जबकि उनको गेट पर पूछताछ करना चाहिए था। टाइम - दोपहर 2.45 बजे प्लेस - रेलवे बस स्टेशन रेलवे स्टेशन से निकलने के बाद रिपोर्टर गोरखपुर डिपो स्टेशन पहुंचा। जहां पर किसी भी प्रकार की सुरक्षा नजर नहीं आई। जबकि बस स्टेशन पर चौकी है। पुलिस कर्मी जाम के झाम से लोगों को निजात दिलाने में व्यस्त दिखे। टाइम - दोपहर 3.00 बजे प्लेस - राप्तीनगर डिपो रिपोर्टर राप्तीनगर डिपो पहुंचा। मौके पर मौजूद बस के भीतर चढ़ गया। बैग रखकर उतर गया। लेकिन काफी देर तक किसी ने लावारिस बैग के बारे में किसी प्रकार की तफ्तीश नहीं की। वर्जनसुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। मंदिर मुख्य गेट के पास डोर फ्रेम मेटल डिटेक्टर और एचएमडी दोनों से ही चेकिंग चल रही है। मकर संक्रांति के मौके पर जब भीड़ थी तब मंदिर के दूसरे गेट के पास डोर फ्रेम मेटल डिटेक्टर लगाया गया था। अब भीड़ उतनी नहीं है इसलिए उसको हटाया गया होगा। रहा सवाल सुरक्षा का तो हम पूरी तरह से सक्रिय हैं।
रामलाल वर्मा, एसएसपी, गोरखपुर