पांच लाख लोगों को नहीं मिलता शुद्ध पानी
- 2006 के बाद तेजी से गिर रहा जलस्तर
- पानी की उपलब्धता, लेकिन शुद्ध पानी की कमी का संकट GORAKHPUR: शहर में जल संकट गहराने वाला है। इसका अंदाजा भले ही शहर में रहने वालों को न हो, लेकिन तेजी से भागता जलस्तर इसी तरफ संकेत दे रहा है। वहीं अभी बीते गर्मी में ही पानी के लिए शहर में आधा दर्जन जगहों पर हंगामे हुए थे। जलकल का आंकड़ा कहता है कि पिछले दस साल में ही दो सौ फीट जल स्तर गिरा है। इसका असर यह है कि हर साल दो से तीन ट्यूबवेल पानी देना बंद कर रहे हैं। वहीं, शहर में जितने भी ट्यूबवेल हैं, उनकी घटती जा रही है। पांच लाख को नहीं मिलता शुद्ध पानीशहर की संभावित जनसंख्या लगभग 13 लाख है। जलकल के मानक की बात करें तो औसत प्रत्येक व्यक्ति को प्रति दिन 3 लीटर पानी की आवश्यकता पड़ती है। इस तरह देखें तो शहर की 13 लाख की आबादी को प्रतिदिन 45.5 लाख लीटर शुद्ध पानी की आवश्यकता पड़ेगी, जबकि जलकल विभाग डेली 30 लाख लीटर पानी की सप्लाई कर रहा है। इस तरह शहर में डेली 15 लाख लीटर पानी की कमी हो रही है। ऐसे में अगर देखें तो शहर में डेली लगभग पांच लाख लोगों को शुद्ध पानी नहीं मिल पाता। ये लोग अपनी प्यास बुझाने के लिए पानी खरीदते हैं या अशुद्ध पानी पीते हैं।
बर्बाद हो जाता 28 प्रतिशत पानी जलकल के आंकड़ों की मानें तो शहर में डेली 28 प्रतिशत पानी बर्बाद हो जाता है। जलकल के जेई पीएन मिश्रा का कहना है कि शहर की पाइप लाइन बहुत पुरानी हो चुकी है, जिसके कारण अक्सर लीकेज की प्रॉब्लम आ जाती है। सबसे अधिक पानी की बर्बादी पाइप लीकेज के कारण आती है। जून में एक दिन अलहदादपुर में और एक दिन जलप्रिय विहार कॉलोनी में पाइप लीकेज के कारण नौ नौ घंटे तक लगातार सड़क पर पानी बहता रह गया था। गाड़ी धुलाई में बर्बाद पानी गाड़ी पानी का खर्च दो पहिया 50 लीटर चार पहिया 100 से 150 लीटरट्रक 150 लीटर
बस 300 से 400 लीटर ट्रैक-ट्राली 200 लीटर पानी बर्बादी के मुख्य कारण - पाइप लीकेज - टैंकर में ओवरफ्लो पानी भरकर ले जाना - सार्वजनिक स्थानों पर टूटी हुई टोटियां - सार्वजनिक स्थानों पर टोटियों का बंद न होना - जलकल के पानी टंकियों के ओवरफ्लो होना - पाइप लाइनों में गंदे पानी की सप्लाई हो जाना - घरों में टोटियों को खुला छोड़ देना - घरों की टंकियां का ओवरफ्लो होना - घरों की टोटियों का खराब हो जाना मांग और सप्लाई शहर के 68 प्रतिशत एरिया में पाइप लाइन और 32 प्रतिशत एरिया में इंडियामार्का हैंडपंप से पानी सप्लाई पेयजल उत्पादन (बडे़ और छोटे नलकूप)- 90 एमएलडी (मिलियन लीटर डेली) मानक के अनुसार- 135 एलपीसीडी (लीटर प्रति कैपिटा पर डे) कुल पेयजल की आवश्यकता (मांग)- 135 एलपीसीडी मांग की कमी(शार्ट फाल)- 41.3 एलपीसीडी पेयजल की उपलब्धता प्रति व्यक्ति प्रतिदिन- 93.70 एलपीसीडी दस साल में गिरता जलस्तरवर्ष जल स्तर
बडे़ ट्यूबवेल मिनी ट्यूबवेल इंडियामार्का हैंडपंप 2006 375 फीट 300 फीट 110 फीट 2007 400 फीट 350 फीट 110 फीट 2008 400 फीट 360 फीट 110 फीट2009 410 फीट 370 फीट 110 फीट
2010 420 फीट 380 फीट 110 फीट 2011 450 फीट 380 फीट 110 फीट 2012 480 फीट 380 फीट 110 फीट 2013 500 फीट 390 फीट 110 फीट 2014 550 फीट 400 फीट 110 फीट 2015 600 फीट 450 फीट 110 फीट 2016 620 फीट 475 फीट 110 फीट